नई दिल्ली। दुबई कोर्ट ने भारत के दो व्यक्तियों को घोटाले मामले में ऐसी सजा सुनाई है कि सुनने वाले सोच में पड़ जाएं। ये सजा गोवा के 37 वर्षीय सिडनी लिमोस और उनके अकॉउंट विशेषज्ञ रियान डिसूजा को 13 अरब रुपये की धांधली के मामले में सुनाई गई है। जानकारी के मुताबिक इस घोटाले में हजारों निवेशकों को नुकसान हुआ है, जिसके चलते उन दोनों की सजा की अवधि 500 साल निर्धारित की है।
इस झूठे वादे की भुगतनी पड़ रही है सजा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लिमोस की कंपनी ने निवेशकों को प्रलोभन दिया था कि वो उनके यहां निवेश करें तो भारी रिटर्न देगा। लिमोस ने 25 हजार डॉलर के निवेश पर 120 प्रतिशत का न्यूनतम सालाना रिटर्न देने का वादा किया था। लेकिन अब ये धोखेबाजी सामने आने पर लेने के देने पड़ गए।
पत्नी पर भी दर्ज हुआ है केस
लिमोस और उसके अकाउंट विशेषज्ञ के अलावा उनकी पत्नी वलानी पर भी केस दायर किया गया है। उन पर आरोप है कि वो सील ऑफिस में गैरकानूनी रूप से घुसकर, दस्तावेज ले गई।
पहले ही हुए थे गिरफ्तार,
इस मामले में लिमोस को सबसे पहले 2016 के दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इसके बाद जनवरी में फिर उसे गिरफ्तार किया गया। साथ ही उसके अकाउंट स्पेशलिस्ट को फरवरी में दुबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था।
भारत में भी कम नहीं हैं ऐसे मामले
गौरतलब है कि इन्वेस्टमेंट के पर धोखाधड़ी और जालसाजी करने वालो को इस सजा से सबक लेना चाहिए। भारत में भी इस तरह के अनगिनत केस पड़े हैं, लेकिन इतनी ठोस कार्रवाई के अभाव में यहां ये चलन थमने का नाम नहीं ले रहा है।