65 दिन पूरे, बैंकों में नोट नहीं, गुस्साये लोगों ने पुलिस व बैंक के विरोध में लगाया जाम

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 पुन्हाना-नगीना रोड पर जाम 

यूनुस अलवी

 
65 दिन पूरे, बैंकों में नोट नहीं, गुस्साये लोगों ने पुलिस व बैंक के विरोध में लगाया जाम 2मेवात :   नोंटबंदी के 65 दिन बीत जाने के बाद भी मेवात इलाके में अभी भी हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे हैं। बृहस्पतिवार को जिले के कस्बा पिनगवां स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कि शाखा में दो बजे ही कैश खत्म होने कि वजह से लोगों ने पुन्हाना-नगीना रोड पर जाम लगा दिया। बाद में पुलिस ने लोगो से बलपूवर्क जाम खुलवाया। लोगों का आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने उनपर डंडे बरसाये जिसमें एक 65 साल के बुजुर्ग के पैर में चोट लग गई। लोगों का अरोप है कि बैंक, पुलिस और वीआईपी लोग आपस में मिले हुऐ हैं जिसकी वजह से ग्रामीण लोगों को पैसे नहीं देते हैं और अपने चहेतों को बैंक से पैसा दिला देते हैं।
 
    गांव झिमरावट निवासी असरू का कहना है कि उसकी पत्नि कई दिन से बिमार है। उसके इलाज के लिये वह बैंक से पैसे निकलवाने के लिये आ रहा है लेकिन जब भी उसका नंबर आता है तो बैंक में कैश नहीं कहकर बंद कर दिया जाता है। उनका कहना है कि गुस्साये लोगों ने रोड पर जाम कर दिया उसके बाद पुलिस कर्मियों ने जाम लगा रहे लोगों पर डंडे बरसा दिये। पुलिस कर्मियों ने उस पर भी डंडे मारे जिससे उसके पैर में चोट आ गई।
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   गंगवानी निवासी शाहिद, ऐचवाडी निवासी इरफान और प्रदीप का कहना है कि पिगनवंा स्टेट बैंक के अधिकारी, पुलिस और कस्बे के वीआईपी लोग मिलकर लोगों के साथ धोखा कर रहे हैं। पुलिस अपने चहेतों को बिना लाईन के अंदर घुसा देते हैं। उनका कहना है कि वह पिछले पांच दिन से बैंक से पैसे निकलवाने के लिये सुबेह चार-पांच बजे आ जाते हैं और कभी 12 बजे तो किसी दिन एक बजे कैश ना होने का बहाना बनाकर बैंक को बंद कर दिया जाता है। उनका आरोप है कि जब लोग कुछ बोलते हैं तो पुलिस वाले लोगों पर लाठी बरसाते हैं और गाली गलौंच करते हैं।

 

क्या कहते हैं बैंक मैनेजर ?

 
 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कि शाखा पिनगवां के मैनेजर कुमार राहुल रंजन का कहना है कि उनके पास पीछे से कैश कम आता है जिसकी वजह से ये परेशानी होती है। वहीं उन्होने करंट अकाउंट वाले व्यापारियों और दुकानदारों पर आरोप लगाया कि वे बैंक में पैसे जमा नहीं कर रहे हैं। बैंक में जमा करने कि बजाये पैसों को अपने पास ही रख रहे हैं। जब तक पैसों का आदान प्रदान नहीं होगा यही परेशानी बनी रहेगी। 

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