नई दिल्ली : आयकर विभाग त्वरित और कुशल तरीके से आयकर रिटर्न (आईटीआर) की प्रोसेसिंग करने के लिए प्रतिबद्ध है। 05.09.2023 तक आकलन वर्ष 2023-24 के लिए दाखिल किए गए 6.98 करोड़ आईटीआर में से 6.84 करोड़ आईटीआर सत्यापित किए जा चुके हैं। 05.09.2023 तक सत्यापित कुल आईटीआर में से आकलन वर्ष 2023-24 के 6 करोड़ से भी अधिक आईटीआर की प्रोसेसिंग हो चुकी है जिसके परिणामस्वरूप 88% से भी अधिक सत्यापित आईटीआर की प्रोसेसिंग हो चुकी है। आकलन वर्ष 2023-24 के लिए 2.45 करोड़ से भी अधिक रिफंड पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
निर्बाध और त्वरित तरीके से करदाता सेवाएं प्रदान करने के विभाग के प्रयासों को निरंतर मजबूत किया जा रहा है। उसी के अनुरूप आकलन वर्ष 2023-24 के लिए दाखिल रिटर्न के लिए आईटीआर का औसत प्रोसेसिंग समय (सत्यापन के बाद) घटाकर 10 दिन कर दिया गया है, जबकि आकलन वर्ष 2019-20 के लिए यह अवधि 82 दिन और आकलन वर्ष 2022-23 के लिए यह अवधि 16 दिन थी।
यह बताना उचित है कि विभाग करदाताओं की ओर से कुछ जानकारी/सूचना न मिलने के अभाव में आईटीआर की निम्नलिखित श्रेणियों की प्रोसेसिंग करने में सक्षम नहीं है:
ए. आकलन वर्ष 2023-24 के लिए ऐसे लगभग 14 लाख आईटीआर हैं जो दाखिल तो किए गए हैं, लेकिन 04.09.2023 तक करदाताओं द्वारा सत्यापित किए जाने अभी बाकी हैं। रिटर्न को सत्यापित करने में विफलता के कारण प्रोसेसिंग में देरी होती है क्योंकि करदाता द्वारा सत्यापन पूरा हो जाने के बाद ही रिटर्न की प्रोसेसिंग हो सकती है। करदाताओं की ओर से सत्यापन प्रक्रिया तुरंत पूरी करने का अनुरोध किया जाता है।
बी. लगभग 12 लाख ऐसे सत्यापित आईटीआर हैं जिनमें विभाग द्वारा अतिरिक्त जानकारी मांगी गई है, जिसके लिए करदाताओं को उनके पंजीकृत ई-फाइलिंग खातों के माध्यम से अपेक्षित संचार या सूचना भेजी गई है। करदाताओं से अनुरोध है कि वे इस तरह के संचार या सवाल का शीघ्रता से जवाब दें।
ऐसे कई मामले हैं जिनमें आईटीआर की प्रोसेसिंग हो चुकी है और रिफंड भी निर्धारित हो चुका है, लेकिन विभाग उन्हें जारी करने में असमर्थ है क्योंकि करदाताओं ने अभी तक अपने उस बैंक खाते को सत्यापित या मान्य नहीं किया है जिसमें रिफंड जमा किया जाना है। करदाताओं से अनुरोध है कि वे अपने बैंक खातों को ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से सत्यापित या मान्य करें।
आयकर विभाग काफी तेजी से प्रोसेसिंग करने एवं रिफंड को शीघ्रता से जारी करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में करदाताओं से सहयोग करने का अनुरोध करता है।