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नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड जारी करने का निर्णय लिया है, जिन्हें किस्तों में कैलेंडर के अनुसार जारी किया जाएगा :
क्रम संख्या | किस्त | खरीदने के लिए आवेदन की अवधि | बॉन्ड जारी करने की तिथि |
1. | 2022-23- सीरीज I | 20 जून- 24 जून, 2022 | 28 जून, 2022 |
2. | 2022-23 सीरीज II | 22 अगस्त – 26 अगस्त, 2022 | 30 अगस्त, 2022 |
इन बॉन्डों की बिक्री अनुसूचित बैंकों (लघु वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बंबई स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के माध्यम से की जाएगी। इस बॉन्ड की विशेषताएं इस प्रकार हैं:
क्रम संख्या | मद | विवरण |
1 | उत्पाद का नाम | सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड 2022-23 |
2 | जारी करना | भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाएंगे। |
3 | पात्रता | इन बॉन्डों की बिक्री व्यक्तिगत निवासियों, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), ट्रस्ट, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थानों तक ही सीमित रहेगी। |
4 | मूल्य वर्ग | इन बॉन्डों को 1 ग्राम की बुनियादी इकाई के साथ सोने के ग्राम संबंधी गुणक में अंकित किया जाएगा। |
5 | अवधि | इस बॉन्ड की अवधि 8 वर्ष होगी और पांचवें वर्ष में इससे बाहर निकलने का विकल्प रहेगा, जिसका इस्तेमाल ब्याज भुगतान की अगली तिथियों पर किया जा सकता है। |
6 | न्यूनतम आकार | निवेश की न्यूनतम स्वीकार्य सीमा 1 ग्राम सोना होगी। |
7 | अधिकतम सीमा | खरीदने की अधिकतम सीमा व्यक्तियों के लिए 4 किलोग्राम, एचयूएफ के लिए भी 4 किलोग्राम और ट्रस्ट एवं इसी प्रकार के निकायों के लिए 20 किलोग्राम प्रति वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) होगी, जिसके संदर्भ में सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किया जाता है। इस आशय की एक स्व-घोषणा पत्र प्राप्त करना होगा। वार्षिक सीमा में सरकार द्वारा आरंभिक निर्गमन के दौरान विभिन्न सीरीज के अंतर्गत खरीदे गए बॉन्ड और द्वितीयक बाजार से खरीदे गए बॉन्ड भी शामिल होंगे। |
8 | संयुक्त धारक | संयुक्त धारिता की स्थिति में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा केवल प्रथम आवेदक पर लागू होगी। |
9 | निर्गम मूल्य या इश्यू प्राइस | बॉन्ड का मूल्य भारतीय रुपये में तय किया जाएगा जो अभिदान अवधि से ठीक पिछले सप्ताह के अंतिम 3 कार्य दिवसों पर 999 शुद्धता वाले सोने के बंद मूल्य के सामान्य औसत पर आधारित होगा। इसका प्रकाशन इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। स्वर्ण बॉन्ड का निर्गम मूल्य उन लोगों के लिए प्रति ग्राम 50 रुपये कम होगा जो इसकी खरीदारी ऑनलाइन करेंगे और इसका भुगतान डिजिटल माध्यम से करेंगे। |
10 | भुगतान का विकल्प | बॉन्ड का भुगतान या तो नकद अदायगी (अधिकतम 20,000 रुपये तक) अथवा डिमांड ड्राफ्ट या चेक अथवा इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग के माध्यम से की जा सकेगी। |
11 | निर्गमन फॉर्म | इन स्वर्ण बॉन्डों को जीएस अधिनियम, 2006 के अंतर्गत भारत सरकार के स्टॉक के रूप में जारी किया जाएगा। निवेशकों को इसके लिए एक धारण (होल्डिंग) प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा। इन बॉन्डों को डिमैट प्रारूप में बदला जा सकेगा। |
12 | विमोचन मूल्य | विमोचन मूल्य भारतीय रुपये में होगा जो 999 शुद्धता वाले सोने के बंद मूल्य के पिछले 3 कार्य दिवसों के सामान्य औसत पर आधारित होगा। इसका प्रकाशन इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) द्वारा किया जाएगा। |
13 | बिक्री का माध्यम | इन बॉन्डों की बिक्री वाणिज्यिक बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाक घरों (जिन्हें अधिसूचित किया जा सकता है) और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बंबई स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के माध्यम से सीधे अथवा एजेंटों के द्वारा की जाएगी। |
14 | ब्याज दर | निवेशकों को प्रति वर्ष 2.50 प्रतिशत की निश्चित दर से मुआवजा दिया जाएगा जो अंकित मूल्य पर हर छह महीने में देय होगा। |
15 | जमानत या गारंटी के रूप में | इन बॉन्डों का उपयोग ऋणों के लिए जमानत या गारंटी के रूप में किया जा सकता है। ऋण-मूल्य (एलटीवी) अनुपात को साधारण स्वर्ण ऋण के बराबर तय किया जाएगा जिसके बारे में रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर अधिदेश जारी किया जाएगा। |
16 | केवाईसी दस्तावेज | ‘अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी)’ से जुड़े मानक वही होंगे जो भौतिक या ठोस रूप में सोने की खरीदारी के लिए तय किए गए हैं। केवाईसी दस्तावेज जैसे कि वोटर आईडी, आधार कार्ड/ पैन अथवा टैन/ पासपोर्ट की आवश्यकता होगी। प्रत्येक आवेदन के साथ आयकर विभाग द्वारा निवेशकों को जारी स्थायी खाता संख्या (पैन) की प्रति भी अवश्य संलग्न की जानी चाहिए। |
17 | टैक्स देनदारी | आयकर अधिनियम, 1961 (1961 की धारा 43) के प्रावधान के अनुसार, स्वर्ण बॉन्ड पर प्राप्त होने वाले ब्याज पर कर का भुगतान करना होगा। किसी भी व्यक्ति को एसजीबी के विमोचन पर होने वाले पूंजीगत लाभ को कर मुक्त कर दिया गया है। बॉन्ड के हस्तांतरण पर किसी भी व्यक्ति को प्राप्त होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन या मूल्य सूचकांक से जोड़ने के कारण टैक्स भार कम करने संबंधी लाभ भी प्राप्त होंगे। |
18 | ट्रेडिंग पात्रता | ट्रेडिंग के लिए एसजीबी पात्र होंगे। |
19 | एसएलआर संबंधी पात्रता | केवल ग्रहणाधिकार/हाइपोथेकेशन/प्रतिज्ञा को लागू करने की प्रक्रिया के माध्यम से बैंकों द्वारा अधिग्रहित एसजीबी को सांविधिक तरलता अनुपात में गिना जाएगा। |
20 | कमीशन | इन बॉन्डों के वितरण पर कमीशन प्राप्तकर्ता कार्यालयों को प्राप्त कुल अभिदान पर 1 प्रतिशत की दर से दिया जाएगा और प्राप्तकर्ता कार्यालय कम से कम 50 प्रतिशत कमीशन उन एजेंटों अथवा उप-एजेंटों के साथ साझा करेंगे जिनके माध्यम से संबंधित कारोबार प्राप्त किया गया है। |