हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला का प्रबंध बहुत अच्छा था : एम् निवास
लोगों को ईश्वर साधन के बारे में बताने का अवसर मिला
गुरुग्राम: तमिलनाडू, चेन्नई से आये “हिन्दू यूनाइटेड प्रोग्रेसिव मूवमेंट” के अखिल भारतीय महा सचिव एम् निवास ने www.thepublicworld.com से ख़ास बातचीत में बताया कि गुरुग्राम में आयोजित इस हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य की बात है. उन्हें यह महत्वपूर्ण अवसर मिला जब उन्होंने यहाँ आने वाले हजारों लोगों को मन्त्र की महिमा से परिचय कराया. उन्होंने मेले की प्रबंध व्यवस्था पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इतने बड़े आयोजन को इस प्रकार सुव्यवस्थित तरीके से किया जा सकता है इससे वे अभिभूत हैं.” हिन्दू यू पी एम” को इस मेले में शामिल होने व यहाँ हिन्दू धर्म की पूजा पद्धति के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए हरियाणा प्रदेश के शिक्षा व संस्कृति मंत्री रामविलास शर्मा द्वारा मोमेंटो एवं प्रशंसा पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया.
उल्लेखनीय है कि दक्षिण भारत के राज्यों में बेहद सक्रिय “हिन्दू यू पी एम” नामक इस संस्था का सर्वाधिक फोकस स्कूल के बच्चों को हिन्दू रीतिरिवाज व मंत्र साधना के प्रति जागृत करने पर है. संस्था के अखिल भारतीय महा सचिव एम् निवास के अनुसार गुरुग्राम में इस प्रकार का आयोजन बेहद सफल रहा और यहाँ लोगों से मिला कर उनके साथ बात कर बहुत आनंद आया. हमने एक दूसरे को जाना भी और यहाँ की संस्कृति के बारे में भी हमें पता चला. उनके अनुसार उनकी संस्था ने अब तक चेन्नई के 5 सौ स्कूलों के बच्चों को इस दिशा में जागृत किया है और उनका यह प्रयास लगातार जारी है. उनका सबसे अधिक फोकस सरकारी स्कूलों के बच्चों को इस दिशा में जागरूक करने पर रहता है. उनकी संस्था के प्रतिनिधि मेले में आने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों को हिन्दू धर्मं के द्वारा प्रतिपादित प्रार्थना पद्धति एवं ईश्वर से छः प्रकार के लाभ प्राप्त करने का ढंग बताते थे और बच्चों को मानसिक प्रार्थना व मंत्र जाप के तरीके भी सिखाते देखे गए. यह संस्था पहले हिन्दू यूथ स्पिरिचुअल सेवा संगम के नाम से काम करती थी बाद में इसे विस्तार दिया और हिन्दू युनाईटेड प्रोग्रेसिव मूवमेंट के रूप में काम करने लगी जिसके अखिल भारतीय प्रेसिडेंट, रवि राज हैं.
एम् निवास ने बताया कि वे यहाँ का अनुभव वे अपने शहर व राज्य के लोगों के साथ बाटेंगे . यहाँ की संस्कृति व तौर तरीके से उन्हें भी प्रेरणा मिली है. हालाँकि उनकी संस्था का प्रयास दक्षिण भारत के राज्यों में हिन्दू धर्म की पूजा पद्धति को प्रचारित करने पर है लेकिन जब भी इस तरह के आयोजन उत्तर भारत व अन्य राज्यों में होंगे वे अवश्य इसमें शामिल होंगे. उनका कहना है कि उनकी संस्था दक्षिण के राज्यों में अब तक 50 हजार बच्चों को मंत्र व मानसिक पूजा का लाभ बता चुके हैं और उन्हें इस दिशा में प्रेरित कर चुके हैं. जब भी उन्हें देश के अन्य दिशां में जाने का मौका मिलेगा वे इसका प्रचार करने की कोशिश करेंगे. बच्चों के लिए मेडिटेशन और योग का अभ्यास करना जरूरी बताते हुए उन्होंने इस मेले में कई छोटी छोटी पुस्तकें भी वितरित की.
वे मानते हैं कि आज के सन्दर्भ में हिन्दू अध्यात्मिक एवं सेवा मेला बहुत प्रासंगिक है और इसका आयोजन प्रत्येक छह माह पर देश के विभिन्न क्षेत्रों में किया जाना चाहिए. यही कारन है कि दक्षिण के राज्यों के जिन मंदिरों में कुछ समय पहले तक पर्व त्यौहार में भी एक दो लोग दिखते थे अब हजारों की भीड़ आने लगी है. अब वहां भी हिन्दूओं में अपने संस्कार व संस्कृति के प्रति जागृति आई है और अब तो बड़ी संख्या में युवा वर्ग भी मंदिरों में पूजा अर्चना करने आने लगे हैं. इस मेले में आने के बाद उन्हें हिन्दू धर्म की सेवा करने की और अधिक प्रेरणा मिली है. वह आगे भी अपनी संस्था की ओर से हिन्दू रीती रिवाज व पूजा अर्चना से सम्बंधित जाग्रति पैदा करने की कोशिश करेंगे.
इस संस्था की स्वयंसेविका दिव्य निवास ने भी www.thepublicworld.com से बातचीत कर मेले के अंतिम दिन अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि उनके स्टाल से गुजरने वाले प्रत्येक दर्शक को गंगा जल का आचमन देना बड़ा अच्छा लगता था और फिर लोग हमारे स्टाल पर आ जाते थे और संस्था के बारे में जानना चाहते थे. यहाँ आने वाले प्रत्येक लोगों को भगवद भक्ति क्यों करें , इसका कारण भी टूटी फूटी हिंदी व अंग्रेजी में बड़े स्नेह के साथ वे समझाती रही. उन्होंने बताया कि ईश्वर भक्ति के बारे में एवं मंत्र जाप के बारे में जानने की लोगों में बहुत रूचि थी. उनके अनुसार यहाँ के लोगों का ईश्वर भक्ति में अटूट आस्था है.यहाँ आना उन्हें बहुत अच्छा लगा .
2 फ़रवरी से 5 फ़रवरी तक चले हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले में संस्था के कार्यकर्त्ता विजयन एवं कल्पना ने भी दर्शकों को संस्था के विचारों से अवगत कराया.