एशियाई विकास बैंक और सरकार के बीच ऋण समझौते पर हस्ताक्षर
बिहार में पानी आपूर्ति में सुधार व विस्तार के लिए 84 मिलियन डॉलर का ऋण मिलेगा
सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
नई दिल्ली : सरकार और एशियाई विकास बैंक ने बिहार के भागलपुर और गया शहरों में पानी की आपूर्ति में सुधार और विस्तार के लिए आज 84 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये।
दो भागों में यह ऋण बिहार शहरी विकास निवेश कार्यक्रम के लिए 200 मिलियन डॉलर की बहु-श्रृंखला वित्तीय सुविधा (एमएफएफ) का हिस्सा है। एडीबी ने 2012 में बिहार के चार शहरों-भागलपुर, गया, दरभंगा और मुजफ्फरपुर में निरंतर शहरी बुनियादी ढांचा और सेवाएं प्रदान करने के लिए इसकी मंजूरी दी थी।
वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव (बहुउद्देशीय संस्थानों) श्री समीर कुमार खरे ने ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद बताया कि परियोजना दो से भागलपुर और गया शहरों के लोगों को बेहतर गुणवत्ता वाली और निरंतर पानी की आपूर्ति हो सकेगी। इससे बेहतर जल प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा, जिसके परिणामस्वरूप दोनों शहरों में 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन शोधित जल की 24 घंटे बिना किसी बाधा के आपूर्ति हो सकेगी।
एडीबी के इंडिया रेजीडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर श्री केनीची योकोयामा ने बताया कि ऋण के रूप में मिलने वाली राशि से उप परियोजना कार्यों को सहायता मिलेगी और परियोजना वाले दोनों शहरों में 1.1 मिलियन लोगों को फायदा मिलेगा। 2021 तक दोनों शहरों में अधिक मात्रा में शोधित जल मिलेगा; 400 शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को जलापूर्ति प्रणाली के प्रबंधन, संचालन और रखरखाव का प्रशिक्षण दिया जाएगा। श्री योकोयामा ने समझौते पर एडीबी की ओर से हस्ताक्षर किये। बिहार सरकार की ओर से रेजीडेंट कमिश्नर श्री विपिन कुमार ने समझौते पर हस्ताक्षर किये।
परियोजना के अंतर्गत दोनों शहर राष्ट्रीय शहरी सेवा उद्देश्यों को हासिल करेंगे अथवा भारत में शहरी सेवा वितरण कार्य निष्पादन के अनेक राष्ट्रीय औसतों के अनुरूप होंगे। निवेश कार्यक्रम संचालन और रखरखाव की लागत वसूली के लिए सस्ती दरें तैयार करने में यूएलबी की सहायता करेगा।
ऋण की अवधि 25 वर्ष की होगी, जिसमें पांच वर्ष की छूट अवधि शामिल होगी। लंदन इंटरबैंक ऑफर्ड रेट (एलआईबीओआर) पर आधारित एडीबी की ऋण देने की सुविधा के अनुसार वार्षिक ब्याज दर तय की जाएगी और प्रतिवर्ष 0.15 प्रतिशत प्रतिबद्धता शुल्क देना होगा।