राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेश में 69 शिक्षकों को किया सम्मानित

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कहा, डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन आज भी लाखो युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत, उनके विचारों को ग्रहण कर सफलता को करें हासिल

समारोह में विद्यालय शिक्षा विभाग तथा यूनिसेफ द्वारा पी2ई फाइनेंसिल लिटरेसी प्रोग्राम का ब्रॉशर किया गया लांच

हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता तथा शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर की रही गरिमामयी उपस्थिति

नई दिल्ली, 5 सितंबर : हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज पंचकुला में विद्यालय शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राज्य शिक्षक पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेश के 69 शिक्षको को सम्मानित किया। समारोह का शुभारंभ राज्यपाल द्वारा देश के पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए किया गया। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता तथा स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल भी उपस्थित थे।

समारोह में शिक्षा विभाग तथा यूनिसेफ द्वारा पासपोर्ट टू अर्निंग(पी2ई) फॉर स्कूल्स लर्निंग लिटरेसी कार्यक्रम का ब्रॉशर भी राज्यपाल द्वारा लांच किया गया। समारोह में हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आदर्श शिक्षक तथा देश के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक प्रख्यात शिक्षाविद, आदर्श शिक्षक और महान दार्शनिक थे। डा0 राधाकृष्णन ने 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में देश की सेवा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का विकास व सदुपयोग किया जा सकता है। जहां कहीं से भी कुछ सीखने को मिले उसे अपने जीवन में उतार लेना चाहिए। डॉ. राधाकृष्णन के विचार आज भी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं और उनके विचारों को अपने जीवन में ग्रहण करके सफलता की बुलंदियों को हासिल किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि आज शिक्षक दिवस के अवसर पर हमें आत्ममंथन करना चाहिए कि सभी को शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य प्राप्त करने में क्या-क्या बाधाएं हैं और उनका निवारण कैसे किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे। इसी दिशा में सरकार द्वारा प्रदेश में 1125 विशेष प्रशिक्षण केंद्र खोले गए हैं जिनमें 28,139 आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रन को 6 महीनों का विशेष प्रशिक्षण देकर सामान्य स्कूलों में प्रवेश दिलाने की दिशा में काफी अच्छी कोशिश की गई है। ऐसे बच्चों के लिए कदम नामक अध्ययन सामग्री की विशेष टूल किट बनाई गई है। उन्होंने समारोह में नई शिक्षा नीति की भी सराहना की। उन्होंने समारोह में डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘ निष्काम अपना काम करने वाला ही शिक्षक होता है‘। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि वे इस भाव को हृदय में रखते हुए अपना काम करें ताकि हरियाणा प्रदेश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके।

इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि अच्छे शिक्षक देश के निर्माता होते हैं जो विद्यार्थियों को तराशते हुए उन्हें राष्ट्र हित का निर्माण करने के लिए दिशा प्रदान करते है। उन्होंने मंच से राजा राम मोहन राय, पंडित मदन मोहन मालवीय, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा महान दार्शनिक श्री अरविंद का नाम लेते हुए कहा कि इन महानुभावो ने शिक्षा के स्तर को बढ़ाने में विशेष योगदान दिया। उन्होंने युवाओ का नशे से दूर रहने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवा किसी भी देश की रीड़ की हड्डी के समान है और अगर युवा कमजोर होगा तो देश कमजोर होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को यह संकल्प लेना होगा कि वे नशे से दूर रहेंगे और इसका सेवन नहीं करेंगे। उन्होंने अध्यापकों का आवाहन करते हुए कि वे युवाओं को सही दिशा प्रदान करने का संकल्प यहां से लेकर जाए।

समारोह में शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि शिक्षक साधारण नहीं होता वह देश का भविष्य लिखता है। उन्होंने कहा कि बच्चे के जीवन में उसके माता-पिता से अधिक प्रभाव एक अध्यापक का होता है। एक अच्छा अध्यापक बच्चों में हुनर तराशने के साथ-साथ उन्हें अच्छे संस्कार देता है। उन्होंने कहा कि एक बच्चे के जीवन में अध्यापक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है जो किसी भी विद्यार्थी के लिए प्रेरणा स्रोत होता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने अध्यापक द्वारा दी जाने वाली सीख व शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए उन्हें अधिक से अधिक मान सम्मान दे।

इस मौके पर माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ अंशज सिंह ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया जबकि मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक आर एस ढिल्लो से धन्यवाद ज्ञापित किया।

समारोह में पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल, स्कूल शिक्षा विभाग के एसीएस सुधीर राजपाल, मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक आर एस ढिल्लो ,माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अंशज सिंह सहित सहित कई अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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