चंडीगढ़ : चंडीगढ़ के पूर्व सांसद एवं भारत सरकार के अपर महा सॉलीसीटर सत्यपाल जैन ने पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार की तीव्र आलोचना करते हुए कहा है कि पंजाब विधानसभा द्वारा शुक्रवार को पारित प्रस्ताव अर्थहीन, तर्कहीन तथा महत्वहीन है. उन्होंने कहा है कि पंजाब सरकार का यह कदम 1 अप्रैल के दिन जनता का अप्रैल फूल बनाने जैसा कदम है. भगवंत मान सरकार ने यह अर्थहीन प्रस्ताव जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटाकर लोगों को गुमराह करने के लिए पारित कराया है.
श्री जैन ने कहा कि चंडीगढ़ में जो केंद्रीय सर्विस रूल लागू किए गए हैं वह भारत के संविधान की धारा 309 के अंतर्गत बनाए गए हैं जो केंद्र सरकार को अपने कर्मचारियों के लिए रूल्स बनाने के अधिकार देता है. इसलिए पंजाब सरकार या पंजाब विधानसभा के पास उनके विरुद्ध प्रस्ताव पास करने का कोई अधिकार नहीं है और कोई भी ऐसा प्रस्ताव असंवैधानिक है।
पूर्व सांसद श्री जैन ने कहा कि अच्छा होता कि यदि पंजाब सरकार यूपी के कर्मचारियों को मिले पे स्केल का विरोध करने के बजाय अपने कर्मचारियों को उससे भी अधिक पे स्केल देने का प्रस्ताव लाती. परंतु कर्मचारियों को मिले अधिक वेतनमान का विरोध करके पंजाब सरकार ने यह साबित कर दिया कि वह कर्मचारी विरोधी है।
श्री जैन ने कहा कि 1966 में पंजाब के विभाजन के समय शाह कमीशन ने पूरी खरड तहसील जिसका चंडीगढ़ भी हिस्सा था हरियाणा को देने की सिफारिश की थी. परंतु तब की केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया तथा खरड शहर को पंजाब में दे दिया. उन्होंने कहा कि पिछले 55 वर्षों से चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि हालांकि पंजाब विधानसभा पहले भी कई बार ऐसे प्रस्ताव पास कर चुकी है।
श्री जैन ने कहा कि आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ यूनिट अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि क्या वह चंडीगढ़ को पंजाब के देने के पक्ष में है या इसे यू टी ही बनाए रखना चाहता है।