-प्रधान मंत्री ने किया गुजरात के गांधीनगर में ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन समिट का उदघाटन
-आयुष पार्क का नेटवर्क स्थापित करने की घोषणा
-ट्रेडिशनल मेडिसिन्स क्षेत्र में startup culture को प्रोत्साहन देने के लिए कई बड़े कदम उठाएं
गांधीनगर : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के गांधीनगर में ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट रंड इनोवेशन सम्मेलन का उद्घाटन किया . इस अवसर पर प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि आयुष के क्षेत्र में Investment और Innovation की संभावनाएं असीमित हैं। आयुष दवाओं, supplements और कॉस्मेटिक्स के उत्पादन में हम पहले ही अभूतपूर्व तेज़ी देख रहे हैं। आपको जानकर आनंद होगा, 2014 से पहले, जहां आयुष सेक्टर में 3 बिलियन डॉलर से भी कम का काम था। आज ये बढ़कर 18 बिलियन डॉलर के भी पार हो गया है। जिस प्रकार पूरी दुनिया में आयुष products की मांग बढ़ रही है, उससे ये ग्रोथ आने वाले वर्षों में और ज्यादा बढ़ेगी। Nutritional supplements हों, medicines का supply chain management हो, आयुष-आधारित diagnostic tools हों, या फिर telemedicine, हर तरफ Investment और Innovation की नई संभावनाएं हैं।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री ने घोषणा की कि शीघ्र ही, भारत सरकार एक विशेष आयुष वीजा कैटेगरी शुरू करने जा रही है। इससे लोगों को आयुष चिकित्सा के लिए भारत आने-जाने में सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि आज एक और घोषणा मैं आपके बीच कर रहा हूं। देश भर में आयुष प्रॉडक्ट्स के प्रचार-प्रसार के लिए, रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार Ayush Parks का नेटवर्क विकसित करेगी। ये आयुष पार्क, देश में आयुष मैन्युफैक्चरिंग को नई दिशा देंगे।
प्रधान मंत्री ने कहा कि ऐसी इंवेस्टमेंट समिट का विचार मुझे उस समय आया था, जब कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ था। हम सभी देख रहे थे कि उस दौरान, किस तरह आयुर्वेदिक दवाइयां, आयुष काढ़ा और ऐसे अनेक प्रोडक्ट्स, इम्यूनिटी बढ़ाने में लोगों की मदद कर रहे थे और उसका परिणाम जब ये कोरोना कालखंड था, तब भारत से हल्दी का एक्सपोर्ट अनेक गुना बढ़ गया था। यानी ये इसका सबूत है, इसी दौर में हमने देखा कि जो मॉर्डन फार्मा कंपनियां हैं, वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स हैं, उन्हें उचित समय पर निवेश मिलने पर उन्होंने कितना बड़ा कमाल करके दिखाया। कौन कल्पना कर सकता था कि इतनी जल्दी हम कोरोना की वैक्सीन विकसित कर पाएंगे- मेड इन इंडिया। इनोवेशन और इंवेस्टमेंट किसी भी क्षेत्र का सामर्थ्य कई गुना बढ़ा देता है। अब समय आ गया है कि आयुष क्षेत्र में भी इंवेस्टमेंट को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जाए। आज का ये अवसर, ये समिट, इसकी एक शानदार शुरुआत है।
उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय ने ट्रेडिशनल मेडिसिन्स क्षेत्र में startup culture को प्रोत्साहन देने के लिए कई बड़े कदम उठाएं हैं। कुछ दिन पहले ही All India Institute of Ayurveda के द्वारा विकसित की गई एक incubation centre का उद्घाटन किया गया है। जो startup challenge आयोजित किया गया है, उसमें भी जिस प्रकार का उत्साह युवाओं में देखने को मिला है वो बहुत encouraging है और आप सब मेरे नौजवान साथी तो ज्यादा जानते हैं कि एक प्रकार से भारत का स्टार्ट अप का ये स्वर्णिम युग शुरू हो चुका है। एक प्रकार से भारत में आज यूनिकॉर्न्स का दौर है। साल 2022 में ही यानी 2022 को अभी चार महीने पूरे नहीं हुए हैं। साल 2022 में ही अब तक भारत के 14 स्टार्ट-अप्स, यूनिकॉर्न क्लब में जुड़ चुके हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत ही जल्द आयुष के हमारे स्टार्ट अप्स से भी यूनिकॉर्न उभर कर सामने आएगा।
उनका कहना था कि भारत में हर्बल प्लांट्स का खज़ाना है और हिमालय तो इसी के लिए जाना जाता है, ये एक तरह से ये हमारा ‘ग्रीन गोल्ड’ है। हमारे यहां कहा भी जाता है, अमंत्रं अक्षरं नास्ति, नास्ति मूलं अनौषधं। यानी कोई अक्षर ऐसा नहीं हैं, जिससे कोई मंत्र न शुरू होता हो, कोई ऐसी जड़ नहीं हैं, जड़ी बूटी नहीं है, जिससे कोई औषधि न बनती हो। इसी प्राकृतिक संपदा को मानवता के हित में उपयोग करने के लिए हमारी सरकार हर्बल और मेडिसिनल प्लांट्स के उत्पादन को निरंतर प्रोत्साहित कर रही है.
उन्होंने आश्वस्त किया कि Herbs और मेडिसिनल प्लांट का उत्पादन, किसानों की आय और आजीविका बढ़ाने का अच्छा साधन हो सकता है। इसमें Employment Generation का भी बहुत Scope है। लेकिन, हमने ये देखा है कि ऐसे Plants और Products का मार्केट बहुत लिमिटेड होता है, स्पेशलाइज्ड होता है। बहुत जरूरी है कि मेडिसिनल प्लांट्स की पैदावार से जुड़े किसानों को आसानी से मार्केट से जुड़ने की सहूलियत मिले। इसके लिए सरकार आयुष ई-मार्केट प्लेस के आधुनिकीकरण और उसके विस्तार पर भी बहुत तेजी से काम कर रही है। इस पोर्टल के जरिए, Herbs और मेडिसिनल प्लांट की पैदावार से जुड़े किसानों को, उन कंपनियों से जोड़ा जाएगा जो आयुष प्रॉडक्ट्स बनाती हैं।
दूसरे देशो के साथ हुए समझौते की चर्चा करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि आयुष products के निर्यात को प्रमोट करने के लिए भी बीते सालों में अभूतपूर्व प्रयास हुए हैं। दूसरे देशों के साथ आयुष औषधियों की परस्पर मान्यता पर बल दिया गया है। इसके लिए हमने बीते सालों में अलग-अलग देशों के साथ 50 से अधिक MOU किए हैं। हमारे आयुष एक्सपर्ट्स Bureau of Indian Standards के साथ मिलकर ISO standards विकसित कर रहे हैं। इससे आयुष के लिए 150 देशों से भी अधिक देशों में एक विशाल export market खुलेगा। इसी तरह FSSAI ने भी पिछले ही हफ्ते अपने regulations में ‘आयुष आहार’ नाम की एक नयी category घोषित की है। इससे हर्बल nutritional supplements के उत्पादों को बहुत सुविधा मिलेगी। मैं आपको एक और जानकारी देना चाहता हूं। भारत एक स्पेशल आयुष मार्क भी बनाने जा रहा है, जिसकी एक ग्लोबल पहचान भी बनेगी। भारत में बने उच्चतम गुणवत्ता के आयुष प्रॉडक्ट्स पर ये मार्क लगाया जाएगा। ये आयुष मार्क आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रावधानों से युक्त होगा। इससे विश्व भर के लोगों को क्वालिटी आयुष प्रॉडक्ट्स का भरोसा मिलेगा। हाल में बने आयुष export promotion council से भी निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा और विदेशी बाज़ार खोजने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि आज एक और घोषणा मैं आपके बीच कर रहा हूं। देश भर में आयुष प्रॉडक्ट्स के प्रचार- प्रसार के लिए, रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार Ayush Parks का नेटवर्क विकसित करेगी। ये आयुष पार्क, देश में आयुष मैन्युफैक्चरिंग को नई दिशा देंगे।
उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि मेडिकल टूरिज्म, आज भारत मेडिकल टूरिज्म के लिए, दुनिया के कई देशों के लिए एक बहुत ही आकर्षक डेस्टिनेशन बना है। उस बात को ध्यान में रखते हुए मेडिकल टूरिज्म के इस सेक्टर में जहां इन्वेस्टमेंट की बहुत संभावनाएं हैं। हमने देखा है कि किस तरह केरल के टूरिज्म को बढ़ाने में Traditional Medicine ने मदद की। ये सामर्थ्य पूरे भारत में है, भारत के हर कोने में है। ‘Heal in India’ इस दशक का बहुत बड़ा ब्रैंड बन सकता है। आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा आदि विद्याओं पर आधारित wellness centres बहुत प्रचलित हो सकते हैं।
हेल्थ टूरिज्म की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश में तेज़ी से विकसित हो रहा आधुनिक कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर इसको और अधिक मदद करेगा। जो विदेशी नागरिक, जैसा मैंने कहा कि आज हेल्थ टूरिज्म के लिए भारत एक आकर्षक डेस्टिनेशन बन रहा है, तो जब विदेशी नागरिक भारत में आकर आयुष चिकित्सा का लाभ लेना चाहते हैं, उनके लिए सरकार एक और पहल कर रही है। शीघ्र ही, भारत एक विशेष आयुष वीजा कैटेगरी शुरू करने जा रही है। इससे लोगों को आयुष चिकित्सा के लिए भारत आने-जाने में सहूलियत होगी।
सम्मलेन में मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ , WHO के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर टेड्रोस, गुजरात के ऊर्जावान मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल , मनसुख भाई मांडविया , महेंद्र भाई मुंजपरा और देश विदेश से कई राजनयिक , वैज्ञानिक , उद्यमी और विशेषज्ञ भी मौजूद थे .