रक्षा अधिग्रहण परिषद ने सशस्त्र बलों के लिए 7,965 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी

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प्रमुख बिंदु:

  • एचएएल से 12 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी
  • बीईएल का लिंक्स यू 2 फायर कंट्रोल सिस्टम नौसेना के युद्ध पोतों की आग का पता लगाने संबंधी क्षमताओं में वृद्धि करेगा
  • तटीय निगरानी की नौसैनिक क्षमता बढ़ाने के लिए एचएएल से डोर्नियर विमानों के मिड लाइफ अपग्रेडेशन को मंजूरी
  • नौसेना गन्स की वैश्विक खरीद का मामला बंद; बीएचईएल द्वारा निर्मित उन्नत शॉर्ट रेंज गन माउंट में गन्स जोड़ी गई

नई दिल्ली :   रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सशस्त्र बलों की आधुनिकीकरण और अभियानगत आवश्यकताओं के लिए 7,965 करोड़ रुपये के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) को मंजूरी प्रदान कर दी। ये सभी प्रस्ताव (100%) भारत में डिजाइन, विकास और निर्माण पर फोकस के साथ ‘मेक इन इंडिया’ के तहत हैं ।

घरेलू स्रोतों से खरीद की प्रमुख मंजूरी में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से बारह लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर; भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से लिंक्स यू2 फायर कंट्रोल सिस्टम, जो नौसेना के युद्ध पोतों की आग का पता लगाने संबंधी क्षमताओं में वृद्धि करेगा तथा एचएएल से डोर्नियर एयरक्राफ्ट के मिड लाइफ अपग्रेडेशन की मंजूरी शामिल है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को एक और प्रोत्साहन के रूप में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) द्वारा निर्मित किए जा रहे उन्नत सुपर रैपिड गन माउंट (एसआरजीएम) में जोड़े गए इन तोपों की मात्रा के साथ नौसेना तोपों की वैश्विक खरीद के मामले को बंद कर दिया गया है। ये एसआरजीएम निर्देशित युद्ध सामग्री और रेंज एक्सटेंशन का उपयोग करके तेजी से युद्धाभ्यास लक्ष्यों को प्राप्त करने की विशिष्ट क्षमताएं प्रदान करते हैं और इन्हें भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर फिट किया जाना है।

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