चाय उद्योग में घरेलू व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकास व विस्तार की अपार संभावनाए : डॉ.महेंद्र नाथ पांडेय

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नई दिल्ली : भारतीय चाय उद्योग दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उद्योग है।  चाय क्षेत्र ने देश में रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश में चाय उद्योग को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए कई आवश्यक कदम उठाए हैं। इसका सकारात्मक परिणाम भी देश के साथ-साथ इस उद्योग जगत को मिलने लगा है। एंड्रयू यूल एंड कंपनी लिमिटेड (एवाईसीएल) ने पिछले वर्ष की तुलना में चाय के निर्यात में 431% की वृद्धि हासिल की है, जो अब तक का सर्वाधिक है। एवाईसीएल उच्च गुणवत्ता वाली ऑर्थोडॉक्स और सीटीसी चाय का उत्पादन करती है, जिसमें विशेष चाय जैसे मून ड्रॉप, सिल्वर नीडल और ऊलोंग शामिल हैं। इन चायों को यूके, यूएई और पोलैंड जैसे देशों में निर्यात किया गया है। इनकी वजह सेवित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कंपनी के रिकॉर्ड तोड़ निर्यात में योगदान मिला है।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने एवाईसीएल को बधाई देते हुए कहा है कि यह उपलब्धि चाय उद्योग में गुणवत्ता और नवाचार के प्रतिउसकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। एवाईसीएल का विकास इस उद्योग की क्षमता के एक वसीयतनामा के रूप में है। यह लगातार विकसित हो रहे उद्योग में नवाचार और अनुकूलनशीलता के महत्व पर प्रकाश डालता है। उन्होंने कहा कि एवाईसीएल की उपलब्धि वैश्विक बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इससे प्रधानमंत्री के‘वोकल से ग्लोबल’ के मंत्र को भीसाकार करने में मदद मिल रही है।

उन्होंने कहा कि एवाईसीएल की सफलता से यह स्पष्ट है कि चाय उद्योग में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकास और विस्तार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने भारत में चाय उद्योग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह उद्योग अपने विशाल चाय बागानों की वजह से दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में भी हजारों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है। एवाईसीएल निस्संदेह भारतीय अर्थव्यवस्था में और योगदान देगा। साथ ही दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करेगा।

गौरतलब है कि एवाईसीएलचाय उद्योग में भारत सरकार का एकमात्र सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। एवाईसीएलकी स्थापना 1863 में हुई थी। 1979 से यहऔद्योगिक समूह सीपीएसई, चाय, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल व्यवसायों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कंपनी के असम और पश्चिम बंगाल में 15 चाय बागान हैं। एवाईसीएल बीएसई में भी सूचीबद्ध हैऔर 31 मार्च, 2023 तक यह शीर्ष 1000 कंपनियों में शामिल रही है।

खुदरा बाजार में भी कियाविस्तार एवाईसीएल में 14,225 नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से 48.5% महिलाएं हैं।इनमें से91.14% कर्मचारी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं। यह समाज के वंचित वर्गों के उत्थान की दिशा में सराहनीय पहल है। ज्यादातर कर्मचारी असम, दोआर्स और दार्जिलिंग के चाय बागानों में तैनात हैं।एवाईसीएलने खुदरा बाजार में भी विस्तार किया है और इस क्षेत्र में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने और अपने ब्रांड का निर्माण करने के लिए विभिन्न रणनीतियों के तहत निवेश किया है।

2024 में कम से कम 50 कियोस्क स्थापित करने की योजना

एवाईसीएलने पहले ही वित्त वर्ष 2023 में कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट (CSD) और नैफेडको पैकेट चाय की आपूर्ति शुरू कर दी है। साथ हीकंपनी अपनी ब्रांडेड चाय की आपूर्ति के लिए एनएसीओएफ, केंद्रीय भंडारऔर हैफेडजैसी सहकारी समितियों के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी की योजना राजस्थान और पश्चिम बंगाल में खुदरा बाजार डेवलपर्स को शामिल करने और वित्त वर्ष 2024 में कम से कम 50 कियोस्क स्थापित करने की है।

चाय रिसॉर्ट का और विस्तार करने की योजना

इन पहलों के जरिएएवाईसीएल का लक्ष्य आने वाले वर्षों में खुदरा कारोबार में कई गुना वृद्धि करना है। एवाईसीएल ने एमआईएम टी एस्टेट, दार्जिलिंग में अपने पहले चाय रिसॉर्ट की स्थापना के साथ चाय पर्यटन में भी कदम रखा है। रिसॉर्ट का उद्घाटन पिछले साल भारी उद्योग मंत्री द्वारा किया गया था। कंपनी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए रिसॉर्ट का और विस्तार करने की योजना बना रही है।

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