यूपी में इंडस्ट्री और इन्वेस्टमेंट के लिए यहां बहुत अनुकूल वातावरण : अमित शाह

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लखनऊ :  केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के लखनऊ में उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में ‘MSMEs और सहकारिता का सशक्तिकरण’ पर आयोजित सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

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अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि एक विज़न के साथ उत्तर प्रदेश में निवेश लाने के लिए इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज सुबह इसका शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि इस समिट के 3 दिन आने वाले 3 वर्षों के लिए उत्तर प्रदेश के लिए बहुत शुभ और फलदायी साबित होंगे।

श्री  शाह ने कहा कि किसी भी राज्य में उद्योग और निवेश लाने और उसे उत्पादन का हब बनाने के लिए पांच शर्तें होती हैं। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक होनी चाहिए, राज्य का इन्फ्रास्ट्रक्चर अच्छा होना चाहिए, राज्य सरकार को उद्योग और फायनेंस के लिए अपनी नीतियों का निर्धारण स्पष्ट तरीके से करना चाहिए, राज्य सरकार पारदर्शी तरीके से चलनी चाहिए और राज्य सरकार में त्वरित निर्णय लेने की क्षमताहोनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक ज़माना था जब उत्तर प्रदेश में ये पांचों योग्यताएं ढूंढने पर भी नहीं मिलती थीं, लेकिन आज इन पांचों चीज़ों को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जमीन पर उतारा है। उन्होंने कहा कि यहां कानून-व्यवस्था की स्थिति भी ठीक हुई है, इन्फ्रास्ट्रक्चर में देश में पिछले 5 सालों में सबसे ज़्यादा निवेश वाले कुछ चुनिंदा राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश है। इसक् अलावा उद्योगों और बजट के समर्थन में कई नीतियां यहां बनाई गई हैं, यहां पारदर्शी तरीके से सरकार भी चल रही है और इसके साथ ही यहां त्वरित फैसले भी लिए गए हैं। श्री शाह ने कहा कि एक प्रकार से इंडस्ट्री और इन्वेस्टमेंट के लिए यहां बहुत अनुकूल वातावरण बना हुआ है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मास और वेलोसिटी है और इसीलिए मोमेंटम भी है। उन्होंने कहा कि जब तक उत्तर प्रदेश जैसा राज्य विकास की राह पर आगे नहीं बढ़ता, तब तक हमारा देश आगे नहीं बढ़ सकता, क्योंकि सभी दृष्टि से यूपी का महत्व सबसे ज़्यादा है। उन्होंने कहा कि सबसे ज़्यादा क्षेत्रफल, आबादीऔर संभावनाएं उत्तर प्रदेश में हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के स्वप्न को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश का विकास बहुत महत्वपूर्ण है और इसीलिए उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने का मतलहब है भारत के विकास को गति देना।

श्री शाह ने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट योजना का बेहद सफल प्रयोग यहां हुआ है। उन्होंने कहा कि इस ग्लोबल समिट के आयोजन के रूप में आज हुई ये शुरूआत आगे बढ़ती रहेगी। उन्होंने कहा कि ये समिट वैश्विक निवेश के समुदाय, नीति निर्धारकों, कॉर्पोरेट नेतृत्व, व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों, शिक्षाविदों, थिंक टैंक्स और सरकारी नेतृत्व को एक बहुत बड़ा मंच प्रदान करने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पोटेंशियल को देखकर ही कई देशों ने यहां सीआईआई के साथ साझेदारी करने का फैसला किया है।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया से निवेशक इस समिट में आए हैं और ग्रीन हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य सेवाएं, डिफेंस, फूड प्रोसेसिंग, डेयरी, फार्मा, वॉजिस्टिक्स जैसे कई प्रकार के उत्पादों के लिए बहुत अच्छे निवेश के प्रस्ताव इस समिट में आए हैं। श्री शाह ने कहा कि ये उत्तर प्रदेश का भाग्य बदलने वाला समिट साबित होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन सिंगल विंडो सिस्टम, निवेश मित्र के तहत एक केन्द्रीकृत ऑनलाइन प्रोत्साहन प्रबंधन प्रणाली विकसित की है जिससे निवेशकों की कई समस्याएं समाप्त हो जाएंगी और उद्योगों के लिए कई विभागों की 400 से अधिक ऑनलाइन सेवाएं इस पर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्योगों को निवेश के लिए आमंत्रित करने और उन्हें सुविधाएं देने के लिए 25 नीतियां बनाकर उन्हें ज़मीन पर उतारने का काम किया है।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम एमएसएमई और कोऑपरेटिव्स के लिए है। उन्होंने कहा कि साहस और कुव्वत के साथ एमएसएमई ही भारत की सबसे बड़ी कंपनी बनने का पोटेंशियल रखता है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट में आगे बढ़ने की पूर्व शर्त है एमएसएमई के लिए अपनी नीतियों को स्पष्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि योगी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने एमएसएमई और ओडीओपी के माध्यम से गृह उद्योगों के लिए भी अपनी नीतियां स्पष्ट कर दी हैं और उन्हें भी बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए जो पहल उत्तर प्रदेश सरकार ने की है, वह प्रशंसनीय है और जब तक किसी भी राज्य में टोटल इकोसिस्टम इन्वेस्टमेंट फ्रैंडली नहीं होता है, तब तक इंडस्ट्रीज नहीं बढ़ती है। श्री शाह ने कहा कि देश में बंद पड़े हुए कारखानों की बहुत बड़ी सूची है क्योंकि पहले इकोसिस्टम ठीक नहीं था। उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में अच्छा इकोसिस्टम बनाने के लिए रोजगार के मुद्दे को एड्रेस करना होगा और रोजगार का विकल्प ढूंढना होगा। श्री शाह ने कहा कि रोजगार देने का माद्दा अगर सबसे ज्यादा किसी क्षेत्र में है तो कोऑपरेटिव और एमएसएमई में है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने एमएसएमई के लिए जो पॉलिसी बनाई है और इस पर जो थ्रस्ट दिया है, उससे आने वाले दिनों में रोजगार सृजन होगा और रोजगार पैदा होने से पूरा इकोसिस्टम अच्छा होगा और इससे बड़ी इंडस्ट्रीज को भी फायदा होगा।

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श्री शाह ने कहा कि कोऑपरेटिव के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश खाद्यान्न का सबसे बड़ा उत्पादक है, एग्रीकल्चर के लिए सबसे ज्यादा भूमि उत्तर प्रदेश के पास है, सबसे मेहनतकश किसान भी उत्तर प्रदेश में हैं और सबसे ज़्यादा मात्रा में पानी भी उत्तर प्रदेश के पास है। इन सभी चीजों से एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री, कोऑपरेटिव और डेयरी, विशेषकर कोऑपरेटिव डेयरी की अपार संभावनाएं उत्तर प्रदेश में हैं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आजादी के 75 साल के बाद पहली बार सहकारिता मंत्रालय का गठन करने का काम किया।उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पैक्स (PACS) के कंप्यूटराइजेशन करने का फैसला किया, मल्टीपर्पज़ पैक्स बनाने के लिए इसके मॉड्यूल बाइलॉज बना दिए हैं, कॉमन सर्विस सेंटर, यानी, सीएससी को पैक्स के लिए परमिट कर दिया, गैप्स ढूंढने के लिए नेशनल कोऑपरेटिव डेटाबेस बनाया, राष्ट्रीय सहकार नीति बन रही है। इसके साथ साथ क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट में सदस्यता ऋणदाता संस्थान भी बना दिया, GEM पोर्टल पर कोऑपरेटिव्स को खरीदी की छूट दे दी, मैट 18% से घटाकर 15% किया, आयकर अधिनियम में भी बहुत सारी राहतें दी हैं, कोऑपरेटिव चीनी मिल को इनकम टैक्स में रियायतें दी और तीन नई मल्टीस्टेट को कोऑपरेटिव्स बनाई है। एक छोटे किसान को बीज के उत्पादन से जोड़ेगी, दूसरी ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की मार्केटिंग की पूरी व्यवस्था करेगी और तीसरी, एग्रीकल्चर उत्पाद के निर्यात के लिए भी काम करेगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को मज़बूत करने और इसके विस्तार के लिए आने वाले दिनों में वह देशभर का दौरा करेंगे।

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श्री शाह ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने बहुत सारा काम किया है। उन्होंने कहा कि इतने सारे एक्सप्रेस-वे किसी भी राज्य में नहीं बने हैं और इतने सारे एक्सप्रेस-वे बनाकर उत्तर प्रदेश के हर क्षेत्र को एक-दूसरे के साथ जोड़ने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश में हैं और वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट के लिए बहुत अच्छी मार्केटिंग की व्यवस्था भी हुई है। श्री शाह ने कहा कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने के बाद सबसे ज्यादा आवाजाही की कैपेसिटी उत्तर प्रदेश की होगी। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में पानी की किल्लत थी, लेकिन अब बुंदेलखंड में अब कभी पानी की कमी ना हो, इस प्रकार की नीति बनाई गई है।पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत जलमार्ग से लेकर सभी प्रकार की गति को कोऑर्डिनेट करने का काम भी उत्तर प्रदेश सरकार बहुत अच्छा कर रही है। सबसे पहला जल मार्ग उत्तर प्रदेश से ही शुरू हुआ है और यहां से वाराणसी और इलाहाबाद से लेकर हावड़ा तक पूरा जलमार्ग बनने से ट्रांसपोर्टेशन की कॉस्ट एक-तिहाई से भी कम होने वाली है। उन्होंने कहा कि यह उद्योगों के लिए बहुत बड़ा पोटेंशियल प्रदान करता है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज पूरे देश के सभी राज्यों के इंडस्ट्रियलिस्ट्स और दुनिया के भी इंडस्ट्रियलिस्ट्स लखनऊ आए हैं। उन्होंने कहा कि वातावरण में आए इस सुधार से उत्तर प्रदेश को तो निश्चित रूप से फायदा होगा, राज्य के युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी, उत्तर प्रदेश के युवा उद्यमियों के लिए बहुत बड़ा वैश्विक प्लेटफार्म बनेगा। इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश के विकास के माध्यम से भारत के विकास को भी गति मिलेगी और प्रधानमंत्री मोदी का 5 ट्रिलियन इकोनामी के स्वप्न को हम बहुत अच्छे तरीके से पूरा कर पाएंगे।

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