नई दिल्ली। राफेल जेट फाइटर खरीद मामले में कांग्रेस व भाजपा में बयानबाजी का दौर शुरू है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि एक कारोबारी को फायदा पहुंचाने के लिए डील बदल दी गई। दूसरी तरफ मामले पर केंद्र सरकार के साथ-साथ वायुसेना ने भी सफाई दी है। वायुसेना ने कहा कि राफेल खरीद सौदे में ज्यादा कीमत नहीं दी गई और सरकार ने फ्रांस के लड़ाकू विमान के सौदे के लिए बहुत अच्छा मोलभाव किया।
मिडिया की खबर में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने दावा किया है की इसके लिए ज्यादा कीमत नहीं दी गई है। उन्होंने कहा है की “हमने अनुबंध से भी कम दाम पर 36 फ्रेंच लड़ाकू विमान राफेल के लिए मोलभाव किया। सरकार ने सौदे में बहुत अच्छा मोलभाव किया। आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन पर दिए बयान में धनोआ ने कहा है कि यह सरकार से सरकार के बीच का अनुबंध है।”
उन्होंने कहा कि वायुसेना को अच्छे मोलभाव वाले दाम पर 36 लड़ाकू विमान मिल रहे हैं। बीजेपी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल के आरोपों को पूरी तरह नकारा है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस को अपने शासन की याद होनी चाहिए जब वह ऐसे मुद्दे उठाते थे। इस मामले पर रिलायंस डिफेंस लिमिटेड ने भी कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है।