नई दिल्ली : इसरो ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी साझा करते हुए कहा है कि चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की पांचवीं और अंतिम कड़ी अपेक्षा के अनुरूप सफलतापूर्वक पूरी कर ली. इसरो ने आज बताया है कि चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल और प्रणोदन मॉड्यूल सफलतापूर्वक अलग कर लिया गया है . अब लैंडर मॉड्यूल शुक्रवार को चंद्रमा के आसपास की थोड़ी निचली कक्षा में उतरेगा.
इसरो ने लिखा है कि “लैंडर मॉड्यूल ने कहा, यात्रा के लिए धन्यवाद, दोस्त. लैंडर मॉड्यूल, प्रणोदन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो गया है. कल लैंडर मॉड्यूल के भारतीय समयानुसार करीब चार बजे डीबूस्टिंग से गुजरते हुए चंद्रमा की थोड़ी निचली कक्षा में उतरने की संभावना है.”
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा है कि चंद्रयान-3 के विशेष निष्कर्षों और इनपुट्स से पूरे विश्व समुदाय को लाभ होगा। डॉ. जितेंद्र सिंह चंद्रयान-3 मिशन द्वारा एक और ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त करने के बाद मीडिया से उस समय बात कर रहे थे, जब प्रज्ञान रोवर को ले जाने वाला अंतरिक्ष यान का “विक्रम” लैंडर मॉड्यूल अपनी आगे की चंद्र यात्रा में प्रोपल्सन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो गया था. अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ (यूएसएसआर) ने हमसे बहुत पहले ही अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू कर दी थी और अमेरिका ने 1969 में चंद्रमा की सतह पर एक मनुष्य को भी उतारा था, फिर भी यह हमारा चंद्रयान ही था जिसने चंद्रमा की सतह पर पानी की तस्वीरें खींच कर अमेरिका सहित विश्व में सभी को चौंका दिया। उन्होंने कहा कि हमने हमेशा काल्पनिक कहानियां सुनी हैं और हम खुद से पूछते थे कि क्या चंद्रमा पर लोग रहते हैं, लेकिन पहली बार चंद्रयान की खोज ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन सवालों के वैज्ञानिक जवाब तलाशने पर मजबूर कर दिया।
Chandrayaan-3 Mission:
‘Thanks for the ride, mate! 👋’
said the Lander Module (LM).LM is successfully separated from the Propulsion Module (PM)
LM is set to descend to a slightly lower orbit upon a deboosting planned for tomorrow around 1600 Hrs., IST.
Now, 🇮🇳 has3⃣ 🛰️🛰️🛰️… pic.twitter.com/rJKkPSr6Ct
— ISRO (@isro) August 17, 2023
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला भारत विश्व का चौथा देश होगा लेकिन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत विश्व का एकमात्र देश होगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने विश्वास जताया कि मिशन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि 23 अगस्त 2023 को शाम 5.30 से 6.00 बजे के बीच चंद्रयान-3 की चन्द्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग होगीI उन्होंने कहा, प्रत्येक भारतीय और पूरी दुनिया हर पल इसे देख रही है और सांस रोककर अंतिम परिणाम की प्रतीक्षा कर रही है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया कि चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का फॉलो-ऑन मिशन है और इसका उद्देश्य चंद्रमा या चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग और परिक्रमा करने की भारत की क्षमता का प्रदर्शन करना है। उन्होंने आगे कहा कि अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के लिए आवश्यक जटिल मिशन प्रोफ़ाइल को बहुत सटीक तरीके से क्रियान्वित किया गया है। चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद छह पहियों वाला रोवर बाहर आएगा और उसके चंद्रमा पर 14 दिनों तक काम करने की सम्भावना है। उन्होंने कहा कि रोवर पर लगे कई कैमरों की मदद से हम तस्वीरें ले सकेंगे।
अंतरिक्ष कर्मियों के लिए एक सक्षम वातावरण प्रदान करने और सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने जैसे अग्रणी निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पूरा श्रेय देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विकास की वर्तमान गति के आधार पर, भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र आने वाले वर्षों में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था हो सकता है।
आगे विस्तार से बताते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, चंद्रयान-3 मिशन के प्राथमिक तीन उद्देश्य हैं, चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन करना, चंद्रमा पर रोवर की परिक्रमा करना और चन्द्रमा की सतह पर इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना।
उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था . यह गत 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था. इसे इसरो ने 6 , 9 और 14 अगस्त को चंद्रमा की अगली कक्षाओं में प्रवेश कराया था.