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: मृतक उमर को इंसाफ दिलाने के लिए पूर्व मंत्री आफबात अहमद की अगुवाई में आयोग से एक प्रतिनिधि मंडल दिल्ली में मिला
: राजस्थान में पहलू की हत्या, फरीदाबाद में जुनेद हत्या, सोनीपत में इमाम की हत्या, डींडरहेडी में डबल मर्डर और डबल गैंग रैप अब घाटमीका राजस्थान के उमर
यूनुस अलवी
मेवात : मेवात से सटे राजस्थान के गांव घाटमीका निवासी उमर खान की कुछ दिन पहले फज़ऱ्ी गोरक्षकों द्वारा क्रूरतापूर्वक हत्या किऐ जाने और भाजपा शासित प्रदेशों में अल्पसंख्यक समुदाय पर लगातार लगातार हो रहे हमलों के मामले में पूर्व मंत्री व प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष आफताब अहमद की अगुवाई में एक प्रतिधिमंडल सोमवार को दिल्ली में अल्पसंख्यक आयोग पहुंचा। जहां पर आफताब ने राजस्थान की भाजपा सरकार व अन्य प्रदेशों की भाजपा सरकारों अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के खिलाफ भारत सरकार के अल्पसंख्यक आयोग में मामले को जोरदार तरीके से उठाया है। वहीं उन्होने आयोग से ऐसी घटनाओं पर नकेल कसने की मांग की।
आफ़ताब अहमद ने मेवात के लोगों को साथ लेकर अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सय्यद गेहरुल हसन रिज़वी से मिलकर देश भर में लगातार अल्पसंख्यक समुदाय पर तथाकथित व फज़ऱ्ी गोरक्षकों द्वारा हमलों की शिकायत दर्ज कराते हुए तुरंत प्रभावी करवाई करने की मांग की है। वहीं आयोग के चेयरमैन ने पूर्व मंत्री को आश्वासन दिया है की आयोग राजस्थान सरकार से सारे मामले की रिपोर्ट तलब करेगा और पीडि़तों को न्याय के लिए मजबूती से पहल करेगा। ऐसे मामलों में आयोग कठोर कदम उठाएगा और दोषियों को हर हाल में दण्डित व पीडि़त के लिए न्याय दिलाया जाऐगा।
आफताब ने कहा कि राजस्थान में पहलू की हत्या फिर फरीदाबाद में जुनेद की हत्या, सोनीपत में एक इमाम की हत्या, डींडरहेडी में डबल मर्डर और डबल गैंग रैप अब घाटमीका राजस्थान के उमर खान को तथाकथित गोरक्षकों ने जिस वर्बता से मार दिया था। उनके गुप्तांग काट कर रेलवे लाइन पर डाल दिया था। ऐसी बरर्बता कभी नहीं देखी गई। ऐसे मामलो में जहां सरकारों को आरोपियों के खिलाफ बिना भेदभाव के कडी कार्रवाई करनी चाहिए वहीं भाजपा की सरकार आरोपियों को बचाने का काम कर रही है। पूर्व मंत्री ने पीडि़त परिवारों को सरकारी नौकरी व उचित मुआवजा दिऐ जाने की मांग की और फर्जी गौ रक्षक दल की शाखाओं व चौकियों पर पूर्ण पाबन्दी लगाने की मांग की।
इस मौके पर पूर्व मंत्री चौधरी आफ़ताब अहमद के साथ उनके प्रदेश कांग्रेस सदस्य महताब अहमद, रफ़ीक धुलावट, मौलवी हमीद हुसैन, अख्तर हुसैन चंदेनी, शरीफ अडबर, हाजी नईम इक़बाल, अय्यूब खान सेहरावत, अली जान सरपंच, हाजी सहाबुद्दीन, असलम खान साथ थे।
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