Font Size
: ढोल नगाडों के साथ गांव में हरीचंद का स्वागत किया जाएगा
: बेटी मंजू पिता के लिए उसका पसंददीदा खाना हलवा पूरी बनाएगी
: हरी की पत्नी को चार साल की होली-दिवाली की खुशियां एक साथ मिलेगी
यूनुस अलवी
मेवात: करीब चार-पांच साल बाद साउदी अरब से अपने गांव बसई मेव लोट रहे हरीचंद के परिवार और गांव में दिवाली की खुशियों जैसा माहौल है। ढोल नंगाडों के साथ हरीचंद के स्वागत की तैयारी उनके परिवार, गांव और रिश्तेदार कर रहे हैं। सभी को हरीचंद के आने का इंतजार है। हरीचंद के पसंदीदा खाना हलवापूरी बनाने की घर में तैयारी चल रही है। सभी को हरीचंद के दीदार का इंतजार है। जब से हरीचंद के घर वापसी की जानकारी उनके बेटे, बेटी और पत्नि को मिली है तब से उनकी रातों की नींदे उड गई हैं और खाने की भूख बढ गई है। घर में खुशी का आलम है कि परिवार के लोग शब्दों में ब्यां नहीें कर पा रहे हैं। हरी चंद के घर वापसी की जानकारी रिश्तेदारों को भी मिल गई है। हरी की एक बहन चार दिन पहले की बसई मेव गांव पहुंच गई है। हरीचंद साउदी अरब से शुक्रवार रात्री 10 बजकर 50 मिनिट पर वाया अबुधावी होते नई दिल्ली की इंद्रा हवाई अड्डे पर करीब 12 बजे पहुंचेगा। हरीचंद को रिसीव करने के लिऐ उसका एक बडा बेटा, भतीजा सहित कुछ प्रमुख लोग हवाई अड्डे पर पहुंच रहे हैं।
: हरीचंद की पत्नि ओमबती कहती हैं : चार साल की होली-दिवाली की खुशियां एक साथ मिलेगी
हरीचंद की पत्नि ओमबती का कहना है कि चार साल पूरे परिवार के रोते-रोते बीत हैं। अब जब उनके आने की तसदीक हो गई है तो मेरी आंखों की नींद उड गई हैं। आज उसे दिवाली से भी ज्यादा खुशी हो रही है। शनिवार को हरीचंद के आने के बाद होली-दिवाली की खुशियां एक साथ नसीब होगीं। उन्होने कहा कि उसकी बस यही तमन्ना ही की हरींचद सही सलामत घर लोट कर आ रहा है। जब उसे पता चला की वह किसी शैख के चक्कर में फंस गया है। वह बच्चों से दूर जंगल मे जाकर रोकर अपना दिल हल्का करती थी। जब हरीचंद साउदी अरब गया था तो उसकी बडी-बडी तमन्नाऐं थी। दो साल बाद वापिस आने पर बडे बेटे और बेटी की घूमधाम से शादी करने का इरादा था। बच्चों की शादी अच्छी तरीके से हो सके इस वजह से वह विदेश कमाने गया था। उन्होने उसके पति हरिचंद की मदद करने पर अटेरना गांव के हनीफ सईद को दुआऐं देते हुऐ उनका धन्यवाद किया है।
बडी बेटी हरी के लिऐ बनाएगी पसंददीदा खाना
हरीचंद की बडी बेटी मंजू का कहना है कि उनके पिता को खाने में हलवा-पूरी पसंद है इस लिऐ उनके आने से पहले हलवा-पूरी बनाने की तैयारी चल रही है। मंजू का कहना है कि जब से उसे पता चला की पिता किसी झूंठे मामले में फंस गऐ हैं। परिवार के लोगों ने तीन दिन तक खाना नहीं खाया लेकिन अब उनको इतनी खुशी है कि वे दिन में तीन बार खाना खा रही हैं।
पिता का बेसब्री से है इंतजार, ढोल नगाडों से होगा स्वागत
हरीचंद के बडे बेटे अशोक का कहना है कि पूरे परिवार को पिता का बेसबरी से इंतजार है। चार-पांच साल बाद घर लोटने पर पिता जी का ढोल नगाडों से स्वागत किया जाऐगा। अशौक का कहना है कि उनके पिता के आने की खुशी इतनी है कि जिसको शब्दों में ब्यां नहीं किया जा सकता है। आज पूरा परिवार ही नहीं गांव वाले और रिश्तेदार भी खुश हैं।