नई दिल्ली : रेलगाडि़यों में यात्रियों सहित महिला यात्रियों की हिफाजत और सुरक्षा के लिए भारतीय रेलवे द्वारा कई कदम उठाए गए हैं. असुरक्षित और चिन्हित मार्गों/खंडों पर 2500 रेलगाडि़यों (औसतन) को प्रतिदिन रेलवे संरक्षण बल द्वारा मार्ग में सुरक्षा प्रदान की जाती है। इसके अलावा विभिन्न राज्यों में प्रतिदिन 2200 ट्रेनों को जीआरपी द्वारा मार्ग में सुरक्षा दी जाती है।मुसीबत में फंसे यात्रियों की सहायता के लिए भारतीय रेलवे में सुरक्षा हेल्पलाइन नम्बर 182 शुरू किया गया है।रेलगाडि़यों को सुरक्षा प्रदान करने वाले दस्तों को मार्ग और स्टेशनों पर गाड़ी रूकने के समय महिलाओं के डिब्बों में अतिरिक्त चौकसी बरतने को कहा गया है। यह जानकारी आज राज्यसभा में रेल राज्य मंत्री राजेन गोहिन ने एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।
उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में पुरूषों का प्रवेश रोकने के लिए नियमित रूप से अभियान चलाए जाते हैं और यदि कोई पुरूष ऐसा करता पाया जाता है, तो रेलवे कानून के प्रावधानों के अंतर्गत उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे के लगभग 344 स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाती है।
रेल मंत्री ने कहा कि महानगरों में चलाई जाने वाली महिला स्पेशल रेलगाडि़यों को महिला आरपीएफ कांस्टेबलों द्वारा मार्ग में सुरक्षा उपलब्ध कराई जाती है। महानगरों में चलाई जाने वाली उपनगरीय रेलगाडि़यों को आरपीएफ और जीआरपी द्वारा मार्ग में सुरक्षा उपलब्ध कराई जाती है। ऐसी रेलगाडियों में महिला यात्रियों की उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देर रात और सुबह-सवेरे सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाती है। इसके अलावा आरपीएफ, जीआरपी द्वारा अपराध का उचित पंजीकरण और जांच-पड़ताल सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस के साथ सभी स्तरों पर नियमित रूप से समन्वय बैठकें करता है।