पहली बार में ही मादक पदार्थों को ‘ना’  कहने की हिम्मत रखें : डा. प्रदीप

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-मादक पदार्थों के सेवन के विरूद्ध नागरिक अस्पताल से निकाली गई जागरूकता रैली

 
गुरुग्राम, 11 मई। युवाओं को मादक पदार्थों के सेवन से दूर रहने के लिए आज नागरिक अस्पताल से जागरूकता रैली का आयोजन किया गया जिसे प्रधान चिकित्सा अधिकारी डा. प्रदीप शर्मा ने झंडी दिखाकर रवाना किया। 
 
इस मौके पर उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय(बाल )के रैली में शामिल विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सभी युवाओं से अपील की कि वे पहली बार में ही मादक पदार्थ अथवा नशे को ‘ना’ कहें, चाहे उनका जिग्री दोस्त ही क्यों ना ऑफर कर रहा हो। उन्होंने युवाओं से कहा कि यदि कोई आपका मित्र या परिचित नशा करता हो तो उसके बारे में उसके परिवार वालों तथा हमें अवश्य बताएं ताकि उसका समय पर इलाज करके उसकी जिंदगी को बचाया जा सके। डा. प्रदीप ने युवाओं से कहा कि आप हमारे एम्बेस्डर हैं और स्वयं को नशे से दूर रखते हुए, दूसरे अपने साथियों को भी नशे से दूर रहने का संदेश देते हुए यदि नशे में संलिप्त व्यक्तियों का जीवन बचाओगे तो सही मायने में आज की यह जागरूकता रैली सार्थक होगी। 
 
डा. प्रदीप ने कहा कि युवाओं के लिए सीधी राह पर चलना आज के आधुनिक युग मे कठिन है, लेकिन जीवन में सफलता उसी व्यक्ति को मिलती है जो सीधी राह पर चलकर मेहनत करता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि नशा ही यदि करना है तो मेहनत का करो , देश को आगे ले जाने का करो, अपने परिवार को स्मृद्ध बनाने का करो। उन्होंने कहा कि बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि युवा आजकल गंभीर नशा जैसे मादक पदार्थों हेरोइन , गांजा, सुल्फा, ब्राऊन शुगर आदि का नशा करते हैं और स्वयं को नशीले पदार्थों का इंजेक्शन लगाते हैं। ये नशे भूत की तरह होते हैं, एक बार शरीर में घुस गया तो उसका निकलना मुश्किल हो जाता है, इसलिए पहली बारी में ही ऐसे नशे को मना करने की हिम्मत रखें। इस प्रकार का नशा आपके शरीर को खोखला कर देता है और धीरे धीरे मृत्यु की ओर ले जाता है जिससे आप अपना नुकसान तो करेंगे ही , साथ में परिवार को भी हानि होगी।
 
इस अवसर पर मनोरोग विशेषज्ञ डा. बह्मदीप संधु ने बताया कि एससीईआरटी द्वारा किए गए सर्वे में पाया गया है कि आज के युवाओं में मादक पदार्थों के अलावा रेव पार्टी का प्रचलन भी बढ़ रहा है। आज युवा अलग-अलग नशो के लिए विभिन्न प्रकार के तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। युवाओं को चाहिए कि वे इन नशों को छोडऩे के लिए अपनी विल पावर को स्ट्रांग करें। उन्होंने कहा कि युवा अपनी इस विल पावर का प्रयोग केवल नशे को छोडऩे के लिए ही नही बल्कि जिंदगी में कामयाब होने के लिए भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति नशा छोडऩा चाहे तो उसे केवल 5 से 10 दिन तक थोड़ी तकलीफ का सामना करना पड़ता है जिसके  बाद उसका जीवन बर्बाद होने से बच जाता है। 
 
श्री संधु ने कहा कि नशे से ग्रस्त व्यक्ति की समाज में प्रतिष्ठा व आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। नशे से उसे शारीरिक हानि तो होती ही है इसके साथ ही उसे कई बार नौकरी का भी नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि एक अध्ययन के अनुसार लगभग 17 प्रतिशत लडक़े तथा 4 से 5 प्रतिशत लड़कियां नशे का सेवन कर रहे हैं। नशे की लत से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि बच्चों को शुरू से ही इसके दुष्प्रभावों के बारे मे बताया जाए ताकि आगे चलकर उनके मन में स्वत: ही नशे के प्रति घृणा का भाव उत्पन्न हो सके। 

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