खास खबर : गांव मरोडा पंचायत के लोगों की जगी उम्मीद,  ट्रंप के नाम पर होगा का विकास

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: जिला मुख्यालय नूंह से मात्र तीन किलोमीटर दूर मरोडा पंचायत में नहीं है मूलभूत सुविधाए

: आज भी महिलाए सिर पर मटका रखकर दूर से लाती हैं पीने का पानी

यूनुस अलवी

खास खबर : गांव मरोडा पंचायत के लोगों की जगी उम्मीद,  ट्रंप के नाम पर होगा का विकास 2मेवात:   गुरूग्राम-अलवर रोड पर नूंह जिला मुख्यालय से मात्र तीन किलोमीटर दूर बसे पिछडी जाती के गांव मरोडा और उसकी पंचायत के अंर्तगत आने वाले गांव छावा और निजामपुर आजादी के 70 साल बाद भी विकास की ब्यार से दूर हैं। इन तीनों गांवों में बिजली, पीने का पानी, रास्ते, गलिया, चौपाल और पंचायत घर जैसी प्रयाप्त मूलभूत सुविधाऐं भी मयस्सर नहीं हो सकी है। सुलभ इंटरनेश्रल द्वारा इन तीनों गावों को गोद लिये जाने से गांव के लोगों की उम्मीद जरूर जगी हैं। गांव वालों का कहना है कि कोई तो फरिश्ता बनकर उनके गांव में आया है जिसने उनके गांव में समस्याओं से निजात दिलाने का बीडा उठाया है। गांव के लोगों का शुक्रवार को उस समय खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब उनके गांव को अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नाम पर सुलभ इंटरनेश्रल संस्था द्वारा गोद लेने की घोषणा की और गांव में रोजगार को बढाने देने के सिलाई, कढाई सेंटर खोलने, गांव के घर-घर में शौचालय खोलने की घोषणा की गई।खास खबर : गांव मरोडा पंचायत के लोगों की जगी उम्मीद,  ट्रंप के नाम पर होगा का विकास 3
 
  आप को बता दे कि गांव मरोडा, गांव छावा और गांव निजामपुर की संयुक्त पंचायत है। इन तीनों गावों में आबादी के लिहाज से निजामपुर सबसे बडा गांव हैं। जब से प्रदेश में पंचायत राज कानून लागू हुआ है तभी से गांव निजामपुर निवासी ही सरपंच बनता आ रहा है। पहली बार पिछले पंचायत चुनाव में गांव छावा निवासी खुरशीद सरपंच बने हैं जबकि गांव मरोडा का आजतक कोई भी आदमी सरपंच नहीं बन सकाक है। तीनों गांवों की करीब 4000 की आबादी है और लगभग 1400 से वोट हैं। तीनों गावों में पीने के पानी की भारी किल्लत है।
 

क्या कहती है अमीना ? 

 
गांव मरोडा निवासी अमीना का कहना है कि उनके गांव में करीब 150 घर हैं सभी पिछडी जाती से सम्बंध रखते हैं आज तक उनके गांव का कोई सरपंच नहीं बना जिसकी वजह से उनके गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। उनका गांव में 95 फीसदी गरीब लोग हैं जिनके पास इतना भी पैसा नहीं कि वे अपने घरों से शौचालय बनवा सकें। अब उनको बहुत खुशी है कि उनके गांव में शौचालय बनने शुरू हो गये हैं।
 

 खास खबर : गांव मरोडा पंचायत के लोगों की जगी उम्मीद,  ट्रंप के नाम पर होगा का विकास 4क्या कहती हैं खुरशीदा ? 

 
  गांव निजामपुर निवासी खुरशीदा का कहना है कि उनको तो कभी उम्मीद भी नहीं थी कि उनके गांव में भी पीने के पानी और शौचालयों का इंतजमा करा देगा। गांव में खारा पानी है, जंगल में पूरे गांव के लिये केवल एक कुआ है जहां से सिर पर मटका रखकर पीने का पानी लाना पडता है। अब उनको उम्मीद है कि उनकी पीने के पानी की समस्या का समाधान हो सकेगा।
 

क्या कहती है रूखसार  ? 

 
रूखसार 12वीं कक्षा पास है परिवार गरीब है, गांव में कोई सिलाई सेंटर, या कढाई-बुनाई सेंटर नहीं हैं। गांव में पांचवी कक्षा तक का स्कूल है उसके बाद उनको नूंह स्थित 5 किलोमीटर दूर सरकारी स्कूल में पढने जाना पडता है जिसकी वजह से  अधिक्तर मां-बाप लडकियों को पढने नहीं भेजते हैं। उनके गांव में 12वीं कक्षा तक का स्कूल खोला जाना चाहिये।
 

 क्याखास खबर : गांव मरोडा पंचायत के लोगों की जगी उम्मीद,  ट्रंप के नाम पर होगा का विकास 5 कहते हैं गांव के सरपंच  ?

 
गांव मरोडा के सरपंच शौकत अली का कहना है कि उन्होने तो ख्वाब में भी नहीं सोचा था कि उनके गांव का नाम अमरीका के राष्ट्रपति के नाम से जुडेगा। नूंह शहर से सटा हुआ होने के बावजूद भी विकास की ब्यार उनके गांव तक नहीं पहुंची। उनको अब उम्मीद है कि सुलभ इंटरनेश्रल द्वारा उनके गांव को गोद लिये जाने के बाद गांव में समस्याओं का समाधान हो सकेगा।

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