दिल्ली : केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने चर्चित इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले की लापता फाइल्स के मामले में एक एफाइआर दर्ज करवाई गयी है। उल्लेखनीय है कि इस मामले को लेकर पहले भी भाजपा व कांग्रेस के हमले प्रति हमले होते रहे हैं. अब नये कदम से बयानबाजी तेज हो सकती है ।
धारा 409 के तहत एफाइआर दर्ज
बताया जाता है कि गृह मंत्रालय के अवर सचिव ने संसद मार्ग पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 409 के तहत एफाइआर दर्ज करवाई है। अब पुलिस इस बात की जांच करेगी कि किन परिस्थितियों में यह पांच फाइल्स गायब हो हुई हैं और इसके पीछे कौन है.
जाँच समिति ने क्या कहा ?
उल्लेखनीय है कि इस मामले कि जाँच के लिए अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाई गयी थी . संकेत है कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि सितंबर 2009 में इन दस्तावेजों को जानबूझ कर या अनजाने में हटा दिया गया है.
चिदंबरम के ज़माने में गायब हुई थी फाइल
यहाँ यह ध्यान देने वाली बात है कि उस समय यूपीए कि सरकार थी और गृह मंत्री पी चिदंबरम थे। जांच समिति के अनुसार पांच में से केवल एक फाइल ही मिली है। समिति ने गत 15 जून को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। खबर है कि दिल्ली पुलिस आयुक्त द्वारा 26 अगस्त को भेजे गये संदेश के बाद 22 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की गयी।
11 सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों से कि गयी पूछताछ
तत्कालीन गृह सचिव जी के पिल्लै सहित 11 सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों के बयानों समिति ने दर्ज किये हैं और 52 पृष्ठों की रिपोर्ट सौंपी है.