मालब मर्डर मामला : मेवात ग्रीवेंस कमेटी द्वारा गठित जाँच कमेटी पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक 

Font Size

 ग्रीवेंस कमेटी से हाई कोर्ट ने 22 फरवरी तक मांगा जवाब

यूनुस अलवी
मेवात:   मेवात जिला के गांव मालब में गत वर्ष् 3/4 जुलाई की रात्रि जंगल में मिले गांव के ही एक युवक के शव मामले में मेवात ग्रीवेंस कमेटी कमेटी द्वारा नूह मुख्यालय के उप पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में बनाई गई 4 सदस्य समिति पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। वहीं हाईकोर्ट ने इस मामले में मेवात ग्रीवेंस कमेटी से 22 फरवरी 2017 तक जवाब तलब किया है।
  वरिष्ठ एडवोकेट ताहिर हुसैन ने बताया कि गतवर्ष्  3/4 जुलाई की रात्रि गांव मालब के जंगल में गांव के ही युवक ईरशाद पुत्र शेरखान की तेजधार हथियारों से हत्या कर फेंक दिया गया था।  उस दौरान शव् की पहचान ना होने की वजह से पुलिस ने गांव के चौकीदार फखरुद्दीन के शिकायत पर धारा 174 के तहत कार्रवाई करते हुए शव की पहचान के लिए शव गृह में रख दिया था। दो  दिन बाद मृतक के पिता शेर खान ने शव की अपने बेटे इरशाद के रूप में पहचान की थी। बाद में पुलिस में शेर खा ने दिए बयान में गांव के ही 7/8 लोगों पर उसके बेटे इरशाद की हत्या करने की आशंका व्यक्त की थी।

 

 

पुलिस ने शेर खा की शिकायत पर आरोपी बनाए गए लोगों से कड़ी पूछताछ कर उन सभी को निर्दोष करार देकर छोड़ दिया था। उसके बाद भी मृत्यु के पिता शेर खान ने गांव के ही छह अन्य लोगों पर शक जाहिर करते हुए पुलिस को बताया था पुलिस ने उन 6 लोगों से भी कड़ी पूछताछ कर उनको भी बेगुनाह करार दे दिया था। आखिरकार मृतक के पिता शेर खान इस मामले को हाईकोर्ट में ले गए। जहां उन्होंने गांव के ही करीब आधा दर्जन से ज्यादा लोगों पर उसके बेटे की हत्या करने और पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी। बाद में मेवात पुलिस द्वारा 23 सितंबर 2016 को हाईकोर्ट में दाखिल की गई स्टेटस रिपोर्ट में सभी लोगों को बेगुनाह बताया था जिसके बाद अदालत ने शेर खा की याचिका को खारिज कर दिया।

 
  एडवोकेट ताहिर ने बताया कि उसके बाद शेर खान ने मेवात ग्रीवेंस कमेटी में गत 2 नवंबर 2016 को एक शिकायत दे कर आरोप लगाया कि गांव के ही करीब 10 लोगों ने उसके बेटे इरशाद की हत्या कर गांव के जंगल में फेंक दिया था पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। इस मामले की सुनवाई मेवात ग्रीवेंस कमेटी के चेयरमैन एवं परिवहन मंत्री कृष्ण पंवार की अध्यक्षता में शुरू हुई जहां अध्यक्ष महोदय ने नुहं मुख्यालय के उप पुलिस अधीक्षक और ग्रीवेंस कमेटी के सदस्य जाहिद हुसैन, इकबाल और औरंगजेब की अगुवाई में एक समिति का गठन कर मामले की जाँच रिपोर्ट अगली ग्रीवेंस कमेटी में दाखिल करने के आदेश दिए थे। वही अपराध अन्वेषण शाखा नुहं ने ग्रीवेंस कमेटी के आदेश पर गांव मालब निवासी मकसूद, मंजूर, मजहर, सद्दाम, जमालू, साहिब, अरशद, शाहिद, हब्बी और मुबीन को धारा 160 सीआरपीसी के तहत जांच में शामिल होने के लिए 9 जनवरी 2017 नोटिस जारी कर दिए थे।
   एडवोकेट ताहिर हुसैन ने बताया कि ग्रीवेंस कमेटी को इस तरह के मामले में प्राइवेट आदमियों को लेकर कोई जाँच कमेटी गठित करने का अधिकार नहीं है। जिसकी वजह से उन्होंने ग्रीवेंस कमेटी के आदेश को हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट में चुनौती दी है। जिस पर माननीय हाईकोर्ट ने ग्रीवेंस कमेटी के आदेश पर 24 जनवरी को रोक लगा दी है और आगामी 22 फरवरी को अदालत ने कमेटी से इसका जवाब तलब किया है।

You cannot copy content of this page