6 माह में भी नहीं मिला जवाब आरटीआई का जवाब !

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नियमों की उड़ा रहे हैं धज्जियाँ 

यूनुस अलवी

मेवात :  जन सूचना कानून कि अधिकारी और सरपंच जमकर धज्जियां उडा रहे हैं। पिछले 6 माह से आरटीआई का जवाब लेने के लिये पीडित सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। अब पीडित ने इस मामले को जन सूचना कमिश्नर के पास ले जाने कि चेतावनी दी है।

 

    गांव कंवरसीका निवासी अमजद खां ने बताया कि उसने ग्राम पंचायत कवंरसीका में वर्ष 2005 से लेकर फरवरी 2016 तक पंचायत में विकास के लिये कितनी राशी आई और पंचायत के कितने खाते कौन-कौन सी बैंक में हैं। इस दौरान कितना पैसा कहां-कहां और किस-किस काम पर खर्च किया गया। इसके अलावा वर्ष 2005 से लेकर फरवरी 2016 तक पंचायत कि कितनी जमीन अधिग्रहण कि गई, अधिग्रहण से कितनी राशी प्राप्त हुई, कितने पैसों कि एफडी कौन-कौन सी बैंकों में कराई गई। अधिग्रहण से प्राप्त राशी को कहां-कहां खर्च किया गया। उसने इन सवालों का जवाब आरटीआई के तहत मांगा था।

 

उन्होने इसकी पहली आरटीआई दिनांक 10 जून 2016 को नूंह के बीडीपीओ कार्यालय में लगाई थी, उसके दो महिने तक जब जवाब नहीं मिला तो उसने फिर से 31 अगस्त 2016 को बीडीपीओ कार्यालय में ही रिमांडर लगाया था। अमजद का कहना है कि वह आरटीआई का जवाब लेने के लिये अधिकारियों के पिछले 6 माह से चक्कर काट रहा है लेकिन उसको जवाब देने कि बजाये अधिकारी सीधे मूंह बात तक करने को भी राजी नहीं हैं। उन्होने बताया कि इस तरह तो आरटीआई कानून कि धज्जिया उडाई जा रही हैं। अमजद ने चेतावनी देते हुऐ कहा कि अगर उसे तीन दिन के अंदर आरटीआई का जवाब नहीं दिया तो वह इस मामले की आरटीआई आयुक्त के यहां शिकायत करेगा।

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