नई दिल्ली: कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सजा देने का मुद्दा मंगलवार को लोकसभा में भी उठा. कई सांसदों ने पाकिस्तान की इस कार्रवाई की निंदा की और उसे आतंकवादी देश घोषित करने की मांग की. सदस्यों द्वारा उठाये गए सवालों पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन को आश्वस्त किया कि भारत इस मसले पर किसी भी हद तक जाने को तैयार है. उन्होंने पाकिस्तान के इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि इस मामले में न्याय के सिद्धांतों की जानबूझ कर अनदेखी की गयी है. उन्होंने खुलासा किया कि कुलभूषण को बचाव के लिए वकील तक मुहैया नहीं कराया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि कुलभूषण को अगवा कर पाकिस्तान में लाया गया.
इस मेल पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी बयान दिया. उन्होंने राज्यसभा में कहा कि पाकिस्तान ने एक बनावटी मामला खड़ा किया है. वास्तव में पाकिस्तान के पास कुलभूषण जाधव के खिलाफ कोई सुबूत नहीं है. सुषमा ने साफ़ क्र दिया कि कुलभूषण ने कुछ भी गलत नहीं किया. उनका कहना था की यदि उसे फांसी दी गयी तो भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों पर विपरीत असर पड़ेगा. सुषमा ने खुलासा किया कि वह जाधव के परिवार के संपर्क में हैं. सात बार जाधव के माता-पिता से फोन पर बात कर चुकी हैं. उन्होंने सदन को भरोसा दिलाते हुए कहा कि कुलभूषण केवल अपने मां-बाप का बेटा नहीं है बल्कि वह पूरे हिंदुस्तान का बेटा है.
भारत ने पाकिस्तान से कड़े शब्दों में कहा है कि अगर कुलभूषण जाधव को फांसी दी गई तो यह जानबूझ कर की गयी हत्या होगी. सोमवार को भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर इस पर कड़ा ऐतराज जताया था. भारत का कहना है की जाधव को ईरान से अगवा किया गया.