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भारतीय जीव जंतुकल्याण बोर्ड के सदस्य एंव ग्वाला गद्दी के अध्यक्ष मोहन सिंह अहलूवालिया के देशी घी का भरा सैंपल
जांच में मानकों से भी अधिक शुद्धता पाऐ जाने से हैं सभी हैरान
चंडीगढ़ की सुप्रसिद्ध धार्मिक संस्था शिरडी साईं समाज ने की थी शिकायत
देश भर में ग्वाला गद्दी मिलावट के खिलाफ चलाऐगी अभियान
अमूल, वीटा, मदरडेरी और बाबा राम देव के घी पर उंगली उठाते हुऐ ग्वाला गद्दी ने जांच की मांग की है
अहलूवालिया कस्बा पिनगवां(पुन्हाना) के रहने वाले हैं
कस्बा पिनगवां में गाय का देशी घी बनाने की 17 साल पहले की थी शुरूआत
यूनुस अलवी
मेवात:देश प्रदेश में मिलावट के खिलाफ आवाज उठाने वाले एंव भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य तथा ग्वाला गद्दी के अध्यक्ष मोहन सिंह अहलुवालिया की ग्वाला गद्दी संस्था द्वारा मोहाली में गाय का देसी घी बनाने वाली ग्वाला गद्दी दुग्ध प्रोसेसिंग यूनिट देशी घी फैक्ट्री पर छापा मारकर गत 28 अगस्त को सैंपल लिए। ये सैंपल चंडीगढ़ की सुप्रसिद्ध धार्मिक संस्था शिरडी साईं समाज ने अपने यहां घी को इस्तेमाल करने से पहले भरवाऐ थे। बाद में इन सैंपलों को प्रतिष्ठित आईडीएमए लैबोरेट्रीज लिमिटेड के पास जांच के लिऐ भेज दिया था। 30 अगस्त 2017 को एफएसएसआईएल द्वारा घी के सैंपलों की टेस्ट रिपोर्ट भेजी गई है। टैस्ट रिपोर्ट में घी को 99.78 फीसदी की उच्चतम प्रतिशतता के साथ शुद्ध करार दिया है। अपने घी का सैंपल पास होने के बाद ग्वाला गद्दी के अध्यक्ष एंव भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया ने देश भर में मिलावट के खिलाफ अभियान चलाने की घोषणा की है। वहीं उन्होने अमूल, वीटा, मदर डेरी और बाबा राम देव द्वारा बनाऐ जा रहे घी और अन्य पदार्थो की भी जांच होनी चाहिए।
ग्वाला गद्दी के अध्यक्ष एंव भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया ने हमारे संवाददाता को फोन पर बताया कि उन्होने तो पहले ही ऐलान कर रखा था कि उनके घी का कोई भी किसी समय सैंपल भर सकता है लेकिन बहुत सी बडी-बडी घी और अन्य सामान बनाने वाली कंपनी जांच के नाम पर भाग जाती हैं। उन्होने बताया कि ग्वाला गद्दी डेढ़ दशक से दुग्ध व अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ जंग लड़ रही है। उन्होनें गुजरात की एक नामी गिरामी दुग्ध पदार्थों की कम्पनी के खिलाफ कई मामले दर्ज करवाए हैं।
मोहन सिंह अहलुवालिया ने बताया कि रायपुर रानी जिला पंचकूला में ग्वाला गद्दी दुग्ध प्रोसेसिंग यूनिट की शुरुवात करके दोबारा मिलावट के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आन्दोलन करने की रणनीति बना रही है। अपने इस आन्दोलन को धरातल पर उतारने के लिए मिलावट के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए देश भर के सभी राज्यों में सेमीनार, गोष्ठियों, मीटिंग्स के जरिए एक बड़ी सशक्त टीम बना रहे हैं। इससे पहले भी उन्होने ग्वाला गद्दी की मार्फत देश मेंं दुग्ध उत्पादन करने वाले किसानों को वाजिब दाम दिलाने के लिऐ दिल्ली में एक अभियान चलाया था।
ग्वाला गद्दी के देसी गाय के घी पर जांच रिपोर्ट आने पर मोहन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा जांच में शुद्धता का मांपडंड 99.5 होना चाहिए लेकिन उनके घी का सैंपरल 99.78 प्रतिशत आया है। उन्होने कहा कि लोगों को चाहिए कि वो ना केवल ग्वाला गद्दी बल्कि किसी भी कम्पनी द्वारा निर्मित खाद्दय एवं दुग्ध पदार्थों की गुणवत्ता को लैब में टेस्ट कराए और टेस्ट कराने की आदत डालें ताकि व्यापक स्तर पर चल रहे मिलावट के गोरखधंधे का भंडाफोड़ हो सके। आज एक विचित्र संयोग है कि लोग खाद्य पदार्थ के सैंपल भरने के नाम से भाग जाते है।