मुख्य सचिव ने गांव हरियाहेड़ा व दोहला के अमृत सरोवर का किया निरीक्षण

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– मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अमृत सरोवर की यूजर बॉडी बनाकर परियोजना में लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

-मुख्य सचिव ने कहा, बलिदानियों के नाम पर रखें जाएं अमृत सरोवर के नाम

गुरुग्राम, 27 फरवरी। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सोमवार को गुरूग्राम जिला में अमृत सरोवर कार्यक्रम के तहत गांव हरियाहेड़ा व दोहला में विकसित किए गए तालाबों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में अमृत सरोवर परियोजना के तहत विकसित किए जाने वाले तालाबों को आकर्षण का केंद्र बनाया जा रहा है।

मुख्य सचिव ने गांव हरियाहेड़ा व दोहला में अमृत सरोवर का निरीक्षण करने उपरान्त ग्रामीणों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवर परियोजना के तहत विकसित किए जा रहे इन सरोवर की यूजर बॉडी का बनना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा इन अमृत सरोवर को जो लोग उपयोग करेंगे वो इसमें भागीदार अवश्य होने चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे यूजर बॉडीज बनाने के साथ ही इस बात पर भी मंथन करें कि इन बॉडीज को अमृत सरोवर की बेहतरी के लिए कैसे उपयोग में लाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि किसी भी अमृत सरोवर की प्लानिंग में ग्रामीणों का सुझाव भी जरूर लें और यदि ग्रामीणों को गांव में एक से अधिक अमृत सरोवर की आवश्यकता है तो इस पर भी विचार करें।
मुख्य सचिव ने कहा कि वर्ष 2047 में देश की आजादी के सौ वर्ष पूरे हो जाएंगे। ऐसे में प्रधानमंत्री ने वर्तमान से लेकर 2047 तक की अवधि को अमृत काल का नाम दिया है।

अमृत काल में हमारी खोई हुई विरासत को फिर से मजबूत करने के साथ ही गांवों में जल संचयन की हमारी पुरानी पद्धति जैसे जोहड़ व तालाब आदि को पुनर्जीवित व विकसित करने पर विशेष फोकस किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री के आह्वान पर प्रदेश में 1650 अमृत सरोवर का लक्ष्य दिया गया था लेकिन लोगों से मिले सुझावों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में 2700 से अधिक अमृत सरोवर को पुनर्जीवित व विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांव के बलिदानियों के नाम पर अमृत सरोवर के नाम रखे जाने चाहिए।

निरीक्षण के दौरान डीसी निशांत कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों अमृत सरोवर के निर्माण व जल शुद्धिकरण की प्रक्रिया में रुटजोन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। गांव हरियाहेड़ा में अमृत सरोवर के निर्माण में सीएसआर पार्टनर हुंडई का सहयोग लिया गया है। वहीं गांव दोहला में निर्मित अमृत सरोवर को डी प्लान के तहत तैयार किया गया है। मुख्य सचिव ने दोनों अमृत सरोवर की विस्तृत जानकारी लेने के साथ ही परियोजना में सुधार के आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

इस अवसर पर सोहना के एसडीएम प्रदीप सिंह, पंचायती राज के अधीक्षण अभियंता रूप हुड्डा, गुरूजल सोसायटी की निदेशक शुभी केसरवानी, एक्सईएन सुधीर मोहन, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी परमिंदर सिंह, गांव हरियाहेड़ा की सरपंच प्रियंका, गांव दोहला की सरपंच बिमलेश देवी सहित दोनों गांवो में काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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