– बैठक में नगर निगम गुरूग्राम में विज्ञापन/होर्डिंग के बारे में की समीक्षा
– नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त पीसी मीणा की विज्ञापन से राजस्व बढ़ाने वाली प्रक्रिया की समिति ने सराहना की
गुरुग्राम, 6 अक्टूबर। स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित विधान सभा की समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक समिति के चेयरमैन एवं विधायक रामकुमार कश्यप की अध्यक्षता में गुरूग्राम में आयोजित की गई। बैठक में नगर निगम गुरूग्राम में विज्ञापन/होर्डिंग के बारे में समीक्षा की गई। समिति में चेयरमैन के साथ विधायक जगदीश नायर, विधायक घनश्याम सर्राफ, विधायक डा. बिशन लाल सैनी, विधायक रामनिवास तथा विधायक बिशम्बर सिंह शामिल थे।
समीक्षा के दौरान समिति के चेयरमैन विधायक रामकुमार कश्यप ने कहा कि नगर निगम गुरूग्राम द्वारा चालू वित्त वर्ष में हरियाणा म्यूनिसिपल विज्ञापन उपनियम-2022 की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए अपनाई जा रही नई प्रक्रियाओं तथा विज्ञापन से राजस्व बढ़ौतरी तथा अनाधिकृत विज्ञापनों पर कार्रवाई के मामले में नगर निगम गुरूग्राम द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में जितना राजस्व पूरे वर्ष में जुटाया जाता था, उससे अधिक चालू वित्त वर्ष में 6 माह के दौरान नगर निगम गुरूग्राम द्वारा जुटाया गया है। इसके लिए उन्होंने नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त पीसी मीणा व उनकी टीम को बधाई भी दी। विशेष रूप से निगमायुक्त द्वारा विज्ञापन विंग में समय-समय पर स्टाफ बदलाव की प्रक्रिया अपनाने की सराहना समिति द्वारा की गई तथा कहा कि नगर निगम गुरूग्राम द्वारा अपनाई जा रही नई प्रक्रियाएं अन्य निगमों द्वारा भी अपनाई जानी चाहिएं।
बैठक में निगमायुक्त पीसी मीणा ने सदस्यों को समीक्षा के दौरान बताया कि नगर निगम गुरूग्राम द्वारा हरियाणा म्यूनिसिपल विज्ञापन उपनियम-2022 की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके तहत क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से लगे यूनिपोल तथा अन्य विज्ञापनों को हटाने के लिए लगातार बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई। इसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में अनाधिकृत विज्ञापनों पर अंकुश लगा। उन्होंने बताया कि अनाधिकृत विज्ञापनों के मामले में जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई जा रही है, जिसके चलते विज्ञापन स्वीकृति के लिए आने वाले आवेदनों की संख्या में भी बढ़ौतरी आई है तथा राजस्व बढ़ा है।
नगर निगम गुरूग्राम द्वारा अनाधिकृत यूनिपोल को हटाने के साथ ही संबंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने तथा पैनल्टी की वसूली करने की कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने साईनेज बोर्ड पर विज्ञापन लगाए थे। नगर निगम गुरूग्राम द्वारा उन पर पैनल्टी लगाई गई तथा उनके कार्यालयों को सील करने की भी कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि अनाधिकृत विज्ञापन के मामले में साईट मालिक, विज्ञापनदाता कंपनी तथा विज्ञापन एजेंसी तीनों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है तथा अगर कोई उल्लंघनकर्ता पैनल्टी जमा नहीं करवाता है, तो एनडीसी पोर्टल पर उसके प्रॉपर्टी डाटा के साथ पैनल्टी राशि को जोड़ दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि निगम विज्ञापन से होने वाले राजस्व में बढ़ावा हो सके, इसके लिए तीन सूत्री फार्मूला पर कार्य कर रहे हैं। इसमें पहला-अवैध विज्ञापन के प्रति जीरो टॉलरेंस, दूसरा-विज्ञापन अनुमति में पारदर्शिता पर जोर और तीसरा अच्छी निष्ठा वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को विज्ञापन शाखा में तैनात करना एवं नियमित अंतराल पर नई इनफोर्समैंट टीम को लगाना शामिल है।
निगमायुक्त ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में अब तक नगर निगम गुरूग्राम द्वारा 310 विज्ञापन स्वीकृति दी गई हैं। इनमें 153 यूनिपोल, 16 वॉलरैप, 99 सेल्फ साईनेज, 25 बिलबोर्ड, 10 ट्रेन रैपिंग, 2 इवैंट, 4 एलईडी तथा एक पायलॉन की स्वीकृति शामिल है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में विज्ञापनों से 50 करोड़ रूपए से अधिक का राजस्व जुटाने का लक्ष्य है, जिसमें से अब तक 27 करोड़ रूपए का राजस्व जुटाया जा चुका है।
गत वित्त वर्षों में जुटाए गए राजस्व के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 में 15.45 करोड़ रूपए, वित्त वर्ष 2020-21 में 9.44 करोड़ रूपए, वित्त वर्ष 2021-22 में 14.66 करोड़ रूपए तथा वित्त वर्ष 2022-23 में 26.82 करोड़ रूपए का राजस्व विज्ञापन से जुटाया गया था। उन्होंने नगर निगम गुरूग्राम द्वारा तैयार किए जा रहे ऑनलाईन डेटाबेस के बारे में भी समिति को जानकारी दी तथा कहा कि इससे निगरानी बेहतर होगी तथा पारदर्शिता भी बढ़ेगी।