राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मुख्य निर्वाचन आयुक्त से किया लिखित आपत्ति
आर एस चौहान
लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी नें अपनी पार्टी का चुनाव प्रचार करनें हेतु स्टार प्रचारकों की सूची जारी की जिसमें लगभग दो तिहाई प्रचारक पब्लिक फण्ड से सरकारी तनख्वाह लेने वाले अपने क्षेत्र के जन-प्रतिनिधि और गवर्मेंट मशीनरी के रूप में काम करने वाले देश व प्रदेश के मंत्रीगण हैं |
महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखकर बताया कि आप सभी व् आपके मंत्रिमंडल के सदस्य सरकारी तनख्वाह लेते हैं सरकारी काम करने हेतु परन्तु यदि किसी पार्टी चुनाव का प्रचार करना आपकी मज़बूरी हो गयी है तो प्रचार सरकारी तनख्वाह पर क्यूँ किया जाना चाहिये, लिहाज़ा जो लोग पार्टी चुनाव प्रचार करें वो प्रचार के दिनों की तनख्वाह छोड़े जिससे पार्टी प्रचार में गवर्मेंट मशीनरी का इस्तेमाल न माना जाये जो न सिर्फ न्यायसंगत है बल्कि लोकतान्त्रिक भी है |
चुनाव आयोग को लिखित आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि अवसर की समता सभी प्रत्याशियों को मिले और फ्री एंड फेयर चुनाव हो किसी को बढ़त न मिल जाये ये सुनिश्चित चुनाव आयोग को करना होता है इसीलिए चुनाव आयोग नें लाफुल डायरेक्शन No.56/4 LET/ECI/FUNC/PP/PPS-II/2015 बनाया था जिसमें पैरा-4 में लिखा है कि पब्लिक फण्ड या पब्लिक प्लेस या गवर्मेंट मशीनरी का इस्तेमाल कर अपने चुनाव-चिन्ह का प्रचार पार्टियाँ न करेंगी न एलाऊ करेंगी | पैरा-5 में लिखा कि यदि उपरोक्त निर्देश का उलंघन करेंगी तो इसे लाफुल डायरेक्शन का उलंघन मानते हुए Election Symbol Reservation & Allotment Order 1968 के पैरा 16 A के तहत कार्यवाही की जाएगी, ऐसे में आयोग से अपेक्षा है कि अपने ही लाफुल डायरेक्शन के उलंघन होने पर तत्काल विधिक कार्यवाही करे जिससे लोगों का यकीन कायम रह सके |