-जैन तीर्थंकरों व अनन्त सन्तों के मोक्षस्थल श्री सम्मेद शिखर पारसनाथ पर्वतराज के संरक्षण की रखी मांग
जुरहरा, रेखचन्द्र भारद्वाज: मंगलवार को स्थानीय दिगंबर जैन समाज की ओर से जैन तीर्थंकरों और अनंत संतो की मोक्ष स्थली श्री सम्मेद शिखरजी पारसनाथ पर्वतराज गिरिडीह झारखंड की स्वतंत्र पहचान, पवित्रता और संरक्षण हेतु “श्री सम्मेद शिखरजी बचाओ आंदोलन” के समर्थन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम नायब तहसीलदार जुरहरा हनीफ खान को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में पारसनाथ पर्वत राज को वन्यजीव अभयारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, पर्यटन/ धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किए जाने, पारसनाथ पर्वत राज को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत ‘वन्यजीव अभयारण्य का एक भाग और तीर्थ माना जाता है’ लिखकर तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द किए जाने की मांग की गई
दिगंबर जैन समाज ने नायब तहसीलदार को सौंपे अपने ज्ञापन में पारसनाथ पर्वतराज और मधुबन को मांस-मंदिरा बिक्री मुक्त ‘पवित्र जैन तीर्थ स्थल’ घोषित किए जाने, पर्वतराज की वंदना मार्ग अतिक्रमण, वाहन संचालन, अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण सामान, सामान जांच हेतु सीआरपीएफ, स्कैनर व सीसीटीवी कैमरे सहित दो चेक पोस्ट बनाए जाने की भी मांग की है .
जैन समाज के प्रमुख लोगों की ओर से लिखित रूपे से पर्वतराज से पेड़ों के अवैध कटान, पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाने को प्रतिबंधित किए जाने की मांग की गई है।
इस मौके पर जुरहरा जैन समाज के अध्यक्ष महेंद्र कुमार जैन, पारसचंद जैन, मोर मुकुट जैन, प्रदीप कुमार जैन उर्फ कुक्की, तरुण कुमार जैन, हेमन्त जैन, ललित कुमार जैन, अजय उर्फ पिंटू जैन, शैंकी जैन, नितिन जैन, रिखब जैन, नरेंद्र जैन, रजत जैन, दीपक जैन, शिवम जैन, जिनेन्द्र जैन, गोलू जैन, हिमांशु जैन, शुद्ध जैन व योगेश विजय जैन आदि लोग मौजूद रहे।