गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने यूएई के निवेशकों को हरियाणा में निवेश के लिए किया आमंत्रित

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हरियाणा सरकार द्वारा निवेशकों के लिए कई कदम उठाए गए, राज्य में कई तरह की विभिन्न सुविधाएं कराई जा रही हैं मुहैया- अनिल विज

चंडीगढ़, 12 फरवरी :  हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) के निवेशकों को हरियाणा में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा निवेशकों के लिए कई कदम उठाए गए हैं और राज्य में कई तरह की विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

श्री विज आज सीआईआई, सेक्टर-31, चंडीगढ़ में आयोजित भारतीय व्यापार भागीदार कार्यक्रम के साथ एक समझौता ज्ञापन और मैजेस्टिक इन्वेस्टमेंट, शीपेस, विजापास्पो, जगेरोस के उद्घाटन समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में यूनाइटेड अरब अमीरात के शिक्षा मंत्री और शासक परिवार के सदस्य शेख मजीद राशिद अल मुअल्ला और उनकी कोर टीम के सदस्य भी मौजूद थे।

चंडीगढ़ भारत में सबसे अच्छी तरह से नियोजित शहर है- विज

यूएई के शिक्षा मंत्री का स्वागत करते हुए श्री विज ने कहा कि चंडीगढ़ भारत में सबसे अच्छी तरह से नियोजित शहर है, जिसकी वास्तुकला विश्व प्रसिद्ध है, और जीवन की गुणवत्ता, जो अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा राज्यों की राजधानी और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के रूप में यह एक प्रतिष्ठित शहर है और आधुनिक भारत का चेहरा है।

उन्होंने कहा कि “मुझे यह जानकर खुशी हुई कि शिक्षा मंत्री की कंपनी ने चंडीगढ़ शहर में अपना नया कार्यालय स्थापित करने का फैसला किया है, क्योंकि चंडीगढ़ के कई लोग कंपनी में काम करते हैं।”

उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ एक अलग तरह का लाभ प्रदान करता है क्योंकि चंडीगढ़ पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर राज्यों को सुगम कनेक्टिविटी प्रदान करता है और निवेशकों को फ्री जोन क्षेत्र का भी लाभ मिल सकता है।

हरियाणा भारत के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक है- विज

गृह मंत्री ने कहा कि हरियाणा भारत के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक है और राज्य को भारत का एक औद्योगिक पावरहाउस माना जाता है, जिसमें 250 से अधिक फॉर्च्यून कंपनियां हरियाणा में स्थित हैं। देश के 1.3 प्रतिशत क्षेत्र को कवर करने वाले हरियाणा ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 3.94 प्रतिशत का योगदान दिया है। 2.54 करोड़ की कुल जनसंख्या (2011 की जनगणना) के साथ राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2,39,535 रुपये है, जोकि भारत की प्रति व्यक्ति आय से दोगुनी है। जीएसवीए में उद्योग क्षेत्र का योगदान 30.2 प्रतिशत है और राज्य में एफडीआई 1.7 बिलियन अमरीकी डालर (अप्रैल 2020- मार्च 2021) है जो इसे देश में छठा सबसे बड़ा एफडीआई बनाता है।

हरियाणा ने विभिन्न क्षेत्रों में कई मील के पत्थर हासिल किए- विज

उन्होंने कहा कि हरियाणा ने विभिन्न क्षेत्रों में कई मील के पत्थर हासिल किए हैं जैसे लॉजिस्टिक्स ईज में दूसरा रैंक (लीडस सर्वे 2021 के अनुसार), निर्यात तैयारी सूचकांक 2020 में तीसरा (लैंडलॉक श्रेणी), तीसरा सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर निर्यातक राज्य, जिसमें वैश्विक बीपीओ कार्यबल का 5 प्रतिशत है। इसी तरह, भारत में 7वां सबसे बड़ा निर्यातक राज्य (लैंडलॉक में दूसरा) और कपास का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है, जो भारत में कुल उत्पादन का 6 प्रतिशत योगदान देता है।

श्री विज ने कहा कि राज्य की रणनीतिक स्थिति अंतर्निहित लाभ है और राज्य का लगभग 60 प्रतिशत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और मजबूत कनेक्टिविटी के अंतर्गत आता है।

फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी, हिसार, सोनीपत, मानेसर, गुरुग्राम जैसे प्रमुख जिलों को कवर करने वाले फ्रेट कॉरिडोर- दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) के साथ इसका भौगोलिक संगम और अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर (एकेआईसी) के अंतर्गत आने वाला एक बड़ा क्षेत्र है। राज्य में 5 घरेलू हवाई अड्डे हैं, जैसे हिसार, भिवानी, करनाल, नारनौल और पिंजौर तथा 2 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों- चंडीगढ़ और नई दिल्ली से निकटता भी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 9 अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी), 3 कंटेनर फ्रेट स्टेशन और 8 निजी फ्रेट टर्मिनल हैं जो अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक हैं।

भारत उद्योग और निवेश के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है- विज

श्री विज ने कहा कि भारत उद्योग और निवेश के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया और स्किल्स इंडिया जैसे प्रमुख कार्यक्रमों द्वारा भारत में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। व्यापार और सेवाओं में विदेशी व्यापार के विकास और रोजगार के सृजन के लिए एक स्थिर और टिकाऊ वातावरण प्रदान करने के लिए, एक विदेश व्यापार नीति लागू की गई है। भारत के विदेश व्यापार में पिछले 46.28 अमेरिकी अरब डॉलर की तुलना में 57.87 अमेरिकी अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि “भारत सरकार सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास के नारे के साथ काम कर रही है”।

भारत-यूएई आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध दोनों देशों के बीच तेजी से विविधीकरण और गहराते द्विपक्षीय संबंधों की स्थिरता व मजबूती में योगदान कर रहे है- विज

उन्होंने कहा कि बढ़ते भारत-यूएई आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध दोनों देशों के बीच तेजी से विविधीकरण और गहराते द्विपक्षीय संबंधों की स्थिरता और मजबूती में योगदान कर रहे हैं। भारत-यूएई व्यापार का मूल्य लगभग 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर (फरवरी 2020) है। भारत में यूनाइटेड अरब अमीरात का निवेश लगभग 13-14 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है; यह भारत के लिए 10वां सबसे बड़ा एफडीआई निवेशक भी है।

भारत में यूएई का निवेश मुख्य रूप से पांच क्षेत्रों सेवा क्षेत्र, समुद्री परिवहन, बिजली, निर्माण गतिविधियां और निर्माण विकास (टाउनशिप, हाउसिंग, बिल्ट-अप इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्माण-विकास परियोजनाएं) में है। एचसीएल इंफोसिस्टम्स, विप्रो, टाटा, नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड, डेन्यूब, एलएंडटी, शोभा ग्रुप, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एसर ग्रुप सहित कई प्रमुख भारतीय कंपनियों के कार्यालय यूएई में हैं।

उपर्युक्त सभी औद्योगिक विकास और आर्थिक विकास के साथ भारत संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच लंबे समय तक चलने वाले आर्थिक संबंध बनाना चाहता है जो विश्वास और सहयोग को और मजबूत करेगा।

गृह मंत्री ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संबंधों को विकसित करने में एक लंबा सफर तय करेगा। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए सीआईआई की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार व्यापारियों को हर प्रकार का सहयोग प्रदान करने तैयार है।
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