अति पिछड़ा वर्ग रथ पहुंचा बादली, कृषि मंत्री ओ पी धनखड़ को सौंपा ज्ञापन : सुखबीर प्रजापति

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अति पिछड़ों को पंचायत राज में 30 प्रतिशत कोटा देने की मांग 

झज्जर   सामाजिक न्याय मोर्चा के तत्वाधान में चल रहा अति पिछड़ा वर्ग जन अधिकार रथ हल्का बादली पहुंचा। कृषि विज्ञान केन्द्र झज्जर में बादली से विधायक हरियाणा सरकार में कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ को अति पिछड़े वर्ग की मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष सुखबीर प्रजापति ने मंत्री को बताया कि बिहार की तर्ज पर अति पिछड़ों को पंचायत राज में 30 प्रतिशत कोटा चाहिए। अति पिछड़े वर्ग की जनसंख्या लगभग 42 प्रतिशत है।

किसानी पिछड़ा ओबीसी का सारा कोटा खा रहा है। मोर्चा 36 बिरादरी की बात करता है। 35 बिरादरी की बात करने वाले नेता बताएं कि जो अपनी खुद की बिरादरी (बीसीए) जजमानी पिछड़ों की राजनीति और नौकरियों का सारा हिस्सा डकार गए अब 35 बिरादरी की बात करते है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 36 बिरादरी हमारी है, अब अति पिछड़ों की बारी है। मंत्री जी ने अति पिछड़ा वर्ग जिन्दाबाद के नारे लगाए और विश्वास दिलाया कि मै आप की आवाज सरकार के समक्ष रखूंगा। रथ का नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकिशन सैन कर रहे थे।

 

श्री सैन ने कहा कि केन्द्र सरकार ने क्रीमी लेयर की सीमा 6 लाख से बढाकर 8 लाख की है, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की कार्यवाही की है तथा ओबीसी कोटे का कर्पूरी फ ार्मूले के अनुसार श्रेणी विभाजन की जो कमेटी बनाई हैै, उसके लिए सामाजिक न्याय मोर्चा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और उनकी सरकार का आभार व्यक्त करता है और निवेदन करता है कि अति पिछड़े वर्ग को राजनीति में हिस्सेदारी दें ताकि इतनी बड़ी जमात जो अभी तक राज से वंचित है, उसको भी राज-काज मे हिस्सेदारी मिल सके। श्री सैन ने 5 नवंबर को होने वाली अति पिछड़ों की जन अधिकार रैली के लिए में झज्जर में चूल्हा नोत न्यौता दिया और लोगों से अधिक से अधिक संख्या में रैली में पहुंचने की अपील की।

 

इस यात्रा में मुख्यत: बिहार से नन्द किशोर चन्द्रवंशी, बाला काकरान जिला अध्यक्षा म0 झज्जर, राजेन्द्र ठेकेदार जिला अध्यक्ष रेवाड़ी, श्री भगवान स्वामी, अनिल कुमार प्रजापति, महावीर सैन प्रधान, हवा सिंह प्रजापति गोहाना, कृष्ण सैन, श्रीकिशन जांगड़ा, कोच पूजा सैन, ताराचन्द माछरोली, किशन लाल धोबी, रमेश लखेरा, सतीश रोहिल्ला, उमेश ठाकुर आदि मौजूद रहे।

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