एमवी गंगा विलास रिवर क्रूज : भारत व बांग्लादेश में 27 नदी प्रणालियों से गुजरते हुए 3,200 किमी की दूरी तय की

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नई दिल्ली : गंगा विलास ने अपनी यात्रा के दौरान भारत और बांग्लादेश में कई स्थानों को कवर किया . इनमें भारत-  वाराणसी, गाजीपुर, बक्सर, डोरीगंज, पटना, मुंगेर, सुल्तानगंज, विक्रमशिला (कहलगांव), बटेश्वरस्थान, साहिबगंज, बारानगर, अजीमगंज, हजारद्वारी, मटियारी, कालना, चंदननगर, हावड़ा, कोलकाता, बाली द्वीप, सुंदरबन, धुबरी, सूर्यपहाड़, गोलपाडा, सालकुची, गुवाहाटी, तेजपुर, सिलघट, बिस्वनाथ घाट, केतकेरीघाट, सिबसागर, माजुली द्वीप और बोगीबील (डिब्रूगढ़)। बांग्लादेश: मोंगला, जामटोला, हरबरिया, मोरेलगंज, बारिसल, ढाका, तंगेल, सिराजगंज और चिलमारी शामिल हैं। यह जानकारी केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

‘एमवी गंगा विलास’ ने 13 जनवरी, 2023 को वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू की और भारत तथा बांग्लादेश में 27 नदी प्रणालियों से गुजरते हुए 3,200 किमी की दूरी तय की। गंगा विलास  28 फरवरी, 2023 को डिब्रूगढ़ पहुंचा। इसने संपूर्ण दक्षिण एशिया क्षेत्र में नदी पर्यटन के लिए संभावनाओं का एक नया द्वार खोला।

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) का कार्य पोत परिवहन और नेविगेशन के लिए राष्ट्रीय जलमार्ग (एनडब्ल्यू) को विकसित और विनियमित करना है। हालांकि आईडब्ल्यूएआई द्वारा राष्ट्रीय जलमार्गों पर परिवहन के लिए विकसित अवसंरचना, जिसमें फेयरवे, टर्मिनल, जेटी, नेविगेशन सहायता आदि शामिल हैं, का उपयोग नदी पर्यटन संचालकों द्वारा भी किया जाता है। आईडब्ल्यूएआई केवल एनडब्ल्यू पर क्रूज/नदी पर्यटन के लिए एक तकनीकी सुविधा प्रदाता की भूमिका निभाता है।

इसके अलावा, आईडब्ल्यूएआई ने भारत में रिवर क्रूज़ पर्यटन के विकास के लिए एक कार्य योजना तथा विस्तृत रोड मैप की तैयारी करने को लेकर नवंबर 2022 में एक अध्ययन किया था, ताकि देश में मौजूद रिवर क्रूज़ पर्यटन की विशाल क्षमता का उपयोग किया जा सके और रिवर क्रूज में आगंतुकों की संख्या बढ़ाई जा सके।

आईडब्ल्यूएआई ने भारत में राष्ट्रीय जलमार्गों पर कार्गो, यात्रियों और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि करने के लिए एक इको-सिस्टम विकसित करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। आईडब्ल्यूएआई क्रूज़ संचालकों और अन्य हितधारकों के परामर्श से रिवर क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त अवसंरचना विकसित करने का प्रयास करता है। इस संबंध में उठाए गए कदमों का विवरण अनुलग्नक-I में है।

अनुलग्नक- I

देश में रिवर क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम

पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) ने 14-15 मई, 2022 को मुंबई में प्रथम अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन 2022 का आयोजन किया था। “नदी क्रूज की क्षमता” सत्र का संचालन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा किया गया था, जिसमें विश्व के प्रमुख क्रूज़ संचालकों ने भाग लिया था। जलमार्गों तथा निर्मित और नियोजित जेटी में नेविगेशन सहायता सुनिश्चित करने में आईडब्ल्यूएआई द्वारा किए गए कार्यों को साझा किया गया था। रिवर क्रूज को बढ़ावा देने के लिए मैसर्स हैरिटेज रिवर जर्नीज प्रा. लिमिटेड, मैसर्स अंतरा रिवर क्रूज़ और मैसर्स जे.एम. बक्सी एंड कंपनी के साथ समझौता ज्ञापनों  (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। जलमार्गों पर हुए कार्य और क्रूज सम्मेलन के परिणाम निम्न हैं:-

  1.  प्रधानमंत्री ने 13 जनवरी, 2023 को वाराणसी से एनडब्ल्यू-1 (गंगा नदी) पर बांग्लादेश के रास्ते डिब्रूगढ़ एनडब्ल्यू-2 (ब्रह्मपुत्र नदी) तक विश्व की सबसे लंबे रिवर क्रूज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसने लगभग 3,200 किमी की जलमार्ग दूरी सफलतापूर्वक तय की।
  2. गंगा, ब्रह्मपुत्र, केरल बैकवाटर, ओडिशा आदि से जुड़ी कई रिवर क्रूज की टिकट बिक्री में वृद्धि हुई है।

आईडब्ल्यू एआई ने राष्ट्रीय जलमार्गों पर रिवर क्रूज के सुचारू संचालन के लिए निम्नलिखित अवसंरचना सुविधाएं प्रदान की हैं। इनमें शामिल हैं: –

  • बर्थिंग सुविधाएं: जहाज के बर्थिंग और पर्यटकों के चढ़ने/उतरने के लिए विभिन्न स्थानों पर तैरते हुए पोंटून पुल बनाए गए हैं। रिवर क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, आईडब्ल्यूएआईने एनडब्ल्यू -1 और एनडब्ल्यू-2 पर 9 पर्यटक जेटी के निर्माण के लिए मंत्रालय के साथ साझेदारी की है।
  •  फ़ेयरवे: क्रूज़ जहाजों के सुरक्षित संचालन के लिए नेविगेशन फ़ेयरवे के साथ-साथ नेविगेशन सहायता और इलेक्ट्रॉनिक नेविगेशन के साथ चैनल को चिन्हित करना।
  • पायलट शुल्क: जलमार्ग में पोत परिवहन के परिचालन के लिए 750/रुपए प्रति दिन के मामूली शुल्क पर तथा मांग के आधार पर पायलट सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
  • राज्य सरकार के साथ समन्वय: यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए राज्य सरकारों के समन्वय से क्रूज संचालकों को सहायता प्रदान की जाती है।
  • संकटग्रस्त जहाजों को सहायता: आईडब्ल्यूएआई राष्ट्रीय जलमार्ग पर यांत्रिकी खराबी और अन्य कारणों से संकटग्रस्त हुए जहाजों को को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए उच्च क्षमता वाले टगबोट की सुविधा प्रदान करता है।

 

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