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प्रिंसीपल, प्रोफेसर तो दूर, एक भी स्थाई कर्मचारी नियुक्त नहीं
कॉलेज कि 117 छात्राओं को पढाने कि जिम्मेदारी दो अनंबध गुरूओं पर
बीकॉम कि छात्राऐं तो हैं, पर उनको शिक्षा कौन देगा ये पता नहीं
यूनुस अलवी
मेवात:पुन्हाना का ये कैसा गर्ल कॉलेज, जिसमें ना प्रिंसीपल और ना प्रोफसर। भाजपा का बेटी पढाओ का नारा, ऐसे कैसे साकार होगा। दो साल में कॉलेज को अपना प्रिंसीपल, प्रोफेसर मिलना तो दूर, एक भी स्थाई कर्मचारी तक नियुक्त नहीं किया जा सका है। दर्जन भर अस्सिटेंट प्रोफेसरों के पद खाली है। कॉलेज में दो ही अनुबंध के अस्सिटेंट प्रोफसर है वो 117 छात्राओं को पढाऐं या समझाऐं। ये बात किसी कि समझ में नहीं आ रही है। कॉलेज में पढाने वाले गुरू जी ना होने कि वजह से छात्राऐं भी यहां आने से परहेज कर रही हैं।
काफी जद्दोजहद के बाद पुन्हानावासियों को भाजपा सरकार ने दो साल पहले गर्ल कॉलेज का तौहफा दिया था, लेकिन सरकार कॉलेज में पढने वाली छात्राओं को पढाने के लिये स्टाफ ही लगाना भूल गई। टीचिंग और कलेरिकल स्टाफ ना होने कि वजह से कॉलेज कि 117 छात्राओं को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। बहुत सी छात्राऐं तो यहा ऐडमीशन लेकर अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही हैं।
प्रात जानकारी के अनुसार भाजपा सरकार ने दो साल पहले पुन्हाना में गर्ल कॉलेज का तौहफा दिया था। उस दौरान भाजपा के नेता ही नहीं बल्कि पुन्हाना इलाके के सभी लोगों ने मिठाईयां बांटकर खुशी मनाई थी कि अब उनकी बेटियों को 40-50 किलोमीटर दूर पढने के लिये जाना नहीं पडेगा। इसी वजह से कॉलेज में बीए प्रथम में 74, बीए द्वितीय में 35 और बीकॉम में 8 छात्राओं सहित कुल 117 छात्राओं ने ऐडमीशन ले लिया। शुरू में कॉलेज के प्रिसींपल का चार्ज नगीना कि शुशीला सांगवान को सौंपा गया था लेकिन पिछले 6 माह से गुडगांव द्रोणाचार्य कि प्रिंसिपल को इसका अतिरिक्त चार्ज दे रखा है जो बामुश्किल से 6 बार ही कॉलेज आई होंगी। कॉलेज में बीकॉम कि 8 छात्राऐं तो पर उनको उनको पढाने के लिये कोई नहीं हैं। इतना ही नहीं कॉलेज में अंग्रेजी, हिंदी, कॉमर्स, इकोनोमिक्स, फिजीकल ऐजुकेशन, कम्प्यूटर आदि का कोई प्रोफसर नहीं है। कॉलेज में ना तो लाईब्रेरी है और ना ही लाईब्रेरियन है। कॉलेज में हिस्ट्री और पोलिटिकल साईंस के दो अस्सिटेंट प्रोफसर हैं जो अनुबंध पर लगा रखे हैं। वहीं एक भूगोल शास्त्र का असिस्टेंट प्रोफसर है जिसका डेपूटेशन खत्म हो गया है। जो कभी भी जा सकता है।
बीकॉम कि छात्रा शहनाज, दिव्या, सिवानी, करिष्मा का कहना है कि उनको उम्मीद थी कि सरकार ने जब कॉलेज ही बना दिया तो स्टाफ भी लगाया जाऐगा लेकिन सरकार पुन्हाना का कॉलेज बनाकर ही भूल गई। उनका कहना है कि बीकॉम में आठ छात्राऐं हैं लेकिन हमें पढाने के लिये कोई नहीं हैं। ऐसे में वे कैसे परीक्षा दे पाऐगीं। उनका कहना है कि सरकार एक तरफ तो बेटी पढओ का नारा दे रही है दूसरी और बेटियों को पढाने के लिये स्टाफ भी मुहईया नहीं करा पा रही है। उनका कहना है कि अगर सरकार का ऐसा ही रवईया रहा तो कॉलेज कि सभी छात्राऐं आगे से यहां ऐडमीशन नहीं लेंगी जिसकी वजह से कॉलेज अपने आप ही बंद हो जाऐगा। अगर उनको ऐसा पता होता तो वे कभी भी यहां दाखिला नहीं लेती। छात्रओं का कहना है, उन्होने पुन्हाना के कॉलेज में ऐडमीशन लेकर अपना भविष्य ही खराब कर लिया है।