बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह सजग एवं सतर्क : डीसी

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– बाल विवाह कराने पर हो सकती है दो साल की कैद व एक लाख का जुर्माना

गुरूग्राम, 06 मई। डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि जिला प्रशासन बाल विवाह रोकने के लिए पूरी तरह सजग एवं सतर्क है। आगामी 10 मई को अक्षय तृतीया (अक्खा तीज) पर विवाह-शादियों के लिए अबूझ सावा व शुभ मुहूर्त होने के चलते बहुत अधिक शादियां होती हैं। ऐसे शुभ मुहूर्त पर बाल विवाह होने का अंदेशा भी बना रहता है। इस दौरान बाल विवाह की रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। जिला प्रशासन की ओर से बाल विवाह करने व करवाने वालों पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डीसी ने जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी को अक्षय तृतीया पर बाल विवाह को रोकने के लिए पुजारी, गांव के सरपंच व नंबरदार सहित शहर के पूर्व पार्षदों को आगाह करने के साथ-साथ इस तरह की शादी पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने  मैरिज पैलेस व बैंक्वेट हॉल के संचालकों, मैरिज पैलेस के मालिकों को निर्देश दिए कि वे अपने यहां आयोजित होने वाले विवाह समारोह के सम्बंध में पहले दुल्हा व दुल्हन के आयु प्रमाण पत्रों की जांच करें। जांच के दौरान यदि लडक़े की आयु 21 वर्ष से कम व लडक़ी की आयु 18 वर्ष से कम है तो उसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दें। उन्होंने कहा कि आयु प्रमाण पत्रों की एक प्रति अपने पास भी रखें।

डीसी ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार लडक़ी की शादी 18 वर्ष व लडक़े की शादी 21 वर्ष से पहले की जाती है, तो वह कानूनन अपराध है। एक्ट के तहत बाल विवाह के आयोजन में भागीदार सभी लोगों पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी जिसके तहत दो साल की जेल व एक लाख रूपए तक के जुर्माने का भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह के आयोजन के संबंध में कोई भी व्यक्ति सूचना पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, सीटीएम, तहसीलदार, नजदीकी पुलिस थाना/चौकी, आंगनवाड़ी वर्कर, डब्ल्यूसीडीपीओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, बाल विवाह निषेध अधिकारी तथा पुलिस कंट्रोल रूम नम्बर 100, चाइल्ड हेल्पलान नंबर 1098, महिला हैल्पलाईन नंबर 1091 और पुलिस हैल्पलाईन नंबर 112 पर भी दे सकते हैं।

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