क्या गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम के चुनाव 15 सितम्बर से 15 अक्तूबर के बीच होंगे ? सरकार का क्या है कहना …

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-मानेसर नगर निगम की वार्डबंदी का कार्य पूरा

-सरकार ने प्रारंभिक अधिसूचना के तहत 6 सितम्बर तक मांगे दावे व आपत्तियां

– इच्छुक व्यक्ति डीसी कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं अपने दावे व आपत्तियां

-जल्द ही गुरुग्राम नगर निगम की वार्ड बंदी के लिए भी मांगे जा सकते हैं सुझाव व आपत्तियां  

 

सुभाष चौधरी /The Public World 

गुरुग्राम, 25 अगस्त। मौजूदा वर्ष यानी 2023 में ही नगर निगम मानेसर के चुनाव होंगे . इस बात की जानकारी हरियाणा सरकार की ओर से मानेसर नगर निगम की वार्ड बंदी का कार्य पूरा होने की सूचना देने वाले पत्र में दी गई है. उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की ओर से इस संबंध में प्रारंभिक अधिसूचना जारी कर आम जनता से दावे व आपत्तियां आमंत्रित की गई है .

डीसी निशांत कुमार यादव ने इस विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा जारी प्रारंभिक अधिसूचना के तहत नगर निगम मानेसर की वार्डबंदी की प्रति https://ulbharyana.gov.in/ व कार्यालय नगर निगम मानेसर में उपलब्ध है। वार्डो के परिसीमन से संबंधित किसी भी व्यक्ति का कोई दावा या आपत्ति है तो वह 10 दिन के भीतर छह सितम्बर की शाम 5 बजे तक लिखित रूप में डीसी कार्यालय गुरुग्राम में प्रस्तुत कर सकते है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त तिथि के बाद कोई भी दावा व आपत्ति मान्य नही होंगे और यह समझा जाएगा कि उपरोक्त वार्डबंदी पर किसी को कोई आपत्ति नही है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार द्वारा म्युनिसिपल एक्ट में किए गए बदलावों के तहत नगर निगम मानेसर को कुल 20 वार्ड में विभाजित किया गया है।

सरकार के इस पत्र ने अब तक की आशंकाओं को दरकिनार करते हुए साफ़ कर दिया है कि अगले एक से दो माह के अंदर निगम के चुनाव करवाए जा सकते हैं. हालांकि इसको लेकर कयासबाजी पिछले नवम्बर से जारी थी जब गुरुग्राम नगर निगम का कार्यकाल नवम्बर में समाप्त हो गया था . वार्ड बंदी की प्रक्रिया भी पिछले 4 माह से भी अधिक समय से चल रही है और स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही थी. अंब जबकि 6 सितम्बर तक लोगों के सुझाव आने के बाद इसका फाइनल नोटिफिकेशन जारी कर दिए जाने के बाद किसी भी वक्त चुनाव की घोषणा की जा सकती है .

गुरुग्राम नगर निगम की वार्ड बंदी की रिपोर्ट गत 14 अगस्त को ही डी सी निशांत कुमार यादव ने प्रदेश सरकार को भेज दी है. समझा जाता है कि गुरुग्राम नगर निगम की वार्ड बंदी के लिए भी सरकार जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर जनत से सुझाव व आपत्तियां आमंत्रित करेगी . इसके बाद ही दोनों नगर निगमों के चुनाव एक साथ कारवाने का ऐलान किया जा सकता है . माना जा रहा है कि 15 सितम्बर तक दोनों नगर निगमों कि वार्ड बंदी का फाइनल नोटिफिकेशन कर दिया जाएगा . इसके बाद अगले एक सप्ताह के अंदर चुनाव की तारीख का ऐलान राज्य चुनाव आयोग कर सकता है. इसके लिए पहले की भांति 15 से 20 दिनों का समय निर्धारित किया जा सकता है .

गौरतलब है कि राज्य निर्वाचन आयोग दो माह पहले ही इस चुनाव को लेकर संकेत दे चुका है. हरियाणा सरकार ने निगम के चुनाव कराने को लेकर जो आग्रह आयोग से किया था उसके अनुरूप ही वार्ड बंदी की प्रक्रिया शुरू की गई थी. सवाल केवल  मतदाता सूचियों की तैयारी को लेकर उठाये जा रहे हैं जिसका आधार इस बार परिवार पहचान पत्र को मान लिया गया है . इससे राजनीतिक दल आशंकित है जबकि वार्ड बंदी में अनुसूचित जाति की सीटें कम होने पर भी सवाल खड़े किये जा रहे हैं . लेकिन सरकार किसी भी आपत्ति को लेकर गंभीर नहीं  दिख रही है . इसलिए संकेत साफ़ है कि सरकार निगम के चुनाव अपनी रणनीति के अनुसार ही करवाने पर आमादा है. पिछले वर्षों के अनुभव भी इस ओर इशारा करते हैं कि अदालतें अब चुनाव घोषित होने के बाद हस्तक्षेप करने से बचती हैं .  इसलिए  जबतक कि कोई गंभीर संवैधानिक खामी न दिखे किसी भी प्रकार का स्थगन आदेश मिलना भी मुश्किल है.

सरकारी सूत्र इस बात के संकेत दे रहे हैं कि वर्तमान मनोहर लाल सरकार निगम का चुनाव करवा कर लोकसभा चुनाव से पूर्व ही अपने घटते या बढ़ते जनाधार का लिटमस टेस्ट कर लेना चाहती है जिससे समय रहते उसमें सुधार किया जा सके . वैसे भी भाजपा पिछले तीन माह से भी अधिक समय से पार्टी के पन्ना प्रमुखों का सम्मेलन विधानसभा स्तर पर आयोजित कर कार्यकर्ताओं को चार्ज करने में जुटी हुई है जबकि मुख्यमंत्री स्वयं ही जनसंवाद कार्यक्रम के तहत अलग अलग जिले में जाकर जनता से मुखातिव हो रहे हैं और उनकी समस्याओं का निराकरण कर दिल जीतने की कोशिश करने में जुटे हुए हैं.

अभी हाल ही में मुख्यमंत्री ने शहरी मतदाताओं को बड़े पैमाने पर सीधे तौर पर खुश करने के लिए एक साथ 450 अवैध कालोनियों को नियमित करने की घोषणा करने की रणनीतिक चाल चल दी जबकि  ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा भी कर रहे हैं.  इसके अलावा मुख्यमंत्री लगातार सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से सीधे संवाद कर राजनीतिक पैठ मजबूत करने में जुटे हैं .  कुल मिलकर सत्ताधारी भाजपा के बड़े नेता से लेकर स्थानीय स्तर के कार्यकर्ता भी चुनावी मोड में आ गए हैं . इसलिये इस बात की संभावना प्रबल दिखती है कि 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर के बीच किसी भी वक्त नगर निगमों के चुनाव करवाए जा सकते हैं.

 

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