वित्त मंत्री ने की 157 नये नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की घोषणा

Font Size

नई दिल्ली। केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी, 2023 को संसद में केन्‍द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा कि हमने समृद्ध और समावेशी भारत की परिकल्पना की है, जिसमें विकास का लाभ सभी क्षेत्रों और नागरिकों, विशेषकर हमारे युवाओं, महिलाओं, किसानों, अन्य पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तक पहुंचे।

नये नर्सिंग कॉलेज

इंडिया@100 और अमृतकाल के विजन के अनुरूप वित्त मंत्री ने 2014 के बाद से स्थापित 157 मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के साथ सह-स्थानों में 157 नये नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की घोषणा की।

https://i0.wp.com/static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001T1ZT.jpg?w=715&ssl=1

सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन शुरू

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के शुभारंभ की भी घोषणा की जिसमें प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में जागरूकता सृजन, शून्य से 40 वर्ष के आयुवर्ग के 7 करोड़ लोगों की युनिवर्सल स्क्रीनिंग और केन्द्रीय मंत्रालयों तथा राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से काउंसलिंग का कार्य किया जाएगा।

शोध एवं अनुसंधान के लिए आईसीएमआर प्रयोगशालाओं की उपलब्धता

वित्त मंत्री ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए चुनिन्दा आईसीएमआर प्रयोगशालाओं की सुविधाएं सरकारी तथा निजी मेडिकल कॉलेज संकाय तथा निजी क्षेत्र के अनुसंधान एवं विकास दलों को अनुसंधान के लिए उपलब्ध कराई जाएगीं।

फार्मा क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि फार्मास्युटिकल क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए उत्कृष्टता केन्द्रों के माध्यम से एक नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम विशिष्ट प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों में अनुसंधान तथा विकास में निवेश के लिए उद्योगों को भी प्रोत्साहित करेंगे।”

चिकित्सा उपकरणों हेतु बहुविषयक पाठ्यक्रम

चिकित्सा क्षेत्र में भविष्योन्मुख चिकित्सा प्रौद्योगिकियों और उच्च स्तरीय विनिर्माण के महत्त्व को रेखांकित करते हुए माननीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि मौजूदा संस्थानों में चिकित्सा उपकरणों हेतु पूर्ण समर्पित बहुविषयक पाठ्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि भविष्योन्मुख चिकित्सा प्रौद्योगिकियों, उच्च स्तरीय विनिर्माण तथा अनुसंधान के लिए कार्य बल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

You cannot copy content of this page