हमें अपने विचारों में बदलाव लाने की जरूरत है : डा. शाहीद सद्दीक

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महिला दिवस कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट शारीक हुए पूर्व फिल्म निदेशक हैं डा. शाहीद सद्दीक

यूनुस अलवी

 
मेवात :   अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस व मातृ शक्ति महोत्सव के मौके पर आज नूंह के एम.डी.ए. के ई-दिशा हॉल में महिला दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अंतराष्ट्रीय मानव अधिकार पत्रकार व पूर्व फिल्म निदेशक डा. शाहीद सद्दीक ने बतौर चीफ गेस्ट के रुप में भाग लिया।     
      डा. शाहिद सद्दीक ने आंंगनवाड़़ी महिलाओं को संबोधित करते हुए बताया कि हमें अपने विचारों में बदलाव लाने की जरुरत है। जिससे की एक अच्छे समाज का निर्माण हो सके। उन्होंने आंगनवाड़ी वर्कर से कहा कि वे गांव में महिलाओं को व उनके परिवार को जागरुक करें। उन्होंने कहा कि हमें बेटियों की शिक्षा पर ध्यान देना होगा। उन्होनें महिला दिवस पर संबोधित करते हुए बताया कि यह दिवस अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही महिलाओं को संमान करने व उनकी उपलब्धियों का उत्सव मनानें का दिन है। उन्होनें बताया एक नारी फूल के समान होती है और वह अपने सभी परिवारों के दुंखों को दूर कर खुशियों को समेटे रखती है। वह अपनें परिवार के सभी दुखों का निवारण करती है। वह अपनें बच्चों को पोषाहार पूर्ण मात्रा में देती है। आजकल नारियां हर क्षेत्र में बाजी मार रही है तथा हर क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए देखा जा सकता है। पहले इन्हे कमजोर समझा जाता था किंतु इन्होनें अपनी मेहनत और मेथा शक्ति के बल पर हर एक क्षेत्र में प्रवीणता हासिल कर ली है। इनकी इस प्रतिभा का संमान करना चाहिए। नारी का सारा जीवन पुरूष के साथ कधें से कधा मिलाकर बीत जाता है नारी इस तरह से भी संमानीय है।                  
उन्होनें बेटी बचाओ बेटी पढाओं के बारें में जानकारी देते हुए बताया कि बेटियां एक खिलती हुई कलियां होती है । बेटियां ही मां-बाप का दर्द समझती है आज बेटियां ही अपने घर का नाम रोशन करती है बेटी आने वाला कल है। ये घर की चहल-पहल होती है ये एक कमल के समान होती है। सी.डी.पी.ओ. नीना कुमारी ने बताया कि हमारे क्षेत्र में ओर जिले के मुताबिक लिंग अनुपात काफी अच्छा है। उन्होंने कहा कि लगातार हमारा प्रयास है और हमारी टीमे लगातार गांव में जाकर ग्रामिण महिलाओं को आंगनवाड़ी के माध्यम से उन्हें बता रही है कि हरियाणा सरकार द्वारा पहली व दुसरी बेटी के जन्म पर 21 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। साथ ही कहा कि लडक़ी 18 वर्ष की आयु पूरी उपरांत उसे एक लाख रुपए की राशि दी जा रही है। उन्होंने समस्त ग्रामीण व आंगनवाड़ी महिलाओं से कहा कि ज्यादा से ज्यादा बेटी की शिक्षा पर ध्यान दे। उन्होंने कहा कि एक लडक़ी के पढऩे से दो परिवार शिक्षित होते है।                 
            इस मौके पर उमा शंकर, सीडीपीओ अनुपमा, जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से हरपाल डागर, आगनवाडी वर्कर, हैल्पर,इत्यादि मौजूद रहें। 

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