नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की “सहकार से समृद्धि”की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से 6 जुलाई 2021 को सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई। इस नवगठित मंत्रालय के प्रथम सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय ने अल्पकालिक समय में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए अनेक पहल और ऐतिहासिक योजनाओं की शुरुआत की है।
सहकारिता आंदोलन को मज़बूती प्रदान करने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने 54 मुख्य पहल की हैं जिनसे सभी सहकारी समितियों को अपने आर्थिक विकास एवं विस्तार की नई संभावनाएँ मिल रही हैं। इस वार्षिकी के माध्यम से इन पहलों पर संक्षिप्त में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है जो सहकारिता क्षेत्र के हितधारकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
- प्राथमिक सहकारी समितियों का आर्थिक सुदृढ़ीकरण
- पैक्स को बहु-उद्देशीय बनाने के लिए आदर्श उपविधियां
सहकारिता मंत्री अमित शाह का मानना है कि पैक्स जब बहु-उद्देशीय होंगी तभी वो और अधिक सशक्त और आर्थिक रूप से व्यवहार्य होंगी l इसके लिए सहकारिता मंत्री के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय द्वारा पैक्स के लिए आदर्श उपविधियां सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, राष्ट्रीय संघो एवं अन्य हितधारकों से परामर्श के पश्चात तैयार की गई एवं 05 जनवरी 2023 को परिचालित की गई l इससे PACS/ LAMPS की आय के स्रोत बढ़ेंगे और लगभग 25 से अधिक नए क्षेत्रों जैसे डेयरी, मात्स्यिकी, भण्डारण, इत्यादि में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे l अब तक 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा इन्हें अपनाया जा चुका है एवं अन्य राज्यों में लागू करने का कार्य प्रगति पर हैl
- पैक्स के सशक्तिकरण के लिए उनका कम्प्यूटरीकरण
PACS की कार्य कुशलता को बढाने के लिए पैक्स के कम्प्यूटरीकरण की शुरुआत की गई I इस पहल के अंतर्गत कुल 62,318 क्रियात्मक PACS/ LAMPS को एकल राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर नेटवर्क के माध्यम से NABARD के साथ लिंक किया जा रहा है l अभी तक 25 राज्यों व 4 केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 62,208 पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं l इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को हार्डवेयर खरीद, डिजिटाइजेशन एवं सपोर्ट सिस्टम स्थापित करने हेतु कुल 575.55 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं I NABARD द्वारा राष्ट्रीय एकीकृत सॉफ्टवेयर तैयार किया जा चुका है l सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का विश्वास है कि इससे PACS में पारदर्शिता आएगी जिससे लोगों की पैक्स में विश्वसनीयता बढेगी I 20 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा हार्डवेयर खरीदा जा चुका है। 26 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के 6,117 पैक्स में ट्रायल रन जारी है तथा 988 पैक्स गो-लाइव हो चुके हैं l
- प्रत्येक पंचायत / गांव में बहुउद्देशीय पैक्स, डेयरी, मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 15 फरवरी, 2023 को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित इस योजना में अगले 5 वर्षों में अब तक कवर न की गई पंचायतों/गाँवों में नई बहु-उद्देशीय PACS/डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियां गठित किये जाने का लक्ष्य है l इसके अंतर्गत, भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं को प्राथमिक सहकारी समितियों के स्तर पर केंद्रीकृत किया जाएगाl योजना के क्रियान्वयन हेतु अंतर-मंत्रालयी समिति, राष्ट्रीय स्तरीय समन्वय समिति, राज्य स्तरीय सहकारी विकास समिति एवं जिला स्तरीय सहकारी विकास समिति बनाई गई हैं l सहकारिता मंत्री के निर्देशानुसार मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों के साथ बैठके की जा रही हैं l नई समितियों की स्थापना के लिए सम्बंधित कार्य योजना नाबार्ड, NDDB व NFDB द्वारा बनाई गई है एवं इस योजना के तहत 23 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में 9,961 नई बहुद्देशीय पैक्स/ डेयरी/ मत्स्य सहकारी समितियों के गठन का कार्य चल रहा है l
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी विकेंद्रीकृत अन्न भण्डारण योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 31 मई, 2023 को कैबिनेट द्वारा सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भण्डारण योजना को स्वीकृति दी गई l इस योजना के अंतर्गत पैक्स स्तर पर भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से विभिन्न प्रकार की कृषि अवसंरचनाएं, जैसे कि गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटर, प्रसंस्करण इकाइयाँ, उचित मूल्य दुकान, इत्यादी का निर्माण किया जाएगा l सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह इस योजना पर विशेष रूप से बल दे रहे हैं क्योंकि उनका विश्वास है कि इससे देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी, अनाज की होने वाली बर्बादी में कमी आएगी, किसानों को अपनी उपज के बेहतर मूल्य की प्राप्ति सुनिश्चित होगी एवं पैक्स स्तर पर ही कृषि सम्बन्धी विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा। इस योजना के क्रियान्वन के लिए राज्यों के सहयोग से 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 24 पैक्स में पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है, जिनमें से 13 राज्यों में निर्माण कार्य शुरू हो गया है l इसके अलावा, 27 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 1779 पैक्स को पायलट प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में भागीदारी के लिए चिह्नित किया गया है l इस योजना को अंतर-मंत्रालयी समिति, राष्ट्रीय स्तरीय समन्वय समिति, राज्य स्तरीय सहकारी विकास समिति एवं जिला स्तरीय सहकारी विकास समिति द्वारा समन्वित किया जा रहा है l
- ई-सेवाओं की बेहतर पहुंच के लिए कॉमन सेवा केन्द्र (सीएससी) के रूप में पैक्स
PACS द्वारा CSC की सेवाएं दिए जाने हेतु सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड के बीच सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में दिनांक 02.02.2023 को समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ, जिसके बाद CSC द्वारा दी जाने वाली 300 से भी अधिक ई-सेवाएं अब पैक्स भी देनें में सक्षम हो गई हैं l अभी तक 48,000 पैक्स को CSC के रूप में ऑनबोर्ड किया जा चुका है एवं अन्य पैक्स को भी ऑनबोर्ड करने का कार्य प्रगति पर हैl ऑनबोर्ड हुए पैक्स को CSC-SPV एवं नाबार्ड द्वारा प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है l 25,000 से अधिक पैक्स CSC के रूप में कार्य शुरु कर चुकी है और इन पैक्स द्वारा 10.08 करोड़ रुपये का लेन-देन किया जा चुका है l सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह 21 जुलाई, 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में इस परियोजना का उद्घाटन किया l जनवरी 2024 तक कम्प्यूटरीकृत की जा रही देश की सभी क्रियाशील पैक्स/ लैम्प्स द्वारा CSC की सुविधाएं देने की योजना है।
- पैक्स के द्वारा नए किसान उत्पादक संगठन (FPOs)का गठन
एफपीओ योजना के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) को सहकारिता के क्षेत्र में 1100 अतिरिक्त एफपीओ के आवंटन का निर्णय लिया गया है I अब पैक्स FPO के रूप में कृषि सम्बंधित अन्य आर्थिक कार्यकलाप करने में सक्षम होंगी l यह पहल सहकारी समितियों के सदस्यों को आवश्यक बाजार लिंकेज प्रदान कर उनकी उपज के उचित मूल्य दिलाने में भी सहायक होगी। इस परियोजना का उद्घाटन सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 14 जुलाई, 2023 को IECC, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में कियाl NCDC द्वारा 16 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के 629 अनाच्छादित ब्लॉक में FPO गठन के लिए कार्ययोजना बनाई जा चुकी है l
- पैक्स की LPG डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए पात्रता
पैक्स का दायरा बढाने के लिए सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय संकल्पित भाव से कार्य कर रहा है l दिनांक 13 मार्च 2023 को लिए गए निर्णय से पैक्स को LPG डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए पात्र बनाना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है l पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए पैक्स को पात्र बनाने के लिए नियमों में बदलाव किए गए हैं, जिससे पैक्स LPG का वितरण भी कर सकेंगी l पैक्स द्वारा LPG डिस्ट्रीब्यूटरशिप प्राप्त करने के दिशानिर्देश भी जारी किये जा चुके हैं l झारखण्ड राज्य में 2 जिलों के लिए विज्ञापन जारी हो चुका है; अन्य के लिए विज्ञापन शीघ्र जारी होंगे l इससे PACS को अपनी आर्थिक गतिविधियों को बढाने का स्रोत मिलेगा और ग्रामीण स्तर पर रोज़गार के नवीन अवसर उपलब्ध होंगे।
सहकारिता मंत्रालय की पहल पर दिनांक 13 मार्च 2023 को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने मौजूदा थोक उपभोक्ता लाइसेंसधारी पैक्स को रिटेल आउटलेट में बदलने के लिए सहमति दीI पैक्स द्वारा संचालित बल्क कंज्यूमर पेट्रोल पम्प को रिटेल आउटलेट में बदलने हेतु भारत सरकार ने ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए l अब तक 5 राज्यों के 109 थोक उपभोक्ता लाइसेंसधारी पैक्स ने खुदरा दुकानों में रूपांतरण के लिए सहमति दी है, जिनमें से 43 पैक्स को आयल मैन्युफैक्चरिंग कम्पनीज (ओएमसी) से आशय पत्र (एलओआई) प्राप्त हो चुके हैं l इस प्रावधान से पैक्स के मुनाफे में वृद्धि होगी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के नए अवसर सृजित होंगे l
- पैक्स को नये पेट्रोल/डीज़ल पंप डीलरशिप में प्राथमिकता
13 मार्च 2023 को लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय में पैक्स को पेट्रोल/डीज़ल डीलरशिप के लिए भी प्राथमिकता दी गई है l OMC/पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा पैक्स को Combined Category 2 (CC-2) के अंतर्गत नये पेट्रोल/डीज़ल पंप के आवंटन के लिए विज्ञापन जारी कर ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए l अब तक 24 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 228 पैक्स द्वारा आवेदन किया गया है l इस प्रावधान से पैक्स के मुनाफे में वृद्धि होगी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के नए अवसर सृजित होंगे l
- ग्रामीण स्तर पर जेनरिक दवाइयों की पहुंच के लिए जन औषधि केंद्र के रूप में पैक्स
06 जून, 2023 को सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के साथ आयोजित बैठक में अगस्त, 2023 तक 1,000 एवं दिसम्बर, 2023 तक 2,000 चिन्हित पैक्स पर जन औषधि केंद्र खोले जाने का निर्णय लिया गया l इससे ग्रामीण/ ब्लॉक स्तर पर सस्ती जेनरिक दवाइयाँ भी आम लोगों को उपलब्ध हो सकेंगी और पैक्स को रोजगार के अतिरिक्त अवसर मिलेंगे l इच्छुक पैक्स को चिन्हित कर राज्य सरकार द्वारा उन्हें ऑनलाइन आवेदन के लिए प्रोत्साहित किया गया है। जन औषधि केंद्र हेतु 34 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के 4,289 पैक्स द्वारा आवेदन किया जा चुका है, जिनमें से 2,293 पैक्स को प्राथमिक अनुमोदन भी प्राप्त हो चुका है l
- पैक्स का प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) के रूप में उन्नयन
06 जून, 2023 को सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में रसायन एवं उर्वरक मंत्री के साथ आयोजित बैठक में, पहले से उर्वरक वितरण केंद्र के रूप में कार्यरत पैक्स को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) के रूप में उन्नयन (Upgradation) करने का निर्णय लिया गया l पैक्स को उर्वरक और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन उद्यमियों के रूप में भी कार्य करने का निर्णय लिया गया I साथ ही, ड्रोन का उपयोग संपत्ति सर्वेक्षण के लिए भी किया जा सकेगाl इससे पैक्स के लिए व्यवसाय के नये अवसर सृजित होंगे तथा उनके मुनाफे में वृद्धि होगी l राज्यों/संघ क्षेत्रों द्वारा प्रदान की गई जानकारी अनुसार, 22 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में 29,119 पैक्स को PMKSK में अपग्रेड किया जा चुका है; शेष में प्रक्रिया जारी है।
- नाबार्ड के सहयोग से बैंक मित्र सहकारी समितियों को Micro–ATMs
डेयरी और मत्स्यपालन जैसी सहकारी समितियों को भी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों और राज्य सहकारी बैंकों का बैंक मित्र बनाया गया है। इन बैंक मित्र सहकारी समितियों के लिए व्यापार में सुगमता, पारदर्शिता, वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए नाबार्ड के सहयोग से ‘घर बैठे वित्तीय सेवाएं’ प्रदान करने के लिए माइक्रो-एटीएम दिए जा रहे हैं। इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत 12 जुलाई, 2023 को सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के करकमलों से हुई, जिसमें पंचमहल और बनासकांठा जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के धारकों को यह कार्ड सौंपे गए l इसे देशव्यापी स्तर पर लागू करने का लक्ष्य है l अभी तक 1723 से अधिक Micro-ATMs वितरित किये जा चुके हैं।
- सहकारी समिति के सदस्यों को Rupay किसान क्रेडिट कार्ड
ग्रामीण सहकारी बैंकों की पहुँच तथा क्षमता का विस्तार करने तथा ग्रामीण सहकारी समिति के सदस्यों को यथावश्यक चल निधि उपलब्ध कराने हेतु गुजरात के पंचमहल और बनासकांठा जिलों में एक पायलट परियोजना सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा 12 जुलाई, 2023 को शुरू की गई। इस परियोजना के तहत सहकारी समितियों के सभी सदस्यों के बैंक खाते संबंधित जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों में खोले जा रहे हैं तथा खाताधारकों को नाबार्ड के सहयोग से Rupay किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) वितरित किए जा रहे हैं। Rupay किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सहकारी समिति के सदस्यों को उचित दर पर ऋण की सुविधा उपलब्ध होगी। सदस्य इस कार्ड का प्रयोग अन्य वित्तीय भुगतान के लिए भी कर सकेंगे l इस पायलट प्रोजेक्ट का देशव्यापी विस्तार करने की योजना है l अभी तक 73,503 KCC वितरित किये जा चुके हैं l
- पानी समिति के रूप में पैक्स
पैक्स की ग्रामीण क्षेत्रो में गहरी पहुँच के लाभ का उचित उपयोग करने हेतु सहकारिता मंत्रालय की पहल पर जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 11 जुलाई, 2023 को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पैक्स को भी पानी समिति के रूप में पाइप्ड जल आपूर्ति योजनाओं के संचालन एवं रखरखाव (O&M) का कार्य करने के लिए पात्र बनाने के लिए राज्यों को पत्र लिखा है l इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में, जल आपूर्ति योजनाओं के O&M का कार्य सुदृढ़ होगा तथा पैक्स को रोजगार के नये अवसर भी मिलेंगे l इस पहल के तहत अब तक 15 राज्यों में 1,611 पैक्स चयनित/ चिह्नित किए जा चुके हैं; अन्य प्रक्रिया में हैं ।
- पैक्स स्तर पर PM–KUSUM योजना का अभिसरण
PACS की संरचना व इनकी गहरी पहुँच, जिनसे 13 करोड़ से अधिक किसान बतौर सदस्य जुड़े हैं, का लाभ पंचायत स्तर पर विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए किया जा सकता है l इससे, PACS से जुड़े किसान अपनी उर्जा-सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएंगे l साथ ही, PACS व उनके सदस्य किसानों को आय के वैकल्पिक स्रोत प्राप्त होंगे l इस विषय पर सहकारिता मंत्रालय की नवीन और नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय के साथ चर्चा जारी है l
- मत्स्य किसान उत्पादक संगठनों का गठन (एफएफपीओ)
मछुआरों को बाजार लिंकेज तथा प्रसंस्करण सुविधाएं प्रदान करने के लिए, एनसीडीसी द्वारा प्रारम्भिक चरण में 69 एफएफपीओ का पंजीकरण किया गया है। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने 31 मार्च 2023 को 225.50 करोड़ रुपये के अनुमोदित परिव्यय के साथ एनसीडीसी को 1000 मौजूदा मात्स्यिकी सहकारी समितियों को एफएफपीओ में बदलने का कार्य सौंपा है।
(ख) राष्ट्रीय स्तर की तीन नई बहु राज्यीय सहकारी समितियाँ
प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एवं माननीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में मंत्रालय ने निर्यात, प्रमाणित बीजों और आर्गेनिक उत्पादों के लिए 11 जनवरी, 2023 को तीन नई बहु राज्यीय सहकारी समितियों का गठन किया l
- निर्यात के लिए राष्ट्रीय स्तर की नई बहु-राज्यीय सहकारी समिति
बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 के तहत नई राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) की स्थापना एक अंब्रेला संगठन के रूप में की गयी है जो सहकारी क्षेत्र से किए जाने वाले निर्यातों को बढ़ावा देगी l प्राथमिक से राष्ट्रीय स्तर तक की सहकारी समितियां जिसमे जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के संघ तथा बहु-राज्यीय सहकारी समितियां शामिल हैं, इसके सदस्य बन सकते हैं। इस समिति से किसानों के उत्पादों का निर्यात सुलभ होगा एवं उनको उत्पादों के लिये मिलने वाले मूल्य में वृद्धि होगी l अब तक सदस्यता के लिए 22 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से 2624 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। गृह एवं सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में दिनांक 23 अक्टूबर, 2023 को पूसा, नई दिल्ली में सहकारी निर्यात पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ l 17 नवंबर, 2023 तक, वाणिज्य विभाग ने NCEL को डीजीएफटी द्वारा जारी अधिसूचना के माध्यम से विभिन्न देशों को लगभग 14.92 LMT सफेद चावल (गैर-बासमती) तथा चीनी निदेशालय, डीएफपीडी द्वारा अधिसूचना के तहत नेपाल और भूटान, प्रत्येक को 50,000 मीट्रिक टन चीनी के निर्यात के लिए अनुमति दी है।
- प्रमाणित बीजों के लिए राष्ट्रीय स्तर की नई बहु-राज्यीय सहकारी समिति
बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 के तहत नई भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) की स्थापना की गई है जो अंब्रेला संगठन के रूप में एकल ब्रांड नाम के अंतर्गत उन्नत बीजों की खेती, उत्पादन व वितरण करेगी। राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की सहकारी समितियां (प्राथमिक, जिला व राज्य स्तर) भारतीय बीज सहकारी समिति की सदस्य बन सकती हैं। इस समिति से किसानों को उन्नत बीजों की उपलब्धता बढ़ेगी, फसलों की उत्पादकता एवं किसान को मिलने वाले लाभ में वृद्धि होगी l अभी तक सदस्यता के लिए 27 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से 8200 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं l गृह एवं सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में दिनांक 26 अक्टूबर, 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में सहकारी क्षेत्र में उन्नत एवं पारम्परिक बीजों के उत्पादन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ l
- जैविक खेती के लिए राष्ट्रीय स्तर की नई बहु-राज्यीय सहकारी समिति
बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 के तहत राष्ट्रीय सहकारी आर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) की स्थापना एक अंब्रेला संगठन के रूप में की गई है जो प्रमाणित व प्रामाणिक जैविक उत्पादों के उत्पादन, वितरण व विपणन का कार्य करेगी । प्राथमिक से राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियां जिसमें जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के संघ तथा बहु राज्य सहकारी समितियां भी शामिल हैं, तथा किसान उत्पादक संगठन (FPO) इसके सदस्य बन सकते हैं। इससे जैविक उत्पादों का उत्पादन बढेगा एवं किसानों को मिलने वाले लाभ में वृद्धि होगी l अभी तक सदस्यता के लिए 24 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से 2614 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं l NCOL भारत ऑर्गेनिक्स ब्रांड के तहत 06 उत्पाद यानी तूर दाल, चना दाल, चीनी, मूंग, ज्वार आटा और बेसन की बिक्री कर चुका हैं। गृह एवं सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में दिनांक 08 नवंबर, 2023 को पूसा, नई दिल्ली में सहकारिता के माध्यम से जैविक उत्पाद को बढ़ावा देने पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ l
(ग) सहकारी समितियों के लिये आयकर कानून में राहत
- सहकारी समितियों के लिएआयकर पर लगने वाले अधिभार में कटौती
सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कोआपरेटिव को कंपनियों के समान लाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में बड़ा कार्य किया है। एक करोड़ रुपए से दस करोड़ रुपए तक की आय वाली सहकारी समितियों के आयकर पर लगने वाले अधिभार को कंपनियों के समतुल्य 12% से घटाकर 7% कर दिया गया है। इससे सहकारी समितियों के ऊपर आयकर के भार में कमी होगी जिससे समिति के पास सदस्यों के लाभ के लिए कार्य करने हेतु अधिक पूंजी उपलब्ध होगी ।
- सहकारी समितियों पर लगने वाले न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) में कटौती
वर्ष 2022-23 के बजट में भारत सरकार ने सहकारी समितियों के लिए न्यूनतम वैकल्पिक कर की दर को 18.5% से घटा कर 15% कर दिया गया है । इस प्रावधान से सहकारी समितियों एवं कंपनियों के मध्य इस क्षेत्र में समतुल्यता आई है । इससे सहकारी समितियां सशक्त होंगी एवं सहकारिता का विस्तार होगा l
- पैक्स और PCARDBs द्वारा नकद जमाराशियों व नकद ऋणों की सीमा में बढ़ोत्तरी
वर्ष 2023-24 के बजट में भारत सरकार द्वारा पैक्स तथा प्राथमिक सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (PCARDBs) द्वारा नकद जमाराशियों व नकद ऋणों की सीमा को 20,000 रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए प्रति सदस्य कर दी गई है। इस प्रावधान से उनकी गतिविधियों में सुगमता आएगी, उनका व्यवसाय बढ़ेगा तथा सदस्यों को लाभ मिलेगा।
वर्ष 2023-24 के बजट में भारत सरकार द्वारा 31 मार्च, 2024 तक विनिर्माण कार्य आरंभ करने वाली नई विनिर्माण सहकारी समितियों को अधिभार के साथ 30% तक की मौजूदा कर दर की तुलना में 15% की सपाट दर से कर लगेगा। इस प्रावधान से सहकारी समितियों एवं कंपनियों के मध्य इस क्षेत्र में समतुल्यता आई है। इससे विनिर्माण क्षेत्र में नई सहकारी समितियों के गठन को बढ़ावा मिलेगा l
- नगद निकासी में स्रोत पर कर कटौती (TDS) की सीमा में वृद्धि
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने केन्द्रीय बजट 2023-24 के माध्यम से सहकारी समितियों की स्रोत पर कर कटौती किए बिना उनकी नकद निकासी सीमा को एक करोड़ रुपए से बढ़ाकर को तीन करोड़ रुपए प्रति वर्ष कर दिया गया है। इस प्रावधान से सहकारी समितियों के स्रोत पर कटने वाले कर में बचत होगी जिसका उपयोग वे अपने सदस्यों के लाभ के लिए कार्य करने के लिए कर पाएंगे।
पहले आयकर विभाग द्वारा, दुग्ध सहकारी समितियों द्वारा उनके डिस्ट्रीब्यूटर के साथ किए गए अनुबंध को एक घटना ( event) मानते हुए उस डिस्ट्रीब्यूटर से दुग्ध समिति द्वारा पूरे साल भर में प्राप्त दो लाख से अधिक की नकद प्राप्ति पर धारा 269ST के तहत आयकर पेनाल्टी लगा दिया जाता था। 30 सितंबर, 2022 को आयकर विभाग द्वारा दिये गए स्पष्टीकरण के बाद दुग्ध सहकारी समितियों का उनके डिस्ट्रीब्यूटर के साथ किए अनुबंध को एक घटना (event) नही माना जायेगा और दुग्ध समिति द्वारा उस डिस्ट्रिब्यूटर से हर लेन-देन को अलग घटना मानकर उस प्रत्येक लेन -देन से दो लाख की नगद प्राप्ति पर आयकर कानून के तहत जुर्माना नहीं लगाया जायेगा। सहकारी समितियों को अब अपने वितरकों के साथ किए गए 2 लाख से अधिक के नगद लेन -देन के लिए पेनल्टी का भुगतान नहीं करना पड़ेगा l इससे राज्य व जिला दुग्ध संघ, बैंकों में अवकाश के दौरान अपने वितरकों से नकद में भुगतान लेकर सदस्य दुग्ध उत्पादकों को नगद में भुगतान कर पायेंगे l
(घ) सहकारी समितियों के केन्द्रीय पंजीयक कार्यालय का सुदृढ़ीकरण
केंद्रीय पंजीयक का कार्यालय बहु राज्य सहकारी सोसाइटी (MSCS) अधिनियम, 2002 के प्रशासन के लिए जिम्मेदार है। बहु राज्य सहकारी समितियों के लिए एक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने के लिए केंद्रीय पंजीयक के कार्यालय का कम्प्यूटरीकरण किया गया है। इससे केंद्रीय पंजीयक कार्यालय में इलेक्ट्रॉनिक कार्य प्रवाह के माध्यम से समयबद्ध तरीके से आवेदन और सेवा अनुरोधों की प्रोसेसिंग करने में सहायता मिलेगी l इसमें ओटीपी आधारित उपयोगकर्ता पंजीकरण, MSCS अधिनियम और नियमों के अनुपालन के लिए सत्यापन जांच, VC के माध्यम से सुनवाई, पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करने और अन्य संचार इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने के प्रावधान हैं । सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 6 अगस्त, 2023 को इस डिजिटल पोर्टल का उदघाटन कियाl
- बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अधिनियम, 2023
बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अधिनियम, 2023 सत्तानवें संविधान संशोधन के प्रावधानों को समाविष्ट करने तथा बहुराज्य सहकारी समितियों में शासन सशक्तिकरण, पारदर्शिता वृद्धि, जवाबदेही बढ़ाने, निर्वाचन प्रक्रिया में सुधार लाने, इत्यादि के लिए बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 को संशोधित करता है। उक्त विधेयक को लोक सभा में दिनांक 7 दिसम्बर 2022 को पुर:स्थापित किया गया था जिसे दिनांक 20 दिसम्बर, 2022 को दोनों सदनों की एक संयुक्त संसदीय समिति को संदर्भित किया गया। इस विधेयक को लोकसभा द्वारा 25 जुलाई, 2023 एवं राज्यसभा द्वारा 01 अगस्त, 2023 को पारित किया गया l 3 अगस्त, 2023 से बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अधिनियम, 2023 लागू हो गया है l
(ङ) सहकारी चीनी मिलों का पुनरुत्थान
- सहकारी चीनी मिलों को आयकर से राहत
सहकारी चीनी मिलों पर किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य अथवा राज्य की सलाह मूल्य तक, गन्ने के उच्चतर मूल्यों के भुगतान करने पर अतिरिक्त आयकर नहीं देना पड़ेगा। इस प्रावधान से सहकारी चीनी मिलें अपने सदस्यों को गन्ने का उच्चतर मूल्य दे सकेंगी और इस उच्चतर मूल्य के खर्च पर आयकर से कटौती हासिल कर पायेंगी । 25.10.2021 को जारी स्पष्टीकरण के अनुसार यह प्रावधान 01.04.2016 से लागू है और तब से सहकारी चीनी मिलों के माध्यम से उनके सदस्य किसानों को यह लाभ मिल रहा है l
- सहकारी चीनी मिलों के आयकर से संबंधित दशकों पुराने लम्बित मुद्दों का समाधान
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के अथक प्रयासों से दशकों से लंबित आयकर सम्बन्धी मुद्दों का निवारण करते हुए केन्द्रीय बजट 2023-24 के माध्यम से यह प्रावधान कर दिया गया है कि मूल्यांकन वर्ष 2016-17 से पूर्व सहकारी चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को किए गए भुगतानों को व्यय के रूप में दावा करने की अनुमति होगी । इसके लिए आयकर की धारा 155 में एक नई उपधारा 19(1) को सम्मिलित किया गया है l CBDT ने 27.07.2023 को इस सम्बन्ध में मानक संचालन प्रक्रिया भी जारी कर दी हैl नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, इससे सहकारी चीनी मिलों को 46,524 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है, जिससे दशकों से लंबित आयकर मुद्दों का समाधान हुआ है।
- सहकारी चीनी मिलों के सुदृढ़ीकरण के लिए NCDC के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपए की ऋण योजना
सहकारिता मंत्रालय ने ‘सहकारी चीनी मिलों के सुदृढ़ीकरण के लिए NCDC को अनुदान सहायता’ नाम की एक नई योजना शुरू की है जिसके अंतर्गत भारत सरकार 2022-23 से 2023-24 तक के लिए NCDC को रुपए 1,000 करोड़ का अनुदान दे रही है। NCDC इस अनुदान का उपयोग सहकारी चीनी मिलों को रुपए 10,000 करोड़ तक का ऋण प्रदान करने के लिए करेगी l जिसका उपयोग सहकारी चीनी मिलें इथेनोल संयंत्र स्थापित करने के लिए या कोजेनेरेशन प्लांट लगाने के लिए या कार्यशील पूंजी के लिए अथवा तीनो कार्यों के लिए कर पाएंगी l अभी तक, NCDC द्वारा 24 सहकारी चीनी मिलों के लिए 3010.57 करोड़ रुपए अनुमोदित किये जा चुके हैं I
- सहकारी चीनी मिलों को इथेनोल खरीद में वरीयता एवं कोजेन बिजली संयंत्रो की स्थापना
इथेनोल ब्लेंडिंग कार्यक्रम के तहत पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा सहकारी चीनी मिलों को इथेनोल खरीद के लिए निजी कंपनियों के समतुल्य रखा जाएगा l गन्ने की खोई (Bagasse/बगास) से कोजन बिजली संयत्रों की स्थापना पर भी कार्य किया जा रहा है l इन कदमों से सहकारी चीनी मिलों के व्यवसाय का विस्तार होगा एवं लाभ में वृद्धि होगी l
- सहकारी चीनी मिलों की सहायता के लिए शीरा पर जीएसटी 28% से घटाकर 5% किया गया
सरकार ने 07 अक्टूबर, 2023 को शीरा पर जीएसटी मौजूदा 28% से घटा कर 5% करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इससे डिस्टिलरीज की लिक्विडिटी में वृद्धि होगी क्योंकि शीरा उनके संचालन के लिए कच्चा माल है। कम जीएसटी के कारण उन्हें कम कार्यशील पूंजी की आवश्यकता होगी। सहकारी चीनी मिल जिनके पास इथेनॉल अथवा डिस्टिलरी प्लांट नही है वह अपने शीरे को अधिक मार्जिन के साथ डिस्टलरीज को बेंच कर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
(च) सहकारी बैंकों को आ रही कठिनाइयों का निवारण
प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जीकी दूरदर्शिता और अथक प्रयासों से सहकारी बैंकों को उनके व्यवसाय में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए आरबीआई द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए l
- 09 जून, 2023 – बिजनेस का विस्तार करने के लिए शहरी सहकारी बैंक अब नई शाखाएं खोल सकेंगेl सहकारी बैंक भी वाणिज्यिक बैंको की तरह दिए गए ऋण का एकमुश्त निपटान कर सकेंगे l
- 09 जून, 2023 – शहरी सहकारी बैंको को दिए गए प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अतिरिक्त समय–सीमा दी गई है l
- 25 मई, 2023 – शहरी सहकारी बैंकों से नियमित संवाद के लिए RBI में एक नोडल अधिकारी नामित किया गया है l
- 11 अगस्त, 2022-जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक को नई शाखा खोलने/एटीएम स्थापित करने या अपने कार्यालयों का स्थान बदलने की अनुमति अब है।
- 08 जून 2022 के दिशानिर्देश द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को अपने ग्राहकों को घर बैठे बैंकिंग सेवाएं (door-step banking services) प्रदान करने के अनुमति मिल गई है l
- 08 जून 2022 के दिशानिर्देश द्वारा ग्रामीण व शहरी सहकारी बैंकों के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा दोगुनी से अधिक बढ़ाई गई है।
- 08 जून 2022 के दिशानिर्देश के अनुसार ग्रामीण सहकारी बैंक अब वाणिज्यिक रियल एस्टेट – रिहाइशी आवास क्षेत्र को ऋण दे सकेंगे जिससे उनका व्यापार विविधिकरण हो सकेगा।
- 03 फरवरी 2022 के परिपत्र के द्वारा सहकारी बैंकों को CGTMSE के सदस्य ऋणदाता संस्थान [MLI] के रूप में शामिल किया गया है। जिससे अब सदस्य सहकारी बैंक दिए गए ऋणों पर 85 प्रतिशत तक जोखिम (Risk) कवरेज का लाभ ले सकेंगे। साथ ही, सहकारी क्षेत्र के उद्यमों को भी अब सहकारी बैंकों से कोलेटरल मुक्त ऋण मिल सकेगा।
- आरबीआई ने अपने 05 अप्रैल 2023 के परिपत्र द्वारा सहकारी बैंकों की आधुनिक ‘आधार सक्षम भुगतान प्रणाली’ (AePS) पर ऑनबोर्डिंग के लिए लाइसेंस शुल्क को लेन–देन की संख्या से जोड़ कर कम कर दिया है। इसके अलावा, सहकारी वित्तीय संस्थानों को पहले तीन महीने के प्री–प्रोडक्शन चरण तक निःशुल्क सुविधा भी मिल सकेगी। इससे अब घर बैठे बैंकिंग की सुविधा किसानों को उनके फिंगर प्रिंट पर मिल सकेगी।
- सरकार द्वारा शहरी सहकारी बैंकों के लिए शेड्यूलिंग मानदंडों की अधिसूचना प्रकाशित की गई है l
भारत सरकार के 04 सितंबर 2023 की अधिसूचना द्वारा ऐसे शहरी सहकारी बैंक जो ‘एफएसडब्ल्यूएम’ मानदंडों को पूरा करते हैं तथा टियर 3 के रूप में वर्गीकरण के लिए आवश्यक न्यूनतम जमा राशि पिछले दो वर्ष तक बनाए रखे हों, अब ‘अनुसूचित’ स्थिति प्राप्त करने के लिए पात्र हो गए हैं।
- आरबीआई के 06 अक्तूबर, 2023 के दिशानिर्देश द्वारा बुलेट पुनर्भुगतान योजना के तहत गोल्ड लोन की मौद्रिक सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख कर दिया गया है। ऐसे यूसीबी इसके पात्र होंगे जिन्होंने प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण के लक्ष्य को पूरा कर लिया है।
- शहरी सहकारी बैंकों के लिए अम्ब्रेला संगठन
आरबीआई द्वारा 11 अगस्त, 2023 को यूसीबी क्षेत्र के लिए एक अम्ब्रेला संगठन (यूओ) की स्थापना के लिए नैशनल फेडरेशन ऑफ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक्स एण्ड क्रेडिट सोसाईटीज लिमिटेड (नैफकब) को मंजूरी दे दी गई है, जिससे लगभग 1,500 यूसीबी को आवश्यक आईटी अवसरंचना और संचालन में सहायता मिलेगी।
(छ) राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) का विस्तार
- एनसीडीसी द्वारा सहकारी समितियों के लिए ऋण की नई योजनाएं
एनसीडीसी द्वारा विभिन्न सेक्टरों में सहकारी समितियों के लिए नई योजनाएं जैसे स्वयं-सहायता समूहों के लिए ‘स्वयंशक्ति सहकार’; दीर्घकालिक कृषि ऋण के लिए ‘दीर्घावधि कृषक सहकार’ ; डेयरी के लिए ‘डेयरी सहकार’ और महिला सहकारी संस्थाओं के लिए ‘नंदिनी सहकार’ आदि आरंभ की गई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में एनसीडीसी ने 41,025 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता का संवितरण किया जो कि 2021-22 के संवितरण 34,221 करोड़ रुपए से लगभग 20% अधिक है। वर्ष 2023-24 में 50,000 करोड़ रुपए ऋण संवितरण का लक्ष्य है। सभी राज्य एवं राज्यों की सहकारी समितियां NCDC की ऋण योजनाओं का लाभ उठा सकती हैंl
- एनसीडीसी द्वारा गहरे समुद्री ट्रौलरों के लिये वित्तीय सहायता
एनसीडीसी भारत सरकार के मत्स्यपालन विभाग के 28 अप्रैल 2023 के दिशानिर्देश एवं समन्वय से गहरे समुद्र में ट्रौलर से संबंधित परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। एनसीडीसी ने महाराष्ट्र राज्य की मात्स्यिकी सहकारी समितियों के लिए 14 गहरे समुद्र ट्रौलर की खरीद हेतु 20.30 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मंजूर की है।
(ज) जेम पोर्टल पर सहकारी समितियां बतौर ‘क्रेता‘ के रूप में शामिल
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 1 जून, 2022 को कैबिनेट द्वारा सहकारी समितियों को गवर्मेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) पर बतौर ‘क्रेता’ पंजीकृत होने का अनुमोदन प्रदान किया है I सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 09 अगस्त 2022 को नई दिल्ली में GeM पोर्टल पर सहकारी समितियों की ऑनबोर्डिंग का ई-लॉन्च किया। सहकारी समितियां जेम के एकल प्लेटफॉर्म से देश भर में उपलब्ध लगभग 60 लाख प्रामाणिक विक्रेताओं/सेवा प्रदाताओं से खरीद कर सकेंगीI अब तक 559 सहकारी समितियों को जेम पोर्टल पर क्रेता के रूप में ऑनबोर्ड कर लिया गया है l इसके साथ ही सहकारी समितियों को जेम पर विक्रेता के रूप में भी पंजीकरण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है l
(झ) नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति एवं नया राष्ट्रीय सहकारी डाटाबेस
- नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति का निर्माण
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की ‘सहकार से समृद्धि’की परिकल्पना को साकार करने के लिये सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने देश में नई सहकारिता नीति बनाने का निर्णय लिया l इसके लिए राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठन किया गया l पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश प्रभु के नेतृत्व में विभिन्न राज्यों तथा देश भर से लिए गए विशेषज्ञों व हितधारकों सहित 49 सदस्यों को इस समिति में शामिल किया गया है। विशेषज्ञ समिति की अब तक 17 बैठकें हो चुकी हैं, जिनके दौरान हितधारकों से विस्तृत विचार-विमर्श हुए हैं और नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति का कार्य शीघ्र ही पूर्ण होने की आशा है l
- नया राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस
सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का मानना है किसी भी सहकारी क्षेत्र का सुनियोजित विकास करने के लिए एक डेटाबेस आवश्यक है। इसी दिशा में सहकारिता मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से, एक व्यापक, प्रमाणिक और अद्यतित राष्ट्रीय सहकारी डाटाबेस विकसित करने का कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। प्रथम चरण के अंतर्गत पैक्स, डेयरी एवं मात्स्यिकी की लगभग 2.64 लाख समितियों की मैपिंग का कार्य फरवरी, 2023 में पूर्ण किया गया l द्वितीय चरण में राष्ट्रीय सहकारी समितियों व संघों की Mapping का कार्य किया गया l अंतिम चरण में अब तक लगभग 7.88 लाख सहकारी समितियों को डेटाबेस में सम्मिलित किया जा चुका है।
(ञ) सहकारिता क्षेत्र में शिक्षण एवं प्रशिक्षण
- सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना
सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का विचार है कि प्रशिक्षित श्रमबल से ही सहकारिता क्षेत्र का सुनियोजित विकास और सशक्तिकरण हो सकता है और इसके लिए राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय की कल्पना की गयी l सहकारी शिक्षण, प्रशिक्षण, परामर्श, अनुसंधान एवं विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना की योजना भी तैयार की जा रही है। यह विश्वविद्यालय प्रशिक्षित श्रमबल की स्थायी, पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ मौजूदा कार्मिकों की क्षमता निर्माण भी करेगा। यह विश्वविद्यालय सहकारिता के क्षेत्र में अपनी तरह का पहला विशेषीकृत विश्वविद्यालय होगाl
- एनसीसीटी के माध्यम से प्रशिक्षण एवं जागरूकता को प्रोत्साहन
राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (NCCT), सहकारिता मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है जो राज्यों/ केंद्र शासित राज्यों के सहकारी विभागों के कर्मियों सहित देश भर के सहकारी समितियों के कार्मिकों, सदस्यों एवं बोर्ड के सदस्यों के लिए सहकारी शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। इन कार्यक्रमों का संचालन यह देश भर में फैले अपने 20 घटक प्रशिक्षण संस्थानों (1 राष्ट्रीय स्तर-वैमनिकॉम, 14 राज्य स्तर एवं 5 क्षेत्रीय स्तर) के माध्यम से करता है। NCCT ने वर्ष 2022-23 में देश में निर्धारित लक्ष्य 1740 प्रशिक्षण कार्यक्रम की तुलना में 3287 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये। इसके अलावा इस अवधि में परिषद ने निर्धारित 43,500 प्रतिभागियों से पांच गुना अधिक यानी लगभग 2,01,507 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया l
मंत्रालय के पहलों को आम जन मानस तक पहुंचाने हेतु NCCT द्वारा 12 विभिन्न भाषाओं में 370 लेखों का प्रकाशन लगभग 100 से अधिक अखबारों में किया गया, जिनका कुल सर्कुलेशन लगभग 10 करोड़ रहा।
(ट) अन्य पहलें
- सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (ARDBs) का कम्प्यूटरीकरण
दीर्घावधि सहकारी ऋण संरचना के सुदृढ़ीकरण के लिये सहकारिता मंत्रालय ने 08 अक्टूबर 2023 को कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (ARDBs) के कंप्यूटरीकरण के लिए केंद्र प्रायोजित योजना को मंजूरी दी है। इसमें विभिन्न घटक होंगे जैसे कि हार्डवेयर खरीद, व्यापक उद्यम संसाधन योजना (ईआरपी) समाधान, डिजिटलीकरण, प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करना, और सॉफ्टवेयर का रखरखाव आदि। इस योजना में आने वाले खर्च का 25 प्रतिशत ARDBs द्वारा एवं शेष 75 प्रतिशत केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा वहन किया जाएगा l कंप्यूटरीकरण से ARDBs को विभिन्न लाभ प्राप्त होंगे, जैसे कार्यकुशलता में वृद्धि, त्वरित ऋण संवितरण, लेनदेन दरों में कमी, पारदर्शिता में वृद्धि और भुगतानों के असंतुलनों में कमी इत्यादि I
सहकारिता मंत्रालय द्वारा 06 अक्टूबर 2023 को सहकारी समितियों के लिए व्यापार मे सुगमता बढ़ाने एवं पारदर्शी पेपर रहित विनियमन का एक डिजिटल इकोसिस्टम सभी राज्यों/संघ प्रदेशों मे बनाने के लिए राज्य पंजीयक कार्यालयों के कंप्यूटरीकरण के लिए केंद्र प्रायोजित योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के अंतर्गत विकसित सॉफ्टवेयर, संबंधित राज्य/संघ प्रदेश के सहकारी अधिनियम पर आधारित होगा।
- सहारा समूह की सहकारी समितियों के निवेशकों को रिफंड
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई l सहकारिता मंत्रालय की याचिका पर माननीय उच्चतम न्यायालय ने दिनांक 29.03.2023 के आदेश में सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों (सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव लि., सहारयन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज़ सोसाइटी लि., हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लि. और स्टार्स मल्टीपर्पज़ कोऑपरेटिव सोसाइटी लि.) के जमाकर्ताओं के वैध बकाया संवितरण हेतु सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपए सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक को अंतरित करने हेतु निर्देश दिए।
सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 18 जुलाई 2023 को नई दिल्ली में ‘केन्द्रीय पंजीयक – सहारा रिफंड पोर्टल’ (https://mocrefund.crcs.gov.in) का शुभारंभ किया। उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में केंद्रीय पंजीयक द्वारा संवितरण के लिए पूर्व न्यायाधीश के पर्यवेक्षण और निगरानी में एक पारदर्शी डिजिटल प्रणाली (पोर्टल) को विकसित करने के लिए स्टॉकहोल्डिंग डॉक्यूमेंट्स मैनेजमेंट सर्विसेज़ लि. (SDMSL) की सेवाएं ली गई हैं। जमाकर्ताओ को प्रथम चरण के भुगतान की प्रक्रिया 04 अगस्त, 2023 से प्रारम्भ हो चुकी हैl 11.12.2023 तक ‘केन्द्रीय पंजीयक-सहारा रिफंड पोर्टल’ पर 3.35 करोड़ जमाकर्ताओं से 81,291 करोड़ रुपये के दावे प्राप्त हुए हैं। सहारा समूह की सहकारी समितियों के 2,36,066 जमाकर्ताओ को लगभग 215 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।
क्रियान्वयन प्रक्रिया
- गृह एवं सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में 09 मार्च, 2023 को चिंतन शिविर का आयोजन किया गया l मंत्रालय के सभी निदेशक/उप-सचिव द्वारा अपने-अपने कार्यों पर प्रस्तुतिकरण दिए गए एवं माननीय मंत्री का सभी प्रस्तुतिकरणों पर मार्गदर्शन प्राप्त हुआ l चिन्तन शिविर में आए महत्वपूर्ण सुझावों पर मंत्रालय द्वारा एक कार्य योजना बना कर उसका क्रियान्वयन शुरू किया गया l
- गृह एवं सहकारिता मंत्री द्वारा सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मंत्रालय की पहलों के सफल क्रियान्वन के लिये पत्र लिखे गए हैं l सचिव सहकारिता द्वारा भी समय समय पर योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव एवं अन्य सम्बंधित अधिकारियों को पत्र लिखे गए हैं l
- राष्ट्रीय स्तर पर सचिव सहकारिता मंत्रालय की अध्यक्षता में सभी सम्बन्धित विभागों, एजेंसीज़ एवं राज्य सरकारों के साथ विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से नियमित रूप से समीक्षा बैठकें की जा रही हैं l अब तक सभी राज्यों के साथ 11 समीक्षा बैठके हो चुकी हैं l
- राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नियमित समीक्षा के लिए राज्य सहकारी विकास समितियां (एससीडीसी) गठित की गईं हैं, जिनमें प्रमुख सचिव (सहकारिता), रजिस्ट्रार सहकारी समितियां (आरसीएस), नाबार्ड/एनसीडीसी आदि के प्रतिनिधि और सम्बंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। l अब तक राज्य स्तरीय सहकारी विकास समितियों की 31 बैठकें सम्पन्न हो चुकी है l
- जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में नियमित समीक्षा के लिए जिला सहकारी विकास समितियों (डीसीडीसी) गठित की गई हैं, जिनमें डिस्ट्रिक्ट कोआपरेटिव रजिस्ट्रार्स (डीआरसीएस) और सम्बंधित विभागों के जिला स्तर के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। अब तक जिला स्तरीय सहकारी विकास समितियों की 823 बैठकें सम्पन्न हो चुकी हैं l
सहकारिता और सहकारिता मंत्रालय से जुड़े प्रमुख कार्यक्रम:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में दो दिवसीय 17वें भारतीय सहकारी महासम्मेलन का उद्घाटन किया, कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने की (01 जुलाई 2023)
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारी विपणन के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट और सहकारी विस्तार और सलाहकार सेवा पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
- प्रधानमंत्री ने कहा, ‘किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ) छोटे किसानों को सुदृढ़ बनाने जा रहे हैं, ये छोटे किसानों को बाजार में बड़ी ताकत बनाने का माध्यम हैं”
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित नाबार्ड के 42वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप मे संबोधित किया। (12 जुलाई 2023)
- श्री अमित शाह ने इस अवसर पर दुग्ध समितियों को माइक्रो-एटीएम कार्ड और इन समितियों के सदस्यों को RuPay Kisan Credit Card भी वितरित किए।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज देश के गांव भी आत्मनिर्भर बन रहे हैं और ग्रामीण अर्थतंत्र की आत्मा मानी जाने वाली हमारी कृषि अर्थव्यवस्था भी बहुत तेजी के साथ बढ़ रही है।
- नाबार्ड एक बैंक नहीं बल्कि देश की ग्रामीण व्यवस्था को मजबूत करने का मिशन है।
- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में सहकारिता क्षेत्र में FPO विषय पर राष्ट्रीय महासंगोष्ठी-2023 का उद्घाटन किया और साथ ही PACS द्वारा 1100 नए FPOs के गठन की कार्य योजना का विमोचन किया। (14 जुलाई 2023)
- मोदी सरकार ने PACS से बने FPO के माध्यम से किसानों के लिए उत्पादन से लेकर मार्केटिंग तक की पूरी व्यवस्था की है।
- किसानों को समृद्ध बनाने की सबसे अधिक क्षमता PACS के माध्यम से बने FPO में है।
- कृषि, पशुपालन और मत्स्यपालन-आधारित आर्थिक गतिविधियां भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, ये तीनों मिलकर भारत की जीडीपी का 18% हिस्सा बनाते हैं।
4. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) द्वारा Common Services Centre (CSC) की सेवाएं शुरू करने पर एक राष्ट्रीय महासंगोष्ठी का उद्घाटन किया। (21 जुलाई 2023)
- भारत सरकार और राज्य सरकारों की 300 से अधिक योजनाओं को CSC से जोड़ा गया है।
- CSC की पहुँच को गाँव के गरीब से गरीब लोगों तक पहुँचाने के लिए PACS से बड़ा जरिया और कोई नहीं हो सकता।
- PACS और CSC के एक होने से गरीबों की सुविधाओं में बढ़ोतरी तो होगी ही साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा और ताक़त मिलेगी।
5. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के पुणे में सहकारी समितियों के केन्द्रीय पंजीयक (CRCS) कार्यालय के डिजिटल पोर्टल का शुभारंभ किया। (6 अगस्त 2023)
- डिजिटल पोर्टल का फायदा देश की 1555 बहुराज्यीय सहकारी समितियों को मिलेगा।
- मोदी सरकार राज्यों की सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के कार्यालयों का भी कम्प्यूटरीकरण करने जा रही है, जिससे देशभर की 8 लाख कोऑपरेटिव सोसाइटी के साथ संवाद आसान हो जायेगा।
- मोदी सरकार ने अगले 5 सालों में देशभर में 3 लाख नए PACS बनाकर सहकारिता आंदोलन को हर गांव तक पहुंचाने का निर्णय लिया है।
6. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) द्वारा आयोजित ‘सहकारी निर्यात पर राष्ट्रीय संगोष्ठी‘ को संबोधित किया, साथ ही NCEL के logo, वेबसाइट और brochure का लोकार्पण तथा NCEL सदस्यों को सदस्यता प्रमाणपत्र भी वितरित किए। (23 अक्टूबर 2023)
- राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड के माध्यम से निर्यात का कम से कम 50% मुनाफा किसानों के पास जाएगा।
- निर्यात, किसान की समृद्धि, Crop Pattern बदलने, ऑर्गेनिक उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार, बायोफ्यूल के लिए वैश्विक बाजार में भारत का प्रवेश और सहकारिता को मजबूत करने जैसे 6 उद्देश्यों के साथ सहकारिता क्षेत्र में राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड की शुरूआत हुई है।
- NCEL आने वाले दिनों में खरीद, भंडारण, प्रसंस्करण, विपणन, ब्रांडिंग, लेबलिंग, पैकेजिंग, सर्टिफिकेशन, R&D जैसे पहलुओं के साथ एक कम्प्लीट एक्सपोर्ट इकोसिस्टम बनेगा।
7. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) द्वारा ‘सहकारी क्षेत्र में उन्नत एवं पारंपरिक बीजोत्पादन’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया और साथ ही BBSSL के Logo, वेबसाइट और Brochure का अनावरण व BBSSL के सदस्यों को सदस्यता प्रमाण पत्र भी वितरित किए। (26 अक्टूबर 2023)
- मोदी सरकार ने देश के हर किसान तक प्रमाणित और वैज्ञानिक रूप से तैयार बीज पहुंचाने के उद्देश्यसे इस सहकारी समिति की स्थापना की है।
- आने वाले दिनों में भारत में बीज संरक्षण, संवर्धन और अनुसंधान के क्षेत्र मे BBSSL का बहुत बड़ा योगदान होगा।
- भारत के परंपरागत बीजों का संरक्षण कर उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना है, जिससे स्वास्थ्यपूर्ण अन्न, फल और सब्ज़ियों का उत्पादन निरंतर होता रहे और यह काम BBSSL करेगी।
- BBSSL का मुनाफा सीधे बीज उत्पादन करने वाले किसानों के बैंक खातों में जाएगा।
8. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) द्वारा आयोजित सहकारिता के माध्यम से जैविक उत्पाद को बढ़ावा देने पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। (8 नवंबर 2023)
- श्री अमित शाह ने NCOL के logo, website और brochure का शुभारंभ और NCOL के सदस्यों को सदस्यता प्रमाण पत्र भी वितरित किए।
- प्राकृतिक खेती करने वाले सभी किसानों को एक मंच देने और उनके उत्पादों की मार्केटिंग की व्यवस्था करने के लिए राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड की स्थापना की गई।
- NCOL का मुख्य उद्देश्य उत्पादों से होने वाले मुनाफे का 50% छोटे किसानों तक पहुँचाना है।
- ये अगले 5 सालों में देश का सबसे बड़ा उपक्रम होगा और जनता को स्वस्थ रखने के प्रधानमंत्री मोदी जी के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम सिद्ध होगा।