17 से 19 मार्च तक किसानों को बाजार के गुर सिखायेंगे
चण्डीगढ़ : हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पैरी-एग्रीकल्चर अवधारणा के प्रस्ताव लागू करने तथा किसानों को बाजार के गुर सिखाने तथा उनमें कृषि लीडरशिप की भावना सृजित करने के उद्देश्य से फरीदाबाद सूरजकुण्ड में 18 से 20 मार्च 2017 तक कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन-2017 आयोजित करने का निर्णय लिया है। पहले यह सम्मेलन 17 से 19 मार्च तक होना निर्धारत था।
यह निर्णय कृषि एवं किसान कल्याण मन्त्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता में आज यहां हुई विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में लिया गया। बैठक में हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की चेयरपर्सन श्रीमती कृष्णा गहलावत, कृषि विभाग के प्रधान सचिव डॉ० अभिलक्ष लिखी, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक श्री जे० गणेशन के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक में कृषि मन्त्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह शिखर सम्मेलन स्वर्ण जयंती वर्ष के कार्यक्रमों का हिस्सा है। इसलिये इसमें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कृषि अर्थशास्त्रियों, पर्यावरणविदों, कृषि व्यवसायियों तथा किसानों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए।
बैठक में कृषि विभाग के प्रधान सचिव डॉ० अभिलक्ष लिखी ने कृषि मंत्री को अवगत करवाया कि भारत सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम के तहत इस सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर के पांच सत्रों के अलावा एक सत्र कृषि कौशल मिशन का भी निर्धारित किया गया है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का सत्र अलग से होगा।
श्री धनखड़ ने सुझाव दिया कि देश के सभी कृषि, बागवानी व पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व संकाय सदस्यों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए ताकि जलवायु परिवर्तन के कारण फसल चक्र पर पड़ रहे विपरीत प्रभाव के बारे विस्तार से चर्चा की जाए और किसानों को इसका लाभ मिले।
उन्होंने कहा कि किसान अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं को बेच सकें और नाबार्ड, बैंकिंग व्यवस्था के साथ-साथ समाज के प्रबुद्ध लोगों से सहयोग व जानकारी लेकर अपनी कृषि आय बढ़ा सकें, तभी हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। इस सम्मेलन का फोकस बिंदु भी यही होना चाहिए।
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों का रूझान परम्परागत फसलों की बजाय बागवानी व अन्य नकदी फसलों की ओर हो, इसके लिए राष्टï्रीय राजधानी क्षेत्र में पैरी-एग्रीकल्चर अवधारणा लागू करने का भी प्रस्ताव तैयार किया है ताकि दिल्ली सहित राष्टï्रीय राजधानी क्षेत्र में दूध, फल-फूल, सब्जी, दही अंडे व अन्य डेरी उत्पाद की मांग को पूरा किया जा सके।