नई दिल्ली : वाहनों की दुनिया में भारत दुनिया से एक कदम आगे हो गया है. केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार यानी 11 अक्टूबर को इथेनॉल से चलने वाली पहली कार देश में लॉन्च किया. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भी लांचिंग प्रोग्राम में मौजूद थे. इस कार की लॉन्चिंग को महंगे पेट्रोल डीजल के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. इससे लोगों की जेब परने वाली बोझ से राहत मिलने के आसार हैं . इसी वजह से केंद्र सरकार इथेनॉल को पेट्रोल-डीजल के विकल्प के रूप में लाना चाहती है.
वाहन विशेषज्ञ मान्नते हैं कि इथेनॉल से चलने वाली कार किफायती और सस्ती तो होगी ही साथ ही वायु प्रदूषण से भी बचा जा सकेगा. आपको बता दें कि इथेनॉल का प्रोडक्शन गन्ने से किया जाता है. भारत गन्ने के उत्पादन में विश्व में पहले स्थान पर है. माना जा रह है कि देश में बड़े स्तर पर गन्ने के उत्पादन से इथेनॉल का प्रोडक्शन भी बड़े स्तर पर किया जा सकता है.
केंद्र सरकार पिछले दो दशक से भी अधिक समय से इथेनॉल के उपयोग पर ज़ोर दे रही है. इसमें कोई दो राय नहीं कि इथेनॉल से चलने वाली गाड़ियों के बड़े पैमाने पर सड़कों पर उतरने के बाद इथेनॉल की मांग बढ़ेगी. साथ ही गन्ने की खेती करने वाले किसानों की कमाई भी बढ़ सकती है. भारत में इस कार को टोयोटा ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत फ्लेक्सी-फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के तौर पर लॉन्च किया है.