-एसबीआई फाउंडेशन का लक्ष्य प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए दूरदराज इलाकों में मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) स्थापित करना
नई दिल्ली, 25 अप्रैल : भारत के ग्रामीण इलाकों के लिए आधारभूत स्वास्थ्य सुविधाएं अक्सर पहुंच से दूर नज़र आती हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, 75 फीसदी अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाएं शहरी इलाकों में केंद्रित हैं जहां भारत की सिर्फ 25 फीसदी आबादी बसती है। आबादी का बड़ा हिस्सा ग्रामीण इलाकों रहता है और आधारभूत स्वास्थ्य सेवाओं से दूर है।
एसबीआई फाउंडेशन ने अखिल भारतीय ग्रामीण उत्थान समिति (एबीजीयूएस) के साथ मिलकर मोबाइल मेडिकल यूनिट प्रोजेक्ट “एसबीआई संजीवनी-क्लिनिक ऑन व्हील्स” की शुरुआत हरियाणा के नुह जिले के तौरू ब्लॉक के 20 गांवों में की है। ये एमएमयू हर तरह की आधारभूत और ज़रूरी सुविधाओं से युक्त जिसका उद्देश्य बचाव और उपचार से संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराना है। इसके अलावा डायग्नॉस्टिक्स और रेफरल की सुविधा भी उपलब्ध है। इस प्रोजेक्ट ने आईपीडी और ज़रूरी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार के “सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र” के साथ अपना नेटवर्क स्थापित किया है। एबीजीयूएस-एसबीआई फाउंडेशन का एमएमयू प्रोजेक्ट इन गांवों में नियमित रूप से विशेष स्वास्थ्य एवं जागरूकता कैंप का आयोजन भी करेगा।
इस प्रयास के बारे में मंजुला कल्याणसुंदरम, मैनेजिंग डायरेक्टर, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया फाउंडेशन ने कहा, “स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना एसबीआई फांउडेशन की सीएसआर रणनीति का अहम हिस्सा रहा है और हमारा मानना है कि अपने एसबीआई संजीवनी प्रयास के माध्यम से हम तौरू ब्लॉक के गांवों में रहने वाले लोगों की जीवन की गुणवत्ता में सुधार ला पाएंगे। यह प्रयास लोगों के दरवाज़े तक न सिर्फ प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाएगा, बल्कि विशेष अभियानों और कैंप के माध्यम से इन इलाकों में जागरूकता और साफ-सफाई रखने के प्रयासों को भी बढ़ावा देगा।”
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सीएसआर इकाई एसबीआई फाउंडेशन समाज की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के दृष्टिकोण से सीएसआर प्रयास करता है। इसमें खास तौर पर समाज के पिछड़े तबके के लोगों का ध्यान रखा जाता है और उन्हें इस योग्य बनाने की कोशिश की जाती है कि वे अपनी पूरी क्षमता से अपना जीवन जी सकें।
इस गठजोड़ के बारे में राजेश वर्मा, एग्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर, एबीजीयूएस ने कहा, “हमें बेहद खुशी है कि हमने खास तौर पर ऐसे इलाकों में रहने वाले लोगों की सेहत और देखभाल के लिए एसबीआई फाउंडेशन जैसे संस्थान से साझेदारी की है जहां आधारभूत और प्राथमिक सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए इसकी शुरुआत तौरू ब्लॉक के दूरदराज के गांवों से की जा रही है। एबीजीयूएस पिछले तीन दशकों से खास तौर पर महिलाओं और बच्चों के संपूर्ण विकास के लक्ष्य के साथ काम कर रहा है। इसके लिए जागरूकता का प्रसार करने, स्वास्थ्य एवं सफाई, पानी और सैनिटेशन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्यक्रमों के साथ उनकी समस्याओं को सुलझाने और उनकी आधारभूत ज़रूरतों को पूरा करने जैसे काम किए जा रहे हैं। एबीजीयूएस के प्रयासों के माध्यम से 5 लाख से ज़्यादा लोग लाभ उठा चुके हैं। इस प्रयास के माध्यम से भी हम तौरू ब्लॉक के एक लाख से अधिक लोगों तक पहुंच सकेंगे।”
अखिल भारतीय ग्रामीण उत्थान समिति (एबीजीयूएस) एक स्वयंसेवी सिविल सोसाइटी संगठन है जो 1987 से समाज को सशक्त बनाने और उसके विकास के लिए काम कर रही है। एबीजीयूएस ने ज़मीनी स्तर पर लोगों के साथ काम करके और उनके साथ नज़दीकी जुड़ाव के माध्यम से काफी कुछ सीखा है। संगठन ने “गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य एवं शिक्षा, पानी और सैनिटेशन, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, आजीविका विकास, महिला सशक्तिकरण और क्षमतावान नेतृत्व विकास” जैसे विषयों पर कार्यक्रमों को लागू करने में विशेषज्ञता हासिल की है। इसमें योजना बनाना, उनकी डिज़ाइन तैयार करना और उन्हें लागू करना शामिल है। ऐसा करते हुए क्षमता निर्माण और नेतृत्व विकास के माध्यम से सामुदायिक सशक्तिकरण उनका मुख्य लक्ष्य होता है।