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चण्डीगढ़, 1 जुलाई : हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून लागू करके सरकार ने स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार लागू किया है। केन्द्र और राज्यों द्वारा एक ही समय पर जीएसटी लगाया जा रहा है और भारत के संविधान में 101वें संशोधन के उपरांत यह एक नई सुविधा है। जीएसटी के शुरू होने से अनेक कराधान समस्याएं, अलग-अलग टैक्स दर ढांचा और असमान व्यापार पद्धतियां समाप्त हो जाएंगी। देशभर में एक समान दरों पर कर वसूला जाएंगा।
उन्होंने कहा कि 17 विभिन्न प्रकार के करों के स्थान पर श्रेष्ठ एकल कर की टैक्स पद्धति होगी और जीएसटी के शुरू होने से ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’ का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इससे कम से कम मानव व्यावधान से अधिक पारदर्शिता, व्यापार प्रक्रिया का सरलीकरण, आर्थिक विकास में उभार और वस्तुओं के मूल्य में कमी होगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि लघु और मध्यम स्तर के उपक्रमों के हितों की सुरक्षा के लिए जीएसटी के तहत विशेष प्रावधान किये गए हैं। लघु स्तरीय ईकाइयों को जीएसटी के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखने के दृष्टिगत प्रतिवर्ष 20 लाख रुपये से कम का कारोबार वाले व्यापारिक उपक्रमों को स्वयं को पंजीकरण करवाने की आवश्यकता नहीं है। फिर भी, 75 लाख रुपये प्रतिवर्ष से कम का कारोबार करने वाले व्यापारिक उपक्रमों के लिए एक कम्पोजिशन योजना है, जिसमें ऐसे व्यक्तियों को नाममात्र का कर जमा कराने और एक सरल तरीके से केवल एक तिमाही में रिर्टन फाईल करने की आवश्यकता होगी।
मानव खपत के लिए उपयुक्त अल्कोहलिक शराब और पांच पैट्रोलियम उत्पाद क्रुड ऑयल, डीजल, पैट्रोल, प्राकृतिक गैस और एटीएफ को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इन वस्तुओं पर कर लगाने के लिए राज्यों के अधिकार में कोई परिवर्तन नहीं होगा। यद्यपि जीएसटी के तहत राज्य और केन्द्र द्वारा तीन विभिन्न अधिनियमों के तहत कर लगाएं जाएंगे, जो राज्य जीएसटी, सेन्ट्रल जीएसटी और समेकित जीएसटी हैं। टैक्स करदाता को जीएसटी के तहत सभी तीन करों के लिए केवल एक रिटर्न फाईल करने की आवश्यकता होगी। प्रदेश के टैक्स करदाता और अन्य पणधारकों को जिला और टाऊन स्तर पर संगोष्ठियों, बैंठकों और कार्यशालाओं का आयोजन करके तथा रेडियो और समाचार पत्रों के माध्यम से जीएटी कानूनी के सभी पहलूओं के प्रति जागरूक, शिक्षित और प्रशिक्षित भी किया गया है। आईटी प्रणालियों से सम्बंधित संदेहों और समस्यों के समाधान के लिए मुख्यालय पर एक 10 सीटों वाला हैल्पडैस्क स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त, सभी जिला कार्यालयों और मुख्यालयों में भी हैल्पडैस्क स्थापित किया गए हैं।
उन्होंने कहा कि आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को जीएसटी कानून की मूल अवधारणा और प्रमुख विशेषताओं पर प्रशिक्षण दिया गया है। प्रदेश के अधिकारियों को प्रदेश में जीएसटी के सफल क्रियान्वयन के लिए जीएसटी कानूनों में नये बदलावों के बारे में नवीनतम जानकारी देने के लिए उन्हें जीएसटी पर रिफरेशर प्रशिक्षण भी दिया गया है।
वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि प्रदेश में कुल 2,47,999 लाइव डीलर्स में से जीएसटी प्रणाली में सफलतापूर्वक नामांकन करने वाले डीलरों की संख्या 1,90,234 है, जो 76.71 प्रतिशत है। जीएसटी के तहत नया पंजीकरण जीएसटी पोटर्ल पर 25 जून, 2017 से आरम्भ हुआ था और प्रदेश में अब तक नये पंजीकरण के लिए 782 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
30 जून तक जीएसटी प्रवासन स्थिति का उल्लेख करते हुए कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि राज्य के विभिन्ल जिलों में 1,90,234 आवेदक अब तक सफलतापूर्वक लॉगइन कर चुके हैं जोकि लगभग 77 प्रतिशत है। इनमें जिला पंचकूला में 84.77 प्रतिशत, जगाधरी में 84.11 प्रतिशत, जिला रेवाड़ी में 80.97 प्रतिशत, फरीदाबाद (पूर्व) में 80.65 प्रतिशत, फरीदाबाद (उत्तर)में 79.40 प्रतिशत, फरीदाबाद (पश्चिम) में 76.99 प्रतिशत और फरीदाबाद (दक्षिण) में 77.95 प्रतिशत, जिला झज्जर में 75.91 प्रतिशत, गुरुग्राम (पश्चिम) में 79.76 प्रतिशत, गुरुग्राम (उत्तर) में 77.42 प्रतिशत, गुरुग्राम (दक्षिण) में 74.52 प्रतिशत और गुरुग्राम (पूर्व) में 76.53 प्रतिशत आवदेक सफलतापूर्वक लॉगइन कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, जिला कुरुक्षेत्र में 79.98 प्रतिशत, जिला करनाल में 74.84 प्रतिशत, जिला पलवल में 79.51 प्रतिशत, जिला महेंद्रगढ़ (नारनौल) में 78.52 प्रतिशत, जिला सोनीपत में 78.19 प्रतिशत, जिला कैथल में 70.84 प्रतिशत, जिला पानीपत में 76.05 प्रतिशत, जिला भिवानी में 73.03 प्रतिशत, जिला हिसार में 78.29 प्रतिशत, जिला रोहतक में 70.67 प्रतिशत, जिला सिरसा में 77.11 प्रतिशत, जिला अंबाला में 70.39 प्रतिशत, जिला नंूह में 72.92 प्रतिशत, जिला फतेहाबाद में 81.69 प्रतिशत और जिला जींद में 62.26 प्रतिशत आवदेक सफलतापूर्वक लॉगइन कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा द्वारा 4 मई, 2017 को हरियाणा गुडस एंड सर्विस टैक्स अधिनियम, 2017 पारित किया गया। नियम भी बनाए जा चुके हैं और इस सम्बंध में सरकार द्वारा आवश्यक अधिसूचनाएं भी जारी की जा चुकी हैं। इसलिए राज्य गुडस एंड सर्विस टैक्स अधिनियम, 2017 को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि जीएसटी देश के नागरिकों के लिए एक वरदान साबित होगा।