“बिहार में 17 लाख विद्यार्थियों को साइकिल, डेढ़ करोड़ को नहीं मिले पोशाक”

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सुशील मोदी ने नीतीश पर लगाया छात्र- छात्राओं को सुविधा से वंचित करने का आरोप 

नीरज कुमार 

पटना :  भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश सरकार पर शैक्षणिक और वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर होने के बावजूद राज्य के करीब 17 लाख छात्र-छात्राओं को मिलने वाली साइकिल और डेढ़ करोड़ से अधिक छात्र छात्राओं को पोशाक की राशि अब तक नहीं उपलब्ध कराने का आरोप लगाया है.
सुशील ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नीतीश सरकार पर शैक्षणिक और वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर होने के बावजूद राज्य के करीब 17 लाख छात्र-छात्राओं को 2016 में मिलने वाली साइकिल और डेढ़ करोड़ से अधिक छात्र छात्राओं को पोशाक की राशि अब तक नहीं उपलब्ध कराने का आरोप लगाया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि शराबबंदी के बाद घोर वित्तीय संकट के कारण राशि वितरण की बात तो दूर सरकार ने पिछले वर्ष के 1081 करोड़ रूपये के बजट की तुलना में इस वर्ष साइकिल और पोशाक की राशि में 681 करोड़ की भारी कटौती कर दी है.
सुशील ने आरोप लगाया कि पिछले साल चुनावी वर्ष के दौरान साइकिल और पोशाक के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति की अनिवार्यता को खत्म करने वाली इस सरकार ने पैसे की कमी के कारण इस साल फिर से इसे अनिवार्य कर दिया है ताकि अधिक से अधिक छात्र छात्राओं को इसके लाभ से वंचित किया जा सके.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी स्कूलों के छात्र छात्राओं को मुख्यमंत्री पोशाक एवं साइकिल योजना व किशोरी स्वास्थ्य योजना की राशि चुनावी वर्ष 2015 के जुलाई अगस्त में ही दे दी गई थी, जबकि 2016 के अप्रैल से शुरु होने वाले शैक्षिक सत्र के लिए जनवरी 2017 तक राशि नहीं दी गई है। दो महीने बाद यह वित्तीय वर्ष समाप्त हो जायेगा और छात्र छात्राएं अगली कक्षा में चले जायेंगे.
बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने कहा कि जब उनकी प्रदेश में सरकार (जदयू के साथ) में थी, तो साइकिल व पोशाक योजना प्रारंभ की गई थी मगर अब ये योजनाएं हांफ रही हैं और धीरे धीरे बंदी की ओर बढ रही है.
उन्होंने आरोप लगाया कि दलितों और पिछड़ों की छात्रवृत्ति को सरकार पहले ही बंद कर चुकी है. पिछले वर्ष की तुलना में पोशाक राशि में 400 करोड़ तथा साइकिल योजना की राशि में 281 करोड़ की कटौती कर दी गई है. आर्थिक संकट के कारण सरकार की मंशा अधिक से अधिक छात्र छात्राओं को इन योजनाओं के लाभ से वंचित करने की है।

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