कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार के खिलाफ लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया

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सुभाष चौधरी/The Public World 

नई दिल्ली : कई दिनों से मणिपुर हिंसा को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चल रही तकरार के कारण बाधित लोकसभा में आज कांग्रेस पार्टी में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया.  कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को दिया.  बताया जाता है कि  कांग्रेस सांसद की नोटिस को लोकसभा स्पीकर ने मंजूर कर लिया.  माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने मणिपुर मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को  संसद में बोलने के लिए  मजबूर करने की दृष्टि से यह अंतिम विधायी  चाल चली है. दरअसल, मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में बयान की मांग कर रहा है. 

 

संभावना इस बात की है कि अगले हफ्ते संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा  कराई जा सकती है. मानसून सत्र की शुरुआत होने के साथ ही संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के चलते कार्यवाही बाधित रही है. बुधवार (26 जुलाई) को भी 12 बजे तक के लिए लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित रही.

 

लोकसभा में  केंद्र सरकार के खिलाफ  अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए किसी भी सांसद को कम से कम 50 सांसदों का समर्थन होना आवश्यक है.  कांग्रेस पार्टी और अन्य सहयोगी विपक्षी दलों के सांसदों का भी इस प्रस्ताव को समर्थन हासिल है ऐसी चर्चा जोरों पर है. 

 

उल्लेखनीय है कि मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस पार्टी सहित अन्य विपक्षी दल संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री के बयान की मांग लगातार कई दिनों से कर रहे हैं.  दूसरी तरफ विपक्ष ने इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा कराने की मांग की है. लेकिन विपक्ष इस चर्चा को नियम 267 के तहत कराने पर जोर डाल रहा है जबकि सरकार नियम 176  के तहत चर्चा कराने के लिए तैयार है.  इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच लोकसभा एवं राज्यसभा में तकरार जारी है.  लगातार कई दिनों से दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हो रही है.  विपक्ष नारेबाजी करते रहते हैं जबकि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति सदन को चलाने की कोशिश में जुटे रहते हैं.  1 दिन पूर्व दोनों सदनों में कुछ काम काज तो हुए लेकिन विपक्षी सांसद इसमें शामिल नहीं हुए . 

 

लोकसभा और राज्यसभा दोनों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस मुद्दे को लेकर लगातार नोकझोंक चल रही है.  इस नोकझोंक के दौरान ही 1 दिन पूर्व आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को और संसदीय आचरण करने के आरोप में पूरे मानसून सत्र के लिए निष्कासित कर दिया गया है.  इस मामले को लेकर भी विपक्ष सत्ता पक्ष पर हमलावर है और राज्यसभा के सभापति से इस पर पुनर्विचार की मांग कर रहा है. सभापति के इस निर्णय के खिलाफ आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह संसद परिषद में अवस्थित महात्मा गांधी की मूर्ति के पास अनशन पर बैठे हैं. दूसरी तरफ उन्हें निष्कासित करने वाले प्रस्ताव को सदन में पारित कराने के दौरान कथित तौर पर बढ़ती गई अनियमितता को पॉइंट ऑफ आर्डर के तहत आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने 1 दिन पूर्व सभापति के समक्ष उठाने की कोशिश की लेकिन उनके तक पहुंचना पति ने नकार दिया.

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