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31 पदों की स्वीकृति से 1.33 करोड़ रुपये से अधिक के खर्च का अनुमान
चंडीगढ, 21 मार्च : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साइबर अपराध और अन्य संबंधित मामलों में पुलिस अधिकारियों का कौशल बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए गुरुग्राम में हरियाणा पुलिस की एक अति विशिष्ट इकाई, डिजिटल अन्वेषण, प्रशिक्षण और विश्लेषण केन्द्र (डीआईटीएसी) के लिए 31 पदों को स्वीकृति प्रदान की है।
गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि इन 31 पदों की स्वीकृति से 1.33 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा।
उन्होंने बताया कि गुरुग्राम का डिजिटल अन्वेषण, प्रशिक्षण और विश्लेषण केंद्र हरियाणा पुलिस की एक अति विशिष्ट इकाई है, जिसने अपना एक वर्ष सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस अवधि के दौरान, इस प्रयोगशाला ने साइबर अपराधों और अन्य संबंधित मामलों में पुलिस अधिकारियों का कौशल बढ़ाने के लिए कई प्रशिक्षण कोर्स संचालित किए हैं। इसके अलावा, इसने राज्य के विभिन्न जिलों और अन्य जांच एजेंसियों से प्राप्त 60 से अधिक महत्वपूर्ण मामलों पर कार्रवाई की है। इन मामलों में, पैटर्न लॉक, पिन लॉक और अन्य चुनौतीपूर्ण बाधाओं वाले विभिन्न कम्पनियों के 150 से अधिक मोबाइल फोनों का डेटा एक्स्ट्रैक्शन सफलतापूर्वक किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि डिजिटल अन्वेषण, प्रशिक्षण और विश्लेषण केंद्र के सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल ने जाट आंदोलन, डेरा सच्चा सौदा आंदोलन और रोजाना की कानून-व्यवस्था की स्थिति के दौरान आपत्तिजनक सामग्री पर निगरानी रखकर बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने बताया कि डेरा मामले में, गुरमीत राम रहीम के आधिकारिक ट्विटर और फेसबुक अकाउंट को इस सेल द्वारा अविलम्ब निलंबित कर दिया गया था। इस केंद्र ने देश के अन्य राज्यों में काफी लोकप्रियता अर्जित की है और इस केंद्र का अन्य राज्यों के विभिन्न पुलिस या खुफिया विभागों तथा अर्ध-सैनिक बलों के प्रतिनिधियों ने भी दौरा किया है।
उन्होंने बताया कि स्वीकृत पदों में एक उप-पुलिस अधीक्षक (डीएसपी), तीन निरीक्षक, एक उप-निरीक्षक, एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई), नौ हैड कांस्टेबल (एच.सी.) और दस कांस्टेबल के साथ एक कार्यालय सहायक, एक लिपिक और चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि डिजिटल अन्वेषण, प्रशिक्षण और विश्लेषण केंद्र का प्रभारी उप-पुलिस अधीक्षक होगा जबकि सोशल मीडिया मॉनिटरिंग लैब, साइबर फोरेंसिक लैब और प्रशिक्षण प्रयोगशाला के प्रभारी पुलिस निरीक्षक होंगे। इस सेल के सर्वर का प्रभारी उप-निरीक्षक होगा। उन्होंने बताया कि दो हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल हर शिफ्ट में 24&7 आधार पर ऑपरेटर के रूप में काम करेंगे तथा दो हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल को अवकाश या प्रशिक्षण सम्बंधी आवश्यकता के लिए आरक्षित रखा जाएगा।