नई प्रकाश व्यवस्था में एकीकृत ऊर्जा और डेटा केबल पर कम्प्यूटर द्वारा नियंत्रण
नई दिल्ली : केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग और आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय ने इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध विरासत भवनों-राष्ट्रपति भवन तथा नॉर्थ और साउथ ब्लॉक- में शक्तिशाली व गतिशील प्रकाश व्यवस्था की स्थापना की है। पहले जीएलएस/मैटल हेलाइड/सोडियम वेपर के माध्यम से प्रकाश व्यवस्था की जाती थी। इसकी रोशनी वर्तमान के एलईडी लाइट की तुलना में बहुत मंद होती थी। राष्ट्रपति ने 19 जनवरी, 2018 को राष्ट्रपति भवन पर की गई नई प्रकाश व्यवस्था का उद्घाटन किया।
बताया जाता है कि नई एलईडी लाइटों की जीवन अवधि एक लाख घंटे है जबकि पहले उपयोग में लाई जा रही लाइटों की जीवन अवधि 10,000 घंटे थी। आसानी से निर्माण और रख-रखाव के लिए नई प्रकाश व्यवस्था में एकीकृत ऊर्जा और डेटा केबल पर कम्प्यूटरीकृत नियंत्रण की प्रणाली है।
इस नई प्रणाली में बल्बों का रंग संयोजन, समय का निर्धारण, रोशनी को कम करना, एक या अनेक बल्बों/संयोजनों पर नियंत्रण आदि की व्यवस्था इथरनेट आधारित नियंत्रक के माध्यम से की गई है। इस प्रकाश प्रणाली में बहुरंग-संयोजन की सुविधा है। राष्ट्रपति भवन और नॉर्थ व साउथ ब्लॉक की गुम्बदों, छतरियों, स्तंभों व अन्य भागों पर प्रकाश के रंग संयोजन से इन भवनों की वास्तुकला की विशेषता उभरकर सामने आती है। यह प्रणाली ऊर्जा कुशल के साथ-साथ सस्ती भी है। नई प्रकाश व्यवस्था से इन भवनों का मूल्य संवर्धन हुआ है।