आईआईसीए मानेसर में 12 जून को कारपोरेट के स्वरूप पर विशेषज्ञ करेंगे मंथन, बेस्ट सीएसआर प्रैक्टिसिज का होगा प्रदर्शन, केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत होंगे मुख्य अतिथि

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  • अमृत काल में प्रभावशाली सीएसआर को प्रोत्साहित करने और गुड गर्वेनेंस पर आधारित होगा कार्यक्रम : प्रवीण कुमार
  • कारपोरेट जगत के अनुभवी विशेषज्ञ लेंगे पैनल चर्चाओं में भाग
  • महिला सशक्तिकरण के नए आयाम स्थापित करने को लेकर भी होगा विचार विमर्श

सुभाष चौधरी

गुरुग्राम। भारत सरकार की प्रमुख संस्था इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन सह प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रही है। यह समारोह आगामी रविवार 12 जून को संस्था के मानेसर स्थित केम्पस में आयोजित किया जाएगा। इसका आशय सीएसआर के सभी मानकों के प्रति निजी व सरकारी संस्थानों को प्रोत्साहित करना और गुड़ गवर्नेन्स को लेकर संवेदनशील बनाना है। विशेषज्ञों द्वारा कंपनियों को ग्लोबल स्तर के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाने को प्रेरित करने वाले कई गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। आजादी के 75 वें वर्ष के उपलक्ष्य में होने वाले इस खास कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कारपोरेट मामले के केंद्रीय राज्य मंन्त्री राव इंद्रजीत सिंह होंगे जबकि अध्यक्षता संबंधित मंत्रालय के सचिव राजेश वर्मा करेंगे।

यह जानकारी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कारपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) के डायरेक्टर जेनरल प्रवीण कुमार ने दी। श्री कुमार गुरुवार को संस्थान के मानेसर केम्पस में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा रखते हुए बताया कि रविवार को यह कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त व कारपोरेट मंत्रालय द्वारा आयोजित आइकोनिक कारपोरेट वीक का उद्घाटन किया था। उक्त कार्यक्रम के दौरान कारपोरेट अफेयर्स और रुपये के इतिहास को लेकर डिजिटल प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।

आईआईसीए मानेसर में 12 जून को कारपोरेट के स्वरूप पर विशेषज्ञ करेंगे मंथन, बेस्ट सीएसआर प्रैक्टिसिज का होगा प्रदर्शन, केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत होंगे मुख्य अतिथि 2

प्रवीण कुमार के अनुसार मंत्रालय की ओर से शुरू किये गए आयोजन की कड़ी में ही इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स भी इस कार्यक्रम के माध्यम से अपना महत्वपूर्ण योगदान करने जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर कारपोरेट कंपनियां अपनी इनोवेटिव तकनीक की बेस्ट प्रैक्टिसिज का प्रदर्शन करेंगी। इसके लिए उस दिन आईआईसीए परिसर में कंपनियों द्वारा प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है। प्रदर्शनी को देखकर दूसरी कारपोरेट कंपनियां तथा एमएसएमई ईकाईयां उन बैस्ट प्रैक्टिसिज को अपनाने की प्रेरणा ले सकती हैं। साथ ही वे अपने सीएसआर फंड को और प्रभावी ढंग से उपयोग करने, जिससे कि धरातल पर सकारात्मक बेहतरी नजर आए, की सीख भी ले सकती हैं।

आईआईसीए मानेसर में 12 जून को कारपोरेट के स्वरूप पर विशेषज्ञ करेंगे मंथन, बेस्ट सीएसआर प्रैक्टिसिज का होगा प्रदर्शन, केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत होंगे मुख्य अतिथि 3


उन्होंने उस दिन के कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उद्घाटन सत्र के बाद 3 टेक्निकल सेशन के दौरान पैनल चर्चाओं का आयोजन होगा। पहली चर्चा ईएसजी अर्थात् एन्वायरमेंटल सोशल गर्वनेंस को मजबूत करने की दिशा में प्रभावशाली सीएसआर , दूसरी चर्चा का विषय महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता और समावेशन तथा तीसरी चर्चा का विषय कारपोरेट गर्वनेंसः भारत के लिए विकसित दृष्टिकोण रखा गया है। पैनल चर्चा के दौरान उद्योग और कारपोरेट जगत के प्रतिनिधियों के अलावा शिक्षा क्षेत्र के प्रख्यात वक्ताओं द्वारा अपने अनुभव साझा किए जाएंगे ।


उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में आईआईसीए द्वारा 2047 तक के अमृतकाल में कारपोरेट गर्वनेंस का स्वरूप क्या होगा , इस विषय पर आयोजीत की गई निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की जाएगी। साथ ही सभी पुरस्कार विजेता अपने विचार भी व्यक्त करेंगे। एक सवाल के जवाब में श्री कुमार ने बताया कि प्रतिभागियों ने कारपोरेट जगत की भविष्य की रूपरेखा को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं जिनका खुलाशा 12 जून को ही किया जाएगा।

श्री कुमार ने बताया कि रविवार को आईआईसीए परिसर में नीति आयोग , डीपीई , यूनिसेफ के सहयोग से ‘ईएसजी-सीएसजी बैस्ट प्रैक्टिसिज ‘ विषय पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इसमें पैन इंडिया की प्रख्यात संस्थाएं व संगठन अपनी इनोवेटिव तकनीक का प्रदर्शन करेंगी। साथ ही कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिल्टी (सीएसआर) का प्रभावशाली ढंग से प्रयोग करते हुए जमीनी स्तर पर सुधार लाने के प्रयासों को भी सांझा करेगी। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में 26 संस्थाएं भाग लेंगी। कार्यक्रम के दौरान सीएसआर बैस्ट प्रैक्टिसिज पर आधारित पुस्तक संग्रह का भी राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह द्वारा लोकार्पण किया जाएगा।


आईआइसीए के डीजी प्रवीण कुमार के अनुसार प्रथम सत्र ‘ कारपोरेट गर्वनेंसः इवोलविंग विजन ऑफ न्यू इंडिया‘ विषय पर आधारित होगा। इसमें कारपोरेट अफेयर्स मंत्रालय के ज्वाइंट सैक्रेटरी इन्द्रजीत सिंह धारीवाल के अलावा आईआईएम कलकत्ता के प्रोफेसर रहे आशीष भट्टाचार्य और बोइंग इंडिया के निदेशक डा. अखिल प्रसाद चर्चा में भाग लेंगे। दूसरी पैनल चर्चा ईएसजी अर्थात् इन्वायरमेंटल सोशल गर्वनेंस को मजबूत करते हुए प्रभावशाली सीएसआर‘ विषय पर होगा जिसमें नीति आयोग के डिप्टी एडवाइजर एसपी मुनिराजु , डिलोयट से डा. इन्द्रजीत सिंह , आक्टस ईएसजी की प्रबंध निदेशक नमिता विकास, यूनिसेफ से सब्रजीत एस सहोटा , एनआईपीएफटी के सहायक प्रोफेसर डा. सुरनजलि टंडन तथा एक्सिस बैंक की मार्किट हैड नीतू आहूजा भाग लेंगी। इस मौके पर नैना लाल किदवई का विशेष संबोधन होगा और इसका संचालन डा. गरिमा दधिच करेंगी।


तीसरा तकनीकी सत्र महिला साक्षरता और वितीय समावेशन विषय पर होगा। इसमें कारपोरेट मामले के मंत्रालय के संयुक्त सचिव मनोज पांडेय का विशेष संबोधन होगा। इस पैनल चर्चा में आरबीआई की मुख्य महाप्रबंधक सोनाली सैन गुप्ता , डीटीयू यूनिवर्सिटी की इकॉनोमिक्स की प्रोफेसर सीमा सिंह और ऑक्टस ईएसजी की प्रबंध निदेशक नमिता विकास भाग लेंगी। डा. नवीन सिरोही इसका शुभारंभ करेंगे।

उन्होंने बताया कि समापन अवसर पर नीति आयोग के अमिताभ कांत का संबोधन होगा। संयुक्त सचिव मनोज पांडेय तथा आईसीएलएस अकादमी की सहायक निदेशक सयाली भी अपने विचार रखेंगी।

 

सीएसआर के मामले में एनवायरमेंटल सोशल एंड गवर्नेंस पर फोकस : डॉ गरिमा दधीच

 

आईआइसीए एसोसिएट प्रोफेसर डॉ गरिमा दधीच ने बताया कि टेक्निकल सेशन के दौरान सीएसआर को धरातल पर कैसे प्रभावी बनाया जाए इसको लेकर गंभीर चर्चा होगी। विशेषज्ञों की ओर से मिले सुझाव आने वाले समय में बेहद उपयोगी साबित होंगे । उनका कहना है कि इसके आधार पर इसके लिए कारगर रोड मैप बनाने में मदद मिलेगी । उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय फलक पर अब सीएसआर के मामले में एनवायरमेंटल सोशल एंड गवर्नेंस जैसी नई फिलॉसफी सामने आई है। इसके तहत संबंधित कारपोरेट कंपनियों के लिए नियम व शर्तें निर्धारित की गई है। इसलिए भारतीय कंपनियों को भी अब ग्लोबल स्टैंडर्ड का अनुपालन करते हुए सीएसआर की जिम्मेदारी को कारगर स्वरूप देना होगा। इस विषय की भी जानकारी इस कार्यक्रम के दौरान लार्ज स्केल एवं एमएसएमई कंपनियों को दी जाएगी जिससे संस्थान भविष्य की योजनाओं में अपेक्षित बदलाव ला सकें।

 

आईआईसीए में पूरी तरह पेपर लेस वर्क किया जाता है : डॉ लता सुरेश

 

सीएसआर के इंप्लीमेंटेशन की दृष्टि से मॉडर्न टेक्नोलॉजी के उपयोग के सवाल पर आईआईसीए के नॉलेज रिसोर्स सेंटर की प्रमुख डॉ लता सुरेश ने स्पष्ट किया कि आईआईसीए में पूरी तरह पेपर लेस वर्क किया जाता है। यहां सभी विभागों में टेक्नोलॉजी आधारित कामकाज किया जाता है. उन्होंने कहा कि 2017-18 से ही यहां ई फाइलिंग की जाती है. उनका कहना था कि सीएसआर के लिए कंपनियों के चयन की दृष्टि से यूज़ ऑफ टेक्नोलॉजी भी प्रमुख शर्तों में शामिल है। जहां तक सीएस आर का डेटा बेस तैयार करने का सवाल है यह मंत्रालय की ओर से किया जाता है जिसका उपयोग कोई भी कर सकता है.

 

फाइनेंसियल मैनेजमेंट की महिलाओं की प्रभावी भूमिका पर भी बात होगी :  डॉ नवीन सिरोही

 

पत्रकार वार्ता में स्कूल ऑफ फाइनेंस के प्रमुख डॉ नवीन सिरोही ने ने बताया कि पहले के वर्षों में भारत में फाइनेंसियल जागरूकता की दृष्टि से चिंता जनक स्थिति थी. देश में केवल 25% लोग ही फाइनेंसियल मैनेजमेंट की दृष्टि से जागरूक थे. हालांकि अब स्थिति में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि समाज में आज भी फाइनेंसियल मैनेजमेंट में निर्णय लेने को लेकर महिलाओं की भागीदारी अपेक्षाकृत कम है. उन्होंने कहा कि हालांकि महिलाएं स्वयं कामकाजी हैं.  पारिवारिक आय में योगदान भी दे रही हैं लेकिन स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने से बचती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि 12 जून को होने वाले विचार मंथन में महिला सशक्तिकरण में फाइनेंसियल मैनेजमेंट की भूमिका पर भी बात होगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में बदलाव कैसे लाया जाए इसके लिए विशेषज्ञों की राय ली जाएगी।

 

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