एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहन के लिए सरकार ने दिया 650 करोड़ का लाभ : उप मुख्यमंत्री

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– उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गुरुग्राम में की उद्योग व एमएसएमई के अधिकारियों के साथ विभागीय नीतियों की प्रगति की समीक्षा
– उप मुख्यमंत्री ने बैठक में पहुंचे अधिकारियों से किया आह्वान, अब जिलों से बढक़र ब्लॉक स्तर पर पहुंचाए सरकार की नीतियों का लाभ

गुरुग्राम, 17 अगस्त। हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा में एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए कोविड काल के उपरांत 650 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन दिया जा चुका है। हरियाणा में उद्योगों व एमएसएमई क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए 9 नीतियों की अधिसूचना जारी हो चुकी है और छ: नीतियों पर भी काम जारी है। उन्होंने यह बात गुरुवार को गुरुग्राम स्थित हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के तहत सभी जिलों के इंडस्ट्रीज व एमएसएमई के अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कही।

उप मुख्यमंत्री, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले मार्गदर्शन का जिक्र करते हुए बताया कि दिल्ली में बैठकर नीतियां तैयार होती है लेकिन उन्हें प्रभावी ढंग से क्रियांवित करने की जिम्मेवारी राज्यों के पास होती है। इसी तरह हरियाणा में उद्योगों व एमएसएमई को प्रोत्साहन देने की नीति चंडीगढ़ में अवश्य तैयार होती है लेकिन जिलों में इन नीतियों को आगे बढ़ाने की जिम्मेवारी आपकी है। उन्होंने वन ब्लॉक-वन प्रोडक्ट पर आधारित पदमा स्कीम का जिक्र करते हुए कहा कि अब जिलों से आगे बढ़ते हुए आपको ब्लॉक स्तर पर पहुंचना होगा। पदमा स्कीम में हम 50 प्रोजेक्ट टेकअप करने में सफल हुए तो एक बेंच मार्क भी स्थापित होगा।

दुष्यंत चौटाला ने अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रान्त का उल्लेख करते हुए कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था पांचवा हिस्सा कैलिफोर्निया प्रान्त से आता है। इसका प्रमुख कारण है कि उन्होंने अपने प्रान्त को अलग अलग सेक्टर में विभाजित कर प्रत्येक सेक्टर को एक प्रोडक्शन हब का रूप दिया। जिसके चलते यदि किसी सेक्टर में उतार चढ़ाव होता है तो दूसरा सेक्टर उसकी भरपाई करता है। उन्होंने कहा कि यही इनोवेशन हमें हरियाणा में करनी है। उन्होंने प्रदेश में इंडस्ट्रीज एवं एमएसएमई विभाग के स्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए विभिन्न जिलों में क्वालिटी सेंटर बनाने की बात भी कही। इस सेंटर में विभाग के दोनों कार्यालय भी होंगे। साथ ही उद्योगों को भी क्वालिटी की टेस्टिंग व सॢटफिकेशन की सुविधा मिलेगी।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की बेहतर औद्योगिक नीतियों के चलते केंद्र सरकार के जो भी नए इनोवेशन शुरू किए गए हैं उसमें हम लीडर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चाहे विश्व की फाच्र्यून कंपनियों का विषय हो, लार्ज स्केल मैन्युफैक्चरिंग का विषय हो अथवा एमएसएमई में नए इनोवेशन की बात हो, हरियाणा प्रदेश इन सभी क्षेत्रों में देश के अन्य राज्यों की तुलना में सदैव अग्रिम पंक्ति में खड़ा मिला है। उन्होंने बैठक में पहुंचे अधिकारियों को सप्ताह में एक बार वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपनी बेस्ट प्रैक्टिस शेयर करने की बात भी कही।

इससे पहले विभाग के अधिकारियों ने योजनावार प्रगति से उप मुख्यमंत्री को अवगत कराया। वर्तमान समय में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की ओर से एक छत के नीचे 25 विभागों की 150 सेवाएं उद्यमियों को दी जा रही है। राज्य में अब तक 4.60 लाख एप्लीकेशन प्रोसेस में आई और विभाग की कार्यकुशलता से सेवा प्रदान करने का समय भी 24 दिनों से घटकर 12 दिन रह गया है। इसी तरह एमएसएमई क्षेत्र में छ: लाख उद्यमी विभाग में पंजीकृत है और मिनी कलस्टर क्षेत्र के लिए प्राप्त 60 आवेदनों में से 43 स्वीकृत हो चुके हैं। राज्य में स्टार्ट अप को भी प्रोत्साहन देने पर विशेष बल दिया जा रहा है।

इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री अनूप धानक व उद्योग एवं वाणिज्य तथा विभाग के महानिदेशक शेखर विद्यार्थी, हरियाणा खादी एवं विलेज इंडस्ट्री विभाग के सचिव अमरजीत सिंह, अतिरिक्त निदेशक शशिकांत, एमएसएमई के संयुक्त निदेशक सिमरनजीत कौर, मनीष कुमार भी उपस्थित थे।

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