पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से मिला जिला बार एसोसिएशन रेवाड़ी का प्रतिनिधि मंडल, ज्ञापन सौंपा
वकीलों ने जिला अदालत रेवाड़ी के इंस्पेक्टिंग जज हरपाल सिंह एवं जस्टिस रवींद्र जैन को भी दी घटना की जानकारी
मारपीट करने वाले पुलिस अधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों को निलंबित करने की मांग की
चीफ जस्टिस ने व्यकतिगत हस्तक्षेप करने का दिया आश्वासन
चंडीगढ़ । भिवाड़ी पुलिस द्वारा हरियाणा राज्य के जिला बार एसोसिएशन रेवाड़ी के प्रधान एवं उनके साथी कई वकीलों के साथ की गयी मारपीट उन्हें जबरन गैरकानूनी तरीके से हवालात में बंद करने एवं गैरकानूनी कार्रवाई करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. यह मामला अब पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ए के मित्तल और जिला अदालत रेवाड़ी के इंस्पेक्टिंग जज हरपाल सिंह एवं जस्टिस रवींद्र जैन के सामने पहुंच गया। जिला बार एसोसिएशन रेवाड़ी एवं हाइकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मिला कर इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन सौंपा और मामले में व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग करते हुए भिवाड़ी पुलिस के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की. वकीलों ने झूठे मुकदमें रद्द करने और मारपीट करने के आरोपी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की है. बताया जाता है कि चीफ जस्टिस एवं रेवाड़ी कोर्ट के इंस्पेक्टिंग जज ने इसमें कार्रवाई का आश्वासन दिया है. इस माले को लेकर गुडगाँव, रेवाड़ी महेंद्रगढ़ सहित कई जिले के वकील हड़ताल पर हैं.
चीफ जस्टिस हाई कोर्ट से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में मिंदरजीत यादव पूर्व चेयरमैन बार कौंसिल, डॉक्टर अनमोल रतन सिद्धू , कोसली बार के प्रधान दुष्यंत यादव, एडवोकेट टी गाँधी , एडवोकेट ओम कला यादव एडवोकेट , एडवोकेट विपिन यादव, एडवोकेट जगबीर मालिक , एडवोकेट रणबीर यादव , एडवोकेट इन्द्रपाल गोयत एवं एडवोकेट फारुख अब्दुल्ला सहित दर्जनों वकील एवं विभिन्न बार एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल थे.
वकीलों के पर्तिनिधिमंडल ने भिवाड़ी पुलिस द्वारा की गई ज़्यादतियों के बारे में बताया चीफ जस्टिस को अवगत कराया एक ज्ञापन भी सौंपा . वकीलों के अनुसार इस मुलाक़ात के बाद मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीशों ने अपने लेवल पर इस मामले में राजस्थान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी से बात करने का आश्वासन दिया। इस विषय में मिंदर जीत यादव पूर्व चेयरमैन बार कौंसिल ने ए डी जी पी राजस्थान नवदीप सिंह से भी बात की. ए डी जी पी राजस्थान ने आश्वासन दिया कि वे जल्द ही इस मामले को निपटाएंगे ।
प्रतिनिधिमंडल की ओर से हरियाणा एवं पंजाब हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एवं रेवाड़ी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के इंस्पेक्टिंग जज को सौंपे ज्ञापन में रेवाड़ी बार के प्रधान की ओर से बताया गया है कि गत 11 मई को शाम 7:45 बजे रेवाड़ी के अधिवक्ता विजय सिंह, फूल बाग चौक थाना, भिवाड़ी गए थे जहां केशब नाम के एक व्यक्ति को संबंधित पुलिस थाना ने 7 मई से कथित तौर पर गैरकानूनी तरीके से हिरासत में ले रखा था. विजय सिंह एडवोकेट ने केशव नाम के व्यक्ति के बारे में पूछा तो पुलिस ने बताया कि केशव के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज है. जब उक्त एडवोकेट ने ऍफ़ आई आर की कॉपी मांगी तो पुलिस ने कहा कि ऍफ़ आई आर के मामले में जानने वाले आप कौन होते हैं ? और पुलिस ने उनके साथ बदतमीजी की. कथित तौर पर उनकी उनके साथ मारपीट भी की .
यहां तक कहा जाता है कि उनको जबरन हवालात में भी डाल दिया. वकीलों ने आरोप लगाया है कि उक्त विजय सिंह एडवोकेट के कपड़े भी उतरवा दिए. उसके शरीर पर केवल अंडरवियर बनियान रहने दिय. एडवोकेट का मोबाइल भी पुलिस ने छीन लिया.
ज्ञापन के अनुसार विजय सिंह एडवोकेट के साथ विक्रम नाम का एक व्यक्ति भी था जिसने इस घटना की जानकारी एडवोकेट विजय सिंह की पत्नी को दी. विजय सिंह की पत्नी ने रविंद्र यादव, जिला बार एसोसिएशन रेवाड़ी प्रधान को इसकी पूरी जानकारी दी और उनसे मदद की गुहार की. इस घटना की जानकारी मिलते ही जिला रेवाड़ी के प्रधान रविंद्र यादव और उनके साथ सुरेश राय एडवोकेट, दिनेश कौशिक एडवोकेट, भिवाड़ी फूलबाग थाना पहुंचे और थाने के गेट पर खड़े संतरी से पूछा विजय सिंह एडवोकेट की गिरफ्तारी के बारे में पूछा . रेवाड़ी जिला बार प्रधान और अन्य वकीलों ने अपना परिचय देकर उनसे मिलने की बात की . लेकिन उनके साथ भी उक्त थाने की पुलिस ने अच्छा व्यवहार नहीं किया. पुलिस संतरी ने कहा कि विजय नाम का कोई व्यक्ति या वकील पुलिस कस्टडी में नहीं है .जब पुलिस वाले के साथ वकीलों की बातचीत हो रही थी तभी उनकी आवाज सुनकर विजय सिंह एडवोकेट जो उस थाने की हवालात में बंद था उसने जोर से आवाज लगाई कि मैं यहां हवालात में बंद हूं .
उनकी आवाज सुनकर वकीलों ने विजय सिंह एडवोकेट से मिलने की कोशिश की लेकिन थाने में मौजूद पुलिस अधिकारी व पुलिस कर्मियों ने उनके साथ भी मारपीट शुरु कर दी .सभी पुलिस वाले उन वकीलों पर झपट पड़े. इस ज्ञापन के अनुसार वकीलों के साथ मारपीट करने वालों में राकेश कुमार, महेंद्र, कैलाश चंद एस आई और थाने में छह सात अन्य पुलिसकर्मियों के नाम भी शामिल हैं. वकीलों के अकहना है कि उनके साथ धक्का-मुक्की की गई. मारपीट की गई. एक वकील के पेट में एक पुलिस वाले ने जोर से लात मारी जिससे उनकी हालत बहुत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा. कुछ पुलिसकर्मी जो मारपीट में शामिल थे उनके नाम नहीं बताए गए हैं हालांकि उन्होंने दावा किया है कि अगर उन्हें सामने लाया जाए तो उसकी पहचान कर सकते हैं.
आरोप है कि पुलिसकर्मी महेंद्र द्वारा सुरेश राय एडवोकेट को पेट में लात मारने से उनकी हालत ख़राब हो गयी जिन्हें अस्पताल में भर्ती करना पडा. कुछ देर बाद थाना के एस एच ओ ने अपने डी एस पी सिद्धार्थ शर्मा को फोन कर थाने में बुला लिया. जब सिद्धार्थ शर्मा डी एस पी थाने में आए तो प्रधान रविंद्र यादव जिला बार र्वादी ने अपनी शिकायत उनसे बताई और उनके सामने पड़ी कुर्सी पर बैठने की कोशिश की तो डीएसपी सिद्धार्थ शर्मा ने भी उनके साथ दुर्व्यवहार किया. बदतमीजी से पेश आए.
उन्होंने वकीलों की बात को अनसुनी कर दी. इस बीच पुलिसकर्मी द्वारा सुरेश राय एडवोकेट को पेट में लात मारने की वजह से उनके पेट में भयंकर दर्द हो गया. रात में ही उसे सिविल अस्पताल भिवाडी ले जाया गया वहां से डॉक्टर ने इलाज के लिये सिविल अस्पताल अलवर ए रेफर कर दिया है जहाँ अभी भी उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. बाकी वकीलों को पूरी रात में न खाना दिया गया और पीने को पानी .
ज्ञापन के अनुसार अगले दिन पुलिस थाना फूल बाग चौकी प्रभारी ने सीआरपीसी 151 के तहत उनकी गिरफ्तारी दिखा कर उन्हें एस डी एम् के कोर्ट में पेश कर दिया. उक्त थाना पुलिस ने उन सभी एडवोकेट के खिलाफ धारा 332 ,353 आईपीसी /एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज क्र दिया है. वकीलों ने चीफ जस्टिस पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से मिलकर इस मामले में व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने की मांग की है. वकीलों ने मांग की है कि जिला बार एसोसिएशन रेवाड़ी के प्रधान एवं अन्य वकीलों के साथ मारपीट करने वाले दोषी पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. अवैध रूप से वकीलों को हिरासत में रखने व मारपीट करने तथा भद्दी गालियां देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर तत्काल उक्त पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की जाए और उन्हें निलंबित करने की मांग भी की है. इसके ही साथ ही जिला बार एसोसिएशन की ओर से चीफ जस्टिस को सौंपे गए ज्ञापन में वकीलों के खिलाफ दर्ज कथित झूठे और बेबुनियाद तथ्यों पर आधारित FIR को भी रद्द करने की मांग की है .
बताया जाता है कि इस मामले का संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस ने आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है.
वकीलों के साथ मारपीट की इस घटना ने भिवाड़ी पुलिस को संदेह के दायरे में ला खड़ा किया है. एक राज्य की पुलिस द्वारा दूसरे राज्य के वकीलों को गैरकानूनी तरीके से हवालात में बंद करने और उनके साथ नाहक मारपीट करने का यह असंवैधानिक तरिका चर्चा का विषय बना हुआ है. हरियाणा के वकीलों में इस घटना को लेकर तीव्र रोष है. आशंका इस बात की प्रबल है कि अगर दोषी पुलिस कर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की गयी तो हरियाणा सहित अन्य राज्यों के वकील बेमियादी हड़ताल पर जा सकते हैं.