नई दिल्ली : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में महिपालपुर स्थित केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) परिसर के विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र (ASCC) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर CISF के महानिदेशक श्री शील वर्धन सिंह और बल के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
विमानन क्षेत्र सर्वाधिक गतिशील, सार्वजनिक रूप से दृश्यमान और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है। विमानन क्षेत्र की जिम्मेदारी ग्रहण करने के बाद से ही CISF ने प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था स्थापित की है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में CISF ने पिछले कुछ वर्षों में निरंतर सक्रिय ऑपरेशनल ऑरिएनटेशन द्वारा विमानन सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था में अपनी एक अलग पहचान स्थापित की है।
परिचालन क्षमता में गुणात्मक विकास के लिए परिचालन अभ्यास, नई तकनीकी खोजों और मानव संसाधनों के विकास के साथ निरंतर गतिशील अनुकूलन की आवश्यकता होती है। वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए, एयरपोर्ट सेक्टर ने नई दिल्ली के महिपालपुर परिसर में एक विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र और विमानन सुरक्षा प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला की स्थापना की है।
सीआईएसएफ का एयरपोर्ट सेक्टर मुख्यालय, केंद्रीय नियंत्रण कक्ष की कार्यप्रणाली को पारंपरिक घटना आधारित सूचना संग्रह केंद्र से परिवर्तित कर उपयोगी विश्लेषणात्मक जानकारी इकट्ठी करने और वास्तविक समय में ही कार्रवाई करने की ओर अग्रसर है जिससे हवाई अड्डों की सुरक्षा के संचालन में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाये।
आज से शुरू किए गए विमानन सुरक्षा नियंत्रण केंद्र (ASCC) में चार घटक हैं:-
- संचार एवं नियंत्रण केंद्र:
- हवाईअड्डों पर बम की धमकी वाली कॉल, वीवीआईपी मूवमेंट, और अन्य प्रमुख घटनाओं और प्री-एमबार्केशन सिक्योरिटी चेक में लगने वाले समय आदि की 24x7x365 रिअल टाइम निगरानी।
- सभी हवाईअड्डा इकाइयों, बल मुख्यालय/एपीएस मुख्यालय/सेक्टर/जोनल मुख्यालय और बाहरी एजेंसियों व स्टेकहॉलर्डस के साथ संचार, समन्वय और सहयोग के लिए दोतरफा संचार (Two way communication)।
2) घटना प्रबंधन केंद्र: हवाई अड्डों से संबंधित तकनीकी उपकरण, जनशक्ति, आकस्मिक योजना, भौगोलिक सूचना प्रणाली और फ़्लोर प्लान व सैंड मॉडल संबंधित प्रासंगिक जानकारी प्राप्त होगी जो किसी भी आकस्मिक स्थिति में त्वरित निर्णय लेने में मदद करेगी।
3) विमानन अनुसंधान केंद्र: इसमें शामिल हैं:–
- अनुसंधान एवं विश्लेषण:
- नवीनतम तकनीकों का अध्ययन एवं विश्लेषण करना
- उपकरणों की थ्रूपुट और दक्षता का अध्ययन करना
- विभिन्न हवाई अड्डों में स्थापित बेहतरीन अभ्यास का अध्ययन करना
- डेटा एवं रुझान विश्लेषण:
- हवाई अड्डों पर होने वाली घटनाओं का विश्लेषण
- प्रस्थान द्वारों और एसएचए पर भीड़ का विश्लेषण
- सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट:
- डेटाबेस को अपडेट एवं सुरक्षित रखना
- सॉफ्टवेयर डेवलेप और परीक्षण करना
- सीआईएसएफ कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करना
4) डेटा सेंटर: यह तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। इसमें निम्नलिखित विशेषताएं शामिल हैं:-
- 300 टेरा बाईट स्टोरेज कैपेसिटी
- एप्लिकेशन होस्टिंग और डेटाबेस के लिए सर्वर
- एमटीएनएल से 50 एमबीपीएस लीज लाइन
- वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के माध्यम से हवाई अड्डों की डेटा सुरक्षा
- हवाई अड्डों, जोन, सेक्टरों और मुख्यालयों के लिए 110 इंटरकॉम टेलीफोन कनेक्शन की क्षमता वाला आईपी-पीबीएक्स