‘स्वच्छता क्रोनिकल: परिवर्तनकारी कथाएं भारत से ‘ का लोकार्पण : 75 ओडीएफ प्लस सर्वोत्तम प्रथाओं का संग्रह

Font Size

नई दिल्ली :  केंद्रीय जल शक्ति मंत्री  गजेंद्र सिंह शेखावत ने ग्रामीण वॉश भागीदार मंच (आरडब्ल्यूपीएफ) के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में 75 ओडीएफ प्लस सर्वोत्तम प्रथाओं का सार-संग्रह जारी किया, जिसका आज समापन हुआ। ‘स्वच्छता क्रोनिकल: परिवर्तनकारी कथाएं भारत से ‘ शीर्षक वाला यह संग्रह, एसबीएम-जी चरण-II के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए नवप्रवर्तनों, रूकावटों को दूर करने और जागरूकता को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों, शुरू किए गए विशेष अभियानों और विभिन्न ओडीएफ प्लस गतिविधियों में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के अन्य प्रयासों को प्रदर्शित करता है।

75 ओडीएफ प्लस सर्वोत्तम प्रथाओं के सार-संग्रह के बारे में बात करते हुए, केंद्रीय मंत्री श्री शेखावत ने कहा, “यह संग्रह ओडीएफ प्लस प्राप्त करने की दिशा में काम करने वाले राज्यों और अन्य हितधारकों के लिए एक मूल्यवान संसाधन है”। “यह देश भर में लागू की गई सर्वोत्तम प्रथाओं को दर्शाता है और दूसरों को इन सफलताओं को दोहराने के लिए प्रेरणा देता है।”

यह संग्रह स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की आईईसी टीम द्वारा विकसित किया गया है और इसमें एसबीएमजी चरण-II के प्रत्येक विषयगत स्तंभों की कहानियां शामिल हैं। कहानियों का समूचा चुनाव निम्नलिखित प्रमुख मानदंडों पर आधारित है :

नवप्रवर्तन: यह खंड उन नवीन दृष्टिकोणों पर प्रकाश डालता है, जिनका उपयोग ओडीएफ प्लस प्राप्त करने के लिए किया गया है। उदाहरण के लिए, ओडिशा राज्य में ब्लॉक स्तर पर सामुदायिक भागीदारी और नेतृत्व ने खोर्धा जिले के भिंगरपुर ग्राम पंचायत में जितिकर सुआनलो गांव को ओडीएफ प्लस मॉडल गांव का दर्जा कैसे सुनिश्चित करवाया या कैसे ओडीएफ प्लस संपत्तियों (ठोस और तरल अपशिष्ट को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए) के लाइव मॉडल प्रदर्शित करने से उत्तर प्रदेश में श्रावस्ती जिले को ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल करने में मदद मिली।

रूकावटों पर काबू पाना: यह खंड उन चुनौतियों के बारे में चर्चा करता है, जिनका ओडीएफ प्लस हासिल करने में सामना करना पड़ा है और इन चुनौतियों पर कैसे काबू पाया गया है। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु राज्य ने नम्मा ऊरु सुपरू अभियान के हिस्से के रूप में एक नवीन सामूहिक सफाई पहल के माध्यम से मदुरै की उपनगरीय पंचायतों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में महत्वपूर्ण चुनौती को पार किया।

जागरूकता बढ़ाना: यह खंड उन उपायों पर प्रकाश डालता है जो स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चे वॉश वाणी नामक पत्रिका के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक वॉश व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए अपनी सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं।

विशेष अभियान: यह खंड उन विशेष अभियानों पर विचार-विमर्श करता है, जो ओडीएफ प्लस हासिल करने के लिए शुरू किए गए हैं। उदाहरण के लिए, स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर (स्वच्छ तट, सुरक्षित सागर) अभियान के हिस्से के रूप में गुजरात राज्य ने अपने समुद्र तटों को नियमित आधार पर साफ करने और फलस्वरूप पर्यावरण की रक्षा करने के उपाय शुरू किए।

You cannot copy content of this page